पूर्व एमएलसी महमूद अली की न्यायिक रिमांड मंजूर, युवती ने दर्ज कराया था गैंगरेप का केस
सहारनपुर। सहारनपुर में दिल्ली की युवती से गैंगरेप के मामले में पूर्व एमएलसी महमूद अली की 28 मार्च तक की न्यायिक रिमांड मंजूर कर ली गई है। महमूद अली पिछले चार महीने से चित्रकूट जेल में बंद है। गुरुवार को चित्रकूट जेल से लाकर सहारनपुर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के बाद फिर से चित्रकूट जेल भेजा गया है।
विशेष लोक अभियोजक गुलाब सिंह ने बताया, गुरुवार को तारीख होने पर चित्रकूट जेल में बंद पूर्व एमएलसी महमूद अली को सिविल की कोर्ट में पेश किया गया। जहां विवेचक असगर अली के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने महमूद अली की न्यायिक रिमांड मंजूर कर ली गई।
हाजी इकबाल के भाई महमूद अली और उसके दो बेटों जावेद, वाजिद समेत चार लोगों के खिलाफ दिल्ली की एक युवती ने 9 फरवरी को मिर्जापुर थाने में सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। हालांकि घटना 2022 की बताई गई थी।
जिसमें उसे ग्लोकल यूनिवर्सिटी में नौकरी देने के बहाने बुलाकर आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था। आरोपी जेल में बंद है। हाजी इकबाल के बेटों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड मंजूर पहले ही कराया जा चुका है।
दिल्ली की रहने वाली एक युवती 9 फरवरी को सहारनपुर के थाना मिर्जापुर पहुंची। युवती ने हाजी इकबाल के भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली सहित दो बेटों और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया है।
पीडि़ता का आरोप है, उसे नौकरी की जरूरत थी। मार्च 2022 में नौकरी के बहाने यूनिवर्सिटी बुलाया गया। पीडि़ता की मुलाकात सैफ नामक युवक से हुई। सैफ ने उसे ग्लोकल यूनिवर्सिटी में नौकरी मिलने की बात कही। आरोप है, सैफ पर यकीन कर युवती सहारनपुर आई थी। पीडि़ता ने तहरीर में बताया गया था, आरोपी सैफ ने उसकी मुलाकात हाजी इकबाल के भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली और बेटे जावेद और वाजिद से कराई थी। आरोपियों ने नौकरी का झांसा दिया था। रात को ग्लोकल यूनिवर्सिटी में रुकने को कहा।
आरोप था, महमूद अली, जावेद, वाजिद और सैफ ने यूनिवर्सिटी में ही सामूहिक बलात्कार किया। पीडि़ता का कहना है, वह आरोपियों के चंगुल से छूटकर भागी थी। डर की वजह से अब तक चुप रही थी।