कंगना और चिराग आए एक साथ, अपनों ने ही बगावत कर दी!
नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से काफी परेशानियों का सामना कर रहें है... अजैविक पीएम मोदी के अपने ही लगातार उनकी दुखती रगों को कुरेद रहें है...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से काफी परेशानियों का सामना कर रहें है… अजैविक पीएम मोदी के अपने ही लगातार उनकी दुखती रगों को कुरेद रहें है… पहले से ही मोदी अल्पमत में हैं… और अपने दो सहयोगियों के साथ बैसाखी के सहारे सत्ता चला रहें है…. विपक्ष मोदी की नीतियों को लेकर लगातार हमलावर है… दो राज्यों में चुनाव हो रहे है… सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी है… और बीजेपी नेता ही अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहें है… और मोदी की लगातार फजीहत करा रहैं है… वहीं मोदी और बीजेपी अभी कंगना के बयान से उबर नहीं पाई है… और मोदी के हनुमार चिराग पासवान ने बड़ा झटका दे दिया है… और उत्तर प्रदेश उपचुनाव में उम्मीदवार उतारने का फैसला कर लिया है… जो मोदी के लिए किसी झटके से कम नहीं है… खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग अब मोदी को आंख दिखाने लगे है… और खिलाफ जाकर दूसरे राज्यों में अपनी पार्टी का विस्तार करने में जुट गए है…. लगातार दो बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में रहने वाले मोदी को खुद को लेकर आंख पर पट्टी बंध गई थी… कि अब मुझे सत्ता से कोई भी बाहर नहीं कर सकता है… और हम अपने मन मर्जी के खिलाफ जो चाहेंगे करेंगे… लेकिन दो हजार चौबीस के लोतसभा चुनाव के बाद सारा गेम उल्टा पड़ गया और मोदी अल्पमत में आ गए… जिसके बाद सरकार चलाने के लिए मुंह मांगी कीमत देकर बैसाखी का सहारा लिया… इसके बाद भी परेशानी कम नहीं हो रही है… परेशानी और बढ़ती ही जा रही है… कभी नीतीश कुमार तो कभी चंद्रबाबू नायडू मोदी को झटके पर झटका दे रहें है….
बता दें कि बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है….. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया…और कौशांबी जिले में रैली को संबोधित किया…. इस दौरान चिराग पासवान दलित वर्ग के साथ दूसरे वोटरों को साथ लाने की कोशिश की… लोक जनशक्ति पार्टी के सिंबल पर जमुई सीट से सांसद अरुण भारती ने चिराग पासवान के दौरे को लेकर कहा था कि एनडीए से हमारा गठबंधन सिर्फ बिहार चुनाव…. और लोकसभा चुनाव को लेकर है….. अन्य राज्यों में हमारा कोई समझौता एनडीए के साथ नहीं है… और अब हमारा संगठन यहां विस्तार कर रहा है…. कुछ लोग उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिसकी हम तैयारी कर रहे हैं…. और उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान और आरक्षण को खतरे में बताने का दावा करते हैं… उनको चिराग पासवान मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है…. लोक जनशक्ति पार्टी के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने से एनडीए पर पड़ने वाले असर को लेकर यूपी सरकार में मंत्री और एनडीए के सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इसका एनडीए पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है….
बता दें कि ठीक इसी तरह हरियाणा में वोटिंग से पहले बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान से पूरे देश मे हलचल मची हुई है… बता दें कि कंगना रनौत अक्सर ही अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं….. फिर वो चाहे बॉलीवुड इंडस्ट्री को लेकर दिया गया उनका बयान हो या फिर उनके 2014 के बाद आजादी मिलने का बयान…… लेकिन जबसे कंगना ने राजनीति में एंट्री की है…. और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद बनी हैं….. तबसे भले कंगना रनौत के प्रोफाइल में परिवर्तन आ गया हो….. और अब वो सिर्फ बॉलीवुड अभिनेत्री न रहकर भाजपा सांसद भी हो गईं हों….. लेकिन कंगना का अंदाज और उनके बयान अभी भी पहले की ही तरह हैं….. यही कारण है कि अब कंगना के ये बयान उनके दल भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी भारी पड़ जाते हैं….. सबसे बड़ी बात कि बीजेपी के समझाने के बाद भी कंगना समझने को तैयार नहीं हैं….. और वो अक्सर ही कुछ न कुछ ऐसा बोल देती हैं…. जो सुर्खियों में आ जाता है और फिर विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल जाता है….. और मुश्किलों में पड़ जाती है कंगना रनौती की पार्टी भाजपा….. नतीजा विपक्ष चौतरफा बीजेपी को घेरने लगता है… और उस पर सवाल उठाने लगता है….. जिसके बाद बीजेपी फिर कंगना को लताड़ लगाती है….. उन्हें ये बताती है कि अब वो सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं बल्कि देश के सत्ताधारी दल की माननीय सांसद महोदया हैं…… उनके कुछ भी बोलने से काम नहीं चलेगा…… क्योंकि उनके बयानों को पार्टी से जोड़कर देखा जाने लगता है….. और इससे उनकी ही पार्टी को नुकसान होता है…. उसे जवाब देना पड़ता है….. लेकिन कंगना है कि मानती ही नहीं….. नतीजा उन्हें बार-बार पार्टी और विपक्ष दोनों से जलील होना पड़ता है…..
एक तो पता नहीं कंगना रनौत को इस देश के अन्नदाता किसानों से क्या दिक्कत है….. एक ओर भाजपा है जो किसानों को लुभाने का प्रयास कर रही है….. क्योंकि किसान बीजेपी से नाराज चल रहे हैं…. और उनकी नाराजगी का खामियाजा बीजेपी हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भुगत भी चुकी है….. ऐसे में अब जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं…. और चुनाव प्रचार जोरों पर है, तब भाजपा किसानों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाह रही है….. लेकिन ऐसे नाजुक हालात में भी कंगना किसानों को लेकर कुछ भी बोल रही हैं….. और बीजेपी को मुश्किल में डाल रही हैं…… हरियाणा चुनाव के बीच कंगना रनौत द्वारा तीनों कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की बात कहना….. एक बार फिर बीजेपी के लिए गले की फांस बन गया है….. क्योंकि वैसे ही हरियाणा में भाजपा इस बार पिछड़ती दिख रही है और कांग्रेस वहां पर बढ़त बनाते दिख रही है….. ऐसी परिस्थिति में जब बीजेपी खुद को हरियाणा में संभालने का प्रयास कर रही है….. तब भाजपा सांसद कंगना रनौत का तीनों कृषि कानूनों को वापस फिर से लागू करने की बात कहने वाले बयान ने विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया…..
जिसको लेकर न सिर्फ कांग्रेस और विपक्ष बल्कि एनडीए में बीजेपी के साथी भी कंगना रनौत और बीजेपी पर हमलावर हो गए….. हालांकि, मामले को बढ़ता देख भाजपा ने तुरंत ही कंगना रनौत के इस बयान से किनारा कर लिया…… और कह दिया कि ये उनका व्यक्तिगत विचार होगा…. पार्टी इससे सहमत नहीं है….. इसके बाद मामले के बढ़ने और चौतरफा घिरने के बाद भाजपा ने एक बार फिर सांसद महोदया कंगना रनौत को लताड़ लगाई…. और ये दिमाग में अच्छी तरह से बिठाने को कहा कि वो ऐसे ही कुछ भी अनर्गल बयान नहीं दे सकती हैं….. नतीजा कंगना रनौत को एक बार फिर जलील होना पड़ा… और अपने बयान पर माफी मांगनी पड़ी….. अपने शब्दों को वापस लेते हुए कंगना ने हाथ जोड़कर माफी मांगी….. कंगना ने अपने माफी वाले वीडियो में सोशल मीडिया पर कहा कि मेरे इस बयान से कई लोग निराश और हताश हैं….. जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया था….. तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था…. लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया और हम सभी कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है… कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें….. कंगना रनौत ने कहा कि मुझे भी यह ध्यान रखना होगा कि मैं अब कलाकार नहीं हूं….. मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं…. और मेरी राय मेरी अपनी राय न होकर पार्टी का रुख होनी चाहिए….. इसलिए अगर मेरी बातों और मेरी सोच से किसी को निराशा हुई है… तो मुझे खेद रहेगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं…..
बता दें कि तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी और मोदी लगातार चुनौतियों का ही सामना कर रहें है… और उनके सहयोगी हर बार उनके विपरीत जाकर मोदी की टेंशन को खई गुना अधिक बढ़ा देते हैं… वहीं अब देखना होगा कि मोदी अपने हनुमान को किस तरह से मनाते है… या फिर हनुमान मोदी की बात माने बिना यूपी उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारते हैं… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा…