जयंत ने यूपी की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल, कहा- पुलिस को सुधारकर ही रहेंगे!

RLD अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी आजकल उत्तर प्रदेश पुलिस से खुश नहीं चल रहे हैं... जिस पुलिस को यूपी सीएम योगी अपनी ताकत बताते हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष और बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी….. इस समय यूपी पुलिस और यूपी की कानून व्यवस्था से नाराज चल रहे हैं……. जिस पुलिस को सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी ताकत बताते हैं….. उसी पुलिस को सुधारने के लिए जयंत चौधरी ने कसम खा ली है….. आपको बता दें कि जयंत चौधरी ने कहा कि है कि तब तक नहीं रूकेंगे जब तक यूपी पुलिस को सुधार नहीं लेते…… उनकी ये चुनौती योगी के ताकतवर पुलिस की पोल खोलती है…. जयंत ने दावा करते हुए कहा कि हमारी ट्वीट नहीं बंद होती है….. और आगे भी जारी रहेगी….. जानकारी के मुताबिक जयंत चौधरी यूपी पुलिस से नाराज चल रहे हैं….. और यूपी पुलिस पर लगातार टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं….

वहीं जब मेरठ पुलिस द्वारा सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर बयान दिया गया…… तो जयंत चौधरी ने अपने एक्स हैंडल से मात्र चार शब्द लिखे…. Policing towards Orwellian 1984!….. और जयन्त ने इसे ”आरवेलियन 1984 की ओर पुलिसिंग” बताया….. ”आरवेलियन” उस अन्यायपूर्ण व अधिनायकवादी स्थिति को कहते हैं……. जो एक स्वतंत्र और खुले समाज के लिए विनाशकारी हो……. मेरठ एडीजी डीके ठाकुर ने कहा था कि ईद-उल-फितर की नमाज सड़क पर अदा नहीं करने दी जाएगी…… किसी ने सड़क पर नमाज अदा करने का प्रयास किया तो पुलिस एफआइआर करेगी…… और आरोपितों के पासपोर्ट तक निरस्त कराए जाएंगे…… इस पर रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने एक्स हैंडल पर कड़ी प्रतिक्रया दी……. उन्होंने इस चेतावनी की तुलना जार्ज आरवेल के उपन्यास 1984 से की……. जयन्त ने कहने की कोशिश की है कि वर्तमान पुलिस व्यवस्था वैसी हो गई है…… जैसी जार्ज आरवेल ने अपने उपन्यास में बताई है……. इस उपन्यास में बताया गया है कि एक अधिनायकवादी सरकार होती है…….. जो लोगों की हर गतिविधि पर नजर रखती है……. और उनकी स्वतंत्रता को सीमित करने की कोशिश करती है……

आपको बता दें कि जयंत चौधरी का यह बयान ऐसे समय में आया है…….. जब प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी……. और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस छिड़ी हुई है……. जयंत का यह कदम क्या वाकई पुलिस व्यवस्था में बदलाव की शुरुआत है……. या फिर यह एक सियासी रणनीति का हिस्सा है……. जिसका मकसद पश्चिमी यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करना है……. जयंत चौधरी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर अपनी नाराजगी जाहिर की…….. उनका कहना था कि पुलिस को और अधिक संवेदनशील, पारदर्शी और जनता के प्रति जवाबदेह बनाए जाने की जरूरत है…… खास तौर पर उन्होंने मेरठ में सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर पुलिस के एक आदेश का जिक्र किया……. जिसमें कहा गया था कि ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी…… और उनके पासपोर्ट तक रद्द किए जा सकते हैं…….. जयंत ने इस आदेश को गलत ठहराते हुए कहा कि यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला……. और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ है…..

इसके अलावा जयंत ने यूपी पुलिस के कुछ अन्य फैसलों पर भी सवाल उठाए…….. जैसे कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश…… और उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे कदमों से समाज में विभाजन पैदा होता है……. और पुलिस की छवि एक निष्पक्ष संस्था के रूप में कमजोर होती है…….. जयंत का मानना है कि पुलिस को अपराधियों में डर पैदा करने के लिए अपनी वर्दी की ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए……… न कि विवादास्पद आदेशों के जरिए जनता को डराने की कोशिश करनी चाहिए…..

आपको बता दें कि जयंत चौधरी ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद यूपी पुलिस को बदनाम करना नहीं….. बल्कि इसे और मजबूत करना है…… हमारी कोशिश यूपी पुलिस को सुधारने की है……. मेरे बयान और ट्वीट रुके नहीं हैं…… और यह एक सतत प्रयास है…… जयंत ने जोर देकर कहा कि पुलिस को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए……. जिसमें अपराधी सिर्फ वर्दी देखकर ही डर जाएं……. और आम जनता को पुलिस पर पूरा भरोसा हो….. उनके इस बयान को कई लोग एक सकारात्मक पहल के रूप में देख रहे हैं…….. जो पुलिस और जनता के बीच विश्वास का पुल बनाने की दिशा में एक कदम हो सकता है…..

हालांकि जयंत चौधरी का यह बयान केवल प्रशासनिक सुधार तक सीमित नहीं माना जा रहा है….. पश्चिमी यूपी में आरएलडी का मजबूत जनाधार है…….. और जयंत इस क्षेत्र में अपनी पार्टी की स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश में हैं……. बीजेपी के सहयोगी दल के तौर पर काम करने के बावजूद……… जयंत ने कई मौकों पर स्वतंत्र रुख अपनाया है……. माना जा रहा है कि पुलिस सुधार की बात उठाकर वे न केवल विपक्ष के मुद्दों को कमजोर करना चाहते हैं…….. बल्कि अपनी छवि एक जिम्मेदार और जनहितैषी नेता के रूप में भी पेश करना चाहते हैं…… वहीं विपक्षी दल खासकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, लंबे समय से यूपी में कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमलावर रहे हैं….. जयंत का यह बयान इन दलों के लिए एक चुनौती बन सकता है…….. क्योंकि यह उनके पारंपरिक वोट बैंक, खासकर मुस्लिम…… और जाट समुदाय, को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है…..

 

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