प्रेग्नेंसी में फाइब्रॉएड को कैसे मैनेज करें? डॉक्टर से जानें
फाइब्रॉएड मांसपेशियों और टिशू से बनी ऐसी गांठ होती है, जो गर्भाशय की दीवारों पर उगती है. इसकी साइज़ छोटी से लेकर बहुत बड़ी तक हो सकती है. यह एक या एक से ज्यादा हो सकती हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में कई प्रकार के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव आते है। इन बदलावों के दौरान कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान फाइब्रॉएड यानी रसौली की समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार यह कोई असामान्य बात नहीं है और घबराने की जरूरत भी नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक, फाइब्रॉएड एक प्रकार की गैर-कैंसरयुक्त (non-cancerous) गांठ होती है, जो गर्भाशय (uterus) के भीतर विकसित होती है। कई बार यह रसौली पहले से मौजूद होती है और गर्भावस्था के दौरान ही इसका पता चलता है।
सभी फाइब्रॉएड खतरनाक नहीं होते
विशेषज्ञ बताते हैं कि हर फाइब्रॉएड मां या बच्चे के लिए खतरा नहीं बनता। हालांकि, अगर ये गांठें बहुत बड़ी हो जाएं या तेज़ी से बढ़ने लगें, तो गर्भावस्था में जटिलताएं आ सकती हैं। ऐसे में सावधानी बरतना बेहद जरूरी हो जाता है।
प्रेग्नेंसी में फाइब्रॉएड के लक्षण
फाइब्रॉएड मांसपेशियों और टिशू से बनी ऐसी गांठ होती है, जो गर्भाशय की दीवारों पर उगती है. इसकी साइज़ छोटी से लेकर बहुत बड़ी तक हो सकती है. यह एक या एक से ज्यादा हो सकती हैं. कुछ महिलाओं को इसके लक्षण महसूस होते हैं, तो कुछ को नहीं. पेट के निचले हिस्से में भारीपन या दर्द,बार-बार पेशाब आना, कब्ज रहना और गर्भाशय का आकार सामान्य से ज्यादा बढ़ जाना समेत कुछ मामलों में ब्लीडिंग भी हो सकती है.
क्या ये मां और बच्चे के लिए खतरनाक है?
अधिकतर मामलों में यह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन अगर फाइब्रॉएड बहुत बड़ी हो या गलत जगह हो तो कुछ समस्याएं आ सकती हैं. जैसे. गर्भपात (miscarriage) का खतरा, प्रीटर्म डिलीवरी (यानि समय से पहले बच्चा होना), डिलीवरी के दौरान दिक्कत समेत बच्चे की पोजीशन गलत होना.
फाइब्रॉएड का इलाज प्रेग्नेंसी में कैसे किया जाता है?
नियमित अल्ट्रासाउंड- फाइब्रॉएड की साइज और पोजीशन को ट्रैक करने के लिए. दर्द से राहत के लिए दवा- डॉक्टर ऐसी सेफ दवाएं देते हैं जो गर्भवती महिला और बच्चे को नुकसान न पहुंचाएं.
आराम
ज्यादा थकान और भारी काम से बचना जरूरी होता है. प्रेग्नेंसी में फाइब्रॉएड (रसौली) को मैनेज करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत और प्रेशर वाला काम करने से बचना चाहिए. इसे नियंत्रित करने के लिए आपको पर्याप्त आराम करने की जरूरत है. आराम करने से प्रेग्नेंसी में होने वाली रसौली मैनेज होने के साथ ही साथ आपके लेबर पेन में भी काफी राहत मिलती है.
डिलीवरी कैसे होती है?
अगर फाइब्रॉएड छोटा है और सामान्य डिलीवरी में कोई रुकावट नहीं आ रही, तो नार्मल डिलीवरी हो सकती है. लेकिन अगर फाइब्रॉएड बहुत बड़ा है या रास्ता ब्लॉक कर रहा है, तो सी-सेक्शन (C-section) जरूरी हो सकता है. हां, कई बार डिलीवरी के बाद जब महिला ठीक हो जाती है, तब डॉक्टर ऑपरेशन करके फाइब्रॉएड हटा सकते हैं.


