करणी सेना अध्यक्ष ओकेंद्र सिंह राणा को हाईकोर्ट से राहत, गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति हरवीर सिंह खंडपीठ द्वारा की गई। कोर्ट ने आदेश में कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक राणा की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र सिंह राणा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आगरा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है।
इस मामले में राणा ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुए दोनों एफआईआर को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति हरवीर सिंह खंडपीठ द्वारा की गई। कोर्ट ने आदेश में कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक राणा की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।
कोर्ट ने याची को निर्देश दिया है कि वह विवेचना में पूरी तरह सहयोग करें। साथ ही, जांच अधिकारी (आईओ) को आदेश दिया गया है कि वह 60 दिनों के भीतर जांच प्रकिया पूरी करें और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 193(3) के अंतर्गत रिपोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रस्तुत करें।
राणा सांगा को लेकर दिए बयान के बाद हुआ था प्रदर्शन
बता दें कि 26 मार्च को करणी सेना अध्यक्ष द्वारा ‘राणा सांगा’ को लेकर दिए गए एक विवादित बयान के विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित आवास पर प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ भी हुई थी. इस घटना के अगले ही दिन, 27 मार्च को सांसद के पुत्र और पूर्व विधायक रंजीत सुमन ने आगरा के हरि पर्वत थाने में अज्ञात भीड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
जांच में सहयोग न करने पर नहीं मिलेगा संरक्षण
अब हाईकोर्ट के इस फैसले से करणी सेना अध्यक्ष को बड़ी राहत मिली है, हालांकि न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जांच में सहयोग न करने की स्थिति में याचिकाकर्ता को कोई संरक्षण नहीं मिलेगा. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद राजनीतिक और कानूनी हलकों में इस मामले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.



