अस्पताल बंद करना ही बेहतर, मेडिकल कॉलेज में हुई तोडफ़ोड़ पर कलकत्ता हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

कोलकात। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बुधवार आधी रात कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोडफ़ोड़ की। अस्पताल में हुई तोडफ़ोड़ पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज सख्त टिप्पणी की है।
कोर्ट ने इस घटना पर चिंता जताते हुए राज्य मशीनरी को पूरी तरह नाकाम बताया है। वहीं, कोर्ट ने सलाह दी है कि बेहतर होगा अस्पताल बंद किया जाए। वहीं, अस्पताल में मौजूद मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाए।
बता दें कि आरजी कर अस्पताल के नजदीक पुलिस बैरिकेड तोडक़र कर भीड़ परिसर में घुस गई थी। कुछ लोगों ने कुर्सियां और बोर्ड तोड़ दिए थे। यह घटना तब हुई जब जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए बड़ी संख्या में महिलाएं कोलकाता की सडक़ों प्रदर्शन कर रही थीं।
अस्पताल में हुई तोडफ़ोड़ को लेकर पुलिस ने जानकारी दी थी कि 30-40 युवक अंदर घुसकर तोडफ़ोड़ की है। तोडफ़ोड़ करने वाले ये लोग कौन है इसका पता नहीं चल सका है। बड़ी बात यह है कि पुलिस के सामने ही तोडफ़ोड़ होती रही। इस पर अब प्रश्न यह उठने लगा है कि क्या महिलाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए तो सुनियोजित घटना तो नहीं है। साथ ही भीड़ ने धरना मंच भी तोड़ दिया गया।
बताते चलें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में जूनियर महिला रेजिडेंट डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की घटना के विरोध में रेजिडेंट डाक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। इस वजह से शुक्रवार को भी एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, जीबी पंत सहित दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी को छोडक़र ओपीडी, नियमित सर्जरी व अन्य सभी चिकित्सा सुविधाएं प्रभावित रहेंगी।

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