प्रोटीन की कमी से थकान, बाल झड़ना और कमजोर इम्यूनिटी: जानें लक्षण और बचाव के उपाय

विशेषज्ञों का कहना है कि जब शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है, तो बार-बार इंफेक्शन होना एक आम समस्या बन जाती है।

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: प्रोटीन हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक पोषक तत्व है, जिसकी कमी से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

प्रोटीन को शरीर का “बिल्डिंग ब्लॉक” कहा जाता है क्योंकि यह कोशिकाओं के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न सिर्फ मांसपेशियों, त्वचा, बालों और नाखूनों के विकास में सहायक होता है, बल्कि हार्मोन और एंजाइम्स को भी सक्रिय करता है। प्रोटीन की कमी से शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें सबसे गंभीर प्रभाव हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी पर पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है, तो बार-बार इंफेक्शन होना एक आम समस्या बन जाती है।

मांसपेशियों की कमजोरी और वजन में गिरावट शरीर में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा न होने पर मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं, वजन अचानक घटने लगता है और चोट लगने पर घाव धीरे-धीरे भरते हैं। यह शरीर की रिकवरी क्षमता में आई गिरावट को दर्शाता है, जो कि एक चिंता का विषय है।

बच्चों पर सबसे ज्यादा असर

बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रोटीन एक आवश्यक पोषक तत्व है। इसकी कमी से बच्चों की ग्रोथ रुक सकती है, जिससे उनका विकास सामान्य से धीमा हो सकता है। ऐसे बच्चे थके-थके रहते हैं, पढ़ाई में मन नहीं लगाते और आसानी से बीमार पड़ जाते हैं। प्रोटीन की कमी के लक्षण तुरंत स्पष्ट नहीं होते, बल्कि समय के साथ धीरे-धीरे उभरते हैं। शुरुआत में सामान्य थकान, बालों का झड़ना या त्वचा संबंधी समस्याएं दिखाई दे सकती हैं, जो बाद में गंभीर रूप ले सकती हैं।

प्रोटीन की कमी का सबसे आम और शुरुआती लक्षण है- लगातार थकान महसूस होना. शरीर में ऊर्जा की कमी लगती है. हल्का काम करने पर भी थकावट होने लगती है. मांसपेशियों की मरम्मत और मजबूती के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है और उसकी कमी से शरीर सुस्त और कमजोर महसूस करता है. बालों का झड़ना और नाखून टूटना जब शरीर में प्रोटीन कम होता है, तो उसका असर सबसे पहले बालों और नाखूनों पर दिखता है. बाल पतले, रूखे और कमजोर हो जाते हैं और तेजी से झड़ने लगते हैं. नाखूनों में दरार आना, आसानी से टूट जाना और उनका बेजान होना भी इसका संकेत है.

त्वचा संबंधी समस्याएं प्रोटीन की कमी से त्वचा सूखी, खुजलीदार और बेजान हो सकती है. कई बार यह इतनी अधिक हो जाती है कि रैशेज़ या एलर्जी भी देखने को मिलती है. स्किन को रिपेयर करने और उसमें नमी बनाए रखने के लिए भी प्रोटीन जरूरी है. इम्यून सिस्टम कमजोर होना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम को भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है. जब यह कम हो जाता है, तो व्यक्ति को बार-बार सर्दी, खांसी, गला खराब, इंफेक्शन या बुखार होने लगता है. यहां तक कि मामूली चोट या कट भी जल्दी ठीक नहीं होता. बच्चों में विकास रुक जाना बच्चों में प्रोटीन की कमी के लक्षण और भी गंभीर हो सकते है. इसका असर सीधे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है. वे ठीक से बढ़ नहीं पाते, शरीर दुबला-पतला रह जाता है और पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता.

कैसे करें प्रोटीन की पूर्ति?

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रोज़ाना की डाइट में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा शामिल करनी बेहद जरूरी है. शाकाहारियों के लिए दालें, चना, मूंगफली, सोया, टोफू, दूध और पनीर अच्छे स्रोत हैं. वहीं मांसाहारी लोग अंडा, चिकन, मछली आदि से इसे पूरा कर सकते हैं. अगर प्रोटीन की कमी बहुत ज्यादा है तो डॉक्टर से सलाह लेकर प्रोटीन सप्लीमेंट लिया जा सकता है. लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है.

Related Articles

Back to top button