कपिल सिब्बल का बड़ा बयान, कहा- राजनीतिक दलों से अपील करता हूं..,

कपिल सिब्बल ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे सरकार से आग्रह करें कि संसद का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस गंभीर मुद्दे पर केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस हमले के खिलाफ देश को एकजुट संदेश देना बेहद जरूरी है।

रविवार को कपिल सिब्बल ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे सरकार से आग्रह करें कि संसद का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि संसद में इस हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश जाए कि भारत आतंक के खिलाफ एकजुट है। सिब्बल इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं पर राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाना वक्त की जरूरत है।

पहलगाम हमले के बाद से पूरा देश गुस्से की आग में जल रहा है. देश के कोने- कोने से आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है. इस हमले के बाद विपक्ष भी सरकार को हर मोर्चे पर साथ देने और आतंकियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. 22 अप्रैल को पहलगाम के बेसरन में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें में 26 मासूम लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे.

हमले के बाद गुरुवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सरकार ने सभी दलों को हमले की जानकारी दी. साथ ही किसी भी तरह के एक्शन के लिए सभी दलों से सपोर्ट मांगा था. बैठक में मौजूद राजनीतिक दलों के नेताओं ने आतंकवाद और आतंकी शिविरों के खिलाफ एक्शन का फैसला लिया था और सरकार को अपने पूर्ण रुप से समर्थन की बात कही थी.

देश को एकता दिखाने का समय
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने 25 अप्रैल को सुझाव दिया था कि इस दुख की घड़ी में देश की एकता दिखाने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करता हूं कि वे सरकार से मई में जल्द से जल्द ऐसा सत्र बुलाने का आग्रह करें.

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि विभिन्न महत्वपूर्ण देशों में सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने का भी सुझाव दिया था ताकि पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाया जा सके. जिस तरह अमेरिका अपने प्रतिबंधों के साथ करता है, भारत को भी पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंध रखने वाले देशों से कहना चाहिए कि अगर उनका इस्लामाबाद के साथ व्यापार है तो वे भारतीय बाजार में नहीं आ सकते.

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