नितिन गडकरी के ऑफिस से रंगदारी मामले में लश्कर आतंकी अफसर पाशा का नाम आया सामने

नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर ऑफिस पर धमकी मामले में लश्कर कनेक्शन होने की बात आ रही है। इसकी जानकारी महाराष्ट्र पुलिस की तहकीकात में निकलकर सामने आई है। पुलिस ने जांच में पाया कि जेल में बंद आतंकी अफसर पाशा इस रंगदारी मामले में मास्टर माइंड है, जो कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का आतंकी है। जांच में सामने आया है कि लश्कर आतंकी के साथी और सह-आरोपी जयेश कंथा उर्फ जयेश पुजारी ने ही धमकी भरी कॉल गडकरी के नागपुर ऑफिस में की थी।
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अफसर पाशा कर्नाटक की बेलगावी जेल में बंद है। आतंकी से पूछताछ के लिए उसे बेलगावी जेल से नागपुर लाया जाएगा, इसके लिए एक पुलिस टीम कर्नाटक भेजी गई है। कहा जा रहा है कि पुजारी के पास जेल में सेल फोन और सिम कार्ड थे। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद पाशा की सेल में भी इसी तरह की तलाशी ली जाएगी।
पुजारी ने रंगदारी मांगने के लिए नितिन गडकरी के कार्यालय पर 14 जनवरी और 21 मार्च को फोन किया था। पुजारी को मार्च के अंत में नागपुर लाया गया था। फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में बंद पुजारी पर दो मामलों में यूएपीए के तहत आरोप दर्ज है।नागपुर पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि धमकी वाले कॉल में पाशा की संलिप्तता थी। सूत्रों के मुताबिक, गडकरी के कार्यालय से मांगी गई फिरौती की रकम को लेकर पाशा और पुजारी के बीच मतभेद हो गया था। पाशा चाहता था कि पुजारी रंगदारी को लेकर ऊंची मांगे करे। सूत्रों ने मुताबिक पाशा, जिस पर 2003 में ढाका और 2008 में बेंगलुरु में आतंकवादी हमलों का आरोप है, उसने पुजारी को इस मिशन में उस वक्त शामिल किया, जब वे दोनों जेल में साथ बंद थे।

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