अमित शाह के फर्जी वीडियो की जांच तेज, सात राज्यों तक पहुंची दिल्ली पुलिस; दे रही नोटिस
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस की जांच सात राज्यों तक फैल चुकी है। पुलिस की टीमें सभी जगह नोटिस देने पहुंच रही है। गृह मंत्री अमित शाह की डॉक्टर्ड वीडियो को सर्कुलेट करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने 7-8 राज्यो में 16 लोगों को सीआरपीसी 91, 160 के तहत पूछताछ में शामिल होने के लिए सम्मन दिया है।
सीआरपीसी 160 का मतलब होता है किसी केस की जांच के लिए पुलिस के पास अधिकार होता है कि वो किसी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दे साथ ही सीआरपीसी 91 के तहत कोई दस्तावेज या गजेट्स पेश करने के लिए कहा जाता है।
तेलंगाना के सीएम रेवन्त रेडी समेत तेलंगाना कांग्रेस के छह लोग और इनके अलावा कुछ और राज्यो में भी कुछ लोगों को नोटिस देकर पूछताछ में शामिल होने के लिए एक मई को कहा गया है। अब देखना है कि एक मई को कौन-कौन दिल्ली के द्वारका में आईएफएसओ यूनिट में आकर इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन करता है। कौन अपना जवाब ईमेल के जरिए भेजता है। उसी के बाद जांच आगे बढ़ेगी। सभी को अपने साथ अपना मोबाइल, लैपटॉप लाने के लिए कहा गया है। साथ ही सूत्रों के मुताबिक, असम पुलिस ने असम से जिस रितम सिंह को गिरफ्तार किया है। उसे अभी दिल्ली पुलिस अपनी कस्टडी में नहीं लेगी।
दरअसल, सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें छेड़छाड़ की गई है। वीडियो में शाह एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। एक दिन पहले रविवार को शाह का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले लोगों को खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एफआईआर दर्ज की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लिया है। स्पेशल सेल उन एक्स अकाउंट पर नजर रख रही है, जो इस वीडियो को पोस्ट कर रहे हैं। वीडियो डिलीट करने वाले भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली पुलिस ने एक्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को पत्र लिखकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ किए गए वीडियो के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी थी। जिसे ऑनलाइन साझा किया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीते रविवार को भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (ढ्ढ4ष्ट) द्वारा शाह के छेड़छाड़ किए गए वीडियो के बारे में शिकायत दर्ज करने के बाद एक एफआईआर दर्ज की थी, जहां उनके बयान कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता का संकेत दे रहे थे।
मामले में दिल्ली पुलिस एक्टिव हो गई है। पुलिस ने एक्स और फेसबुक को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने जानकारी मांगी है कि दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से किस-किसने से गृहमंत्री शाह के फर्जी वीडियो को शेयर किया है।