किसी तानाशाही से नहीं डरते: कमलनाथ

विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष को घेरा

  • शिवराज सरकार ने समाज के हर वर्ग को धोखा दिया है: पूर्व सीएम
  • मध्य प्रदेश में चल रहा गुंडाराज : अरुण यादव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र के पांवचें दिन हंगामा भरा रहा। पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि हम किसी तानाशाही से नहीं डरतें। इससे पहले कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देने के बाद अब बीजेपी ने भी सज्जन सिंह और विजयलक्ष्मी साधौ के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है।
पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि जनमत से विश्वासघात कर बनी शिवराज सिंह चौहान की सौदेबाजी की सरकार मध्य प्रदेश विधानसभा के पवित्र मंदिर को अपनी तानाशाही की जागीर समझ रही है। भाजपा कथित विकास यात्रा के दौरान देख चुकी है कि जनता में उसके प्रति जबरदस्त गुस्सा है। शिवराज सरकार ने समाज के हर वर्ग को धोखा दिया है और झूठ बोला है। उनके वर्तमान कृत्यों से इस सरकार के पाप का घड़ा लगातार भरता जा रहा है। लेकिन तानाशाह सरकार एक बात समझ ले कि कांग्रेस ना तानाशाही से डरती है और ना सत्ता के दुरुपयोग से डरती है। हम हर मोर्चे पर लड़ेंगे और मध्य प्रदेश की जनता के आशीर्वाद से जीतेंगे। वहीं खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा में हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यादव ने कहा, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में दलालों की एक फौज तैयार है और प्रदेश में घूम रही है, जो यहां विधायकों को खरीदने का काम करती है। इतना ही नहीं जीतू पटवारी घटनाक्रम को लेकर भी कहा कि जब हम सदन में सच्ची बात करते हैं तो, हमारे एक साथी को सरकार निलंबित कर देती है। विधानसभा अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव को सहमति नहीं देते। अरुण यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में बीजेपी सरकार गुंडाराज चला रही है।

गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की लड़ाई में मेरा निलंबन : जीतू पटवारी

भोपाल। विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने शुक्रवार को कहा कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आपसी लड़ाई में मुझ पर कार्रवाई हुई। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि हमारे अध्यक्ष संविधान की शपथ और धर्म नहीं निभा रहे हैं। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कमलनाथ जी के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी लाई है। वो चर्चा से भागे हैं। किताबें फेंक कर भाग गए। क्योंकि चोरी करने वाला कभी मुंह नहीं दिखाता, मुंह छिपाकर भागता है। 13 मार्च को हिसाब देना पड़ेगा।

पटवारी बोलते कुछ और कहते कुछ और : विस अध्यक्ष

भोपाल। विधान सभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि पटवारी ने पटल पर कुछ रखा और बात कुछ और ही कहीं। जब उन्हें चुनौती दी गई तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए था। आप रिकॉर्डिंग देख सकते हैं। विधानसभा पब्लिक मंच नहीं है। विधानसभा मर्यादा, परंपरा, प्रक्रिया, नियम और कानून से चलती है। विधानसभा में ज्यादा बोलने का अधिकार सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष को ही है। कई बार भाषा की मर्यादा होती है। हम व्यंग्य और कटाक्ष से किसी को नहीं रोकते। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि सदन की गरिमा को ही खंडित कर दिया जाए। फिर भी निलंबित करने का प्रस्ताव आने पर मैंने उसे नहीं माना था। मैंने कहा था कि यह तमाम संसदीय गरिमा को ठेस पहुंचाएगा। मैंने खेद व्यक्त करने का निर्देश दिया था। पटवारी ने कहा कि हम खेद भी व्यक्त नहीं करेंगे।

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