जनता का विश्वास तेजी से आप की ओर लौटेगा: केजरीवाल

  • एमसीडी उपचुनाव से आप में उत्साह, बीजेपी में तनाव
  • दोनो पार्टियों ने एक-दूसरे पर किया प्रहार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुल सात सीटों पर विजय प्राप्त कर अपना वर्चस्व साबित किया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने तीन सीटें अपने नाम की हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी एक सीट जीतकर सबको चौंका दिया है। जबकि एक सीट पर आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक शोएब इकबाल की पार्टी ने कब्जा जमाया है। उपचुनाव के नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि ट्रिपल इंजन सरकार के बावजूद भाजपा के लिए एमसीडी की राजनीति आसान नहीं है। बहुमत के तीन कदम दूर खड़ी भाजपा जहां आईवीपी को साथ लेकर ही आगे बढ़ पाएगी।आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की इस जीत पर प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने भाजपा पर हमला किया है।
अरविंद केजरीवाल ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, निगम उपचुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी ने अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को चुनाव मैदान में उतारा और दिल्ली की जनता ने अपने जनादेश से ये साफ कर दिया है कि दिल्ली का जनसमर्थन लगातार आप की तरफ मजबूत हो रहा है। आगे कहा कि सिर्फ 10 महीनों में ही जनता का विश्वास एक बार फिर तेजी से आम आदमी पार्टी की ओर लौट रहा है। दिल्ली बहुत जल्द वापस सकारात्मक राजनीति और अच्छे कामों की तरफ लौट रही है। उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी अपना आधार मजबूत किया है। आप के पार्षदों की संख्या 96 से बढक़र 99 हो गई है। वहीं कांग्रेस को भी राहत मिली है और उसके पार्षदों की संख्या बढक़र नौ हो गई है। इस बार सदन में अखिल भारतीय फारवर्ड ब्लॉक का भी एक पार्षद पहुंचने में सफल रहा है, जिससे राजनीतिक विविधता और बढ़ गई है। एक निर्दलीय पार्षद है जो आप का साथ देता रहा है। वहीं एमसीडी में दो पार्षद अब किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं। दोनों पहले आम आदमी पार्टी से थे, लेकिन लगातार दल बदलने और अनुशासनहीनता के चलते अब किसी भी पार्टी ने इन्हें अपने खेमे में शामिल करने से इनकार कर दिया है।

भाजपा सबसे ज्यादा सीटें जीती फिर भी बहुमत से रहेगी दूर

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों के उपचुनाव परिणाम सामने आने के बाद भी सदन में भाजपा की स्थिति नहीं बदल सकी। चुनाव में भाजपा ने सबसे अधिक सात सीटें अपने नाम कर मजबूत उपस्थिति दर्ज तो करा ली, लेकिन इसके बावजूद पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े 126 तक पहुंचने में नाकाम रही है। उपचुनाव के बाद सदन में भाजपा के पार्षदों की संख्या 123 हो गई है, यानी बहुमत से तीन कम है। ऐसे में एमसीडी की कमान संभाले रखने के लिए भाजपा को अब भी इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (आईवीपी) के 15 पार्षदों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा।

दिल्ली की पहली पसंद भाजपा : सचदेवा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एमसीडी उपचुनाव के नतीजों को भाजपा के पक्ष में जनसमर्थन का प्रमाण बताया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में 45 प्रतिशत से अधिक वोट भाजपा को मिले हैं। इस तरह दिल्लीवाले अब भी भाजपा को पहली पसंद मानते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उपचुनाव को पूरी गंभीरता से लड़ा और 12 में से आठ महिला उम्मीदवार उतारकर एक महत्वपूर्ण प्रयोग किया। इनमें से छह महिला प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल रहीं, जिसे उन्होंने भाजपा के महिला सशक्तीकरण प्रयासों की बड़ी सफलता बताया। सचदेवा ने 12 में से सात वार्डों में जीत को भाजपा संगठन, कार्यकर्ताओं और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सघन प्रचार अभियान का परिणाम बताया। वहीं, उन्होंने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उपचुनाव में करारी हार के बाद आप नेता सौरभ भारद्वाज और दुर्गेश पाठक ने दिए बयान उनकी हताशा और निराशा को दर्शाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आप नेतृत्व मुस्लिम वोट खिसकने की जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आप जिन वार्डों में मामूली अंतर से हारी है, उन्हीं की आड़ लेकर वे भाजपा पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अशोक विहार में आप 405 वोट से हारी, जबकि नारायणा में वे स्वयं सिर्फ 148 वोट से जीते है, ऐसे में भाजपा की जीत पर सवाल उठाना निराधार है। सचदेवा ने आप में टिकट वितरण को लेकर असंतोष और आंतरिक मतभेद का भी जिक्र किया। उनके अनुसार चांदनी महल वार्ड में पार्टी को मिली हार पर मुस्लिम कार्यकर्ता टिकट चयन पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि स्थानीय नेता शोएब इकबाल और आले मोहम्मद की अनदेखी कर दो पूर्व मंत्रियों की पसंद के उम्मीदवार को टिकट दिया गया। प्रेसवार्ता का संचालन मीडिया विभाग प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने किया।

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