अतीक को उम्रकैद
- एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
- दो और को भी आजीवन कारावास, 1-1 लाख का जुर्माना भी लगा, अशरफ सहित 7 बरी
- कोर्ट के बाहर रही सुरक्षा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। मामले में अतीक अहमद समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही 1-1 लाख का जुर्माना भी लगाया है। जबकि सात को बरी कर दिया है। जिसमें अतीक का भाई अशरफ शामिल है। इससे पहले कोर्ट ने पूर्व सांसद को दोषी करार दिया । कोर्ट में इस मामले के कुल 10 आरोपियों को पेश किया गया। 11 में से 10 आरोपी मौजूद रहे जबकि एक आरोपी का निधन हो चुका है। आरोपियों में अतीक अहमद, अशरफ अहमद, दिनेश पासी, जावेद, इसरार, फरहान, खान सौलत हनीफ, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर शामिल थे।
इससे पहले माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को लेकर पुलिस प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंची। कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई दी गई थी। वहीं एमपी-एमएलए कोर्ट में जाने के लिए अधिवक्ता और पुलिस प्रशासन के बीच नोंकझोक हो गई। जज दिनेश चंद्र शुक्ल कोर्ट रूम में सुनवाई चली। इससे पहले वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की गई। अतीक और अशरफ की तरफ से 19 वकीलों ने जिरह किया।
कोर्ट ने 2009 में आरोप तय किए
धूमनगंज पुलिस ने उमेश पाल की तहरीर पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 364, 323, 341, 342, 504, 506, 34, 120बी और सेवन सीएल अमेंडमेंट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान जावेद उर्फ बज्जू, फरहान, आबिद, इसरार, आसिफ उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर का नाम सामने आया। पुलिस की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने 2009 में आरोप तय कर दिए।
फैसले का स्वागत: उमेश की पत्नी
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का वह स्वागत करेंगी। उन्होंने अपने पति की हत्यारों को फांसी की सजा देने की मंाग की है। इसस पहले उन्होंने कहा था मै यही उम्मीद करती हूं कि उसको(अतीक अहमद) फांसी की सज़ा दिलाई जाए। जब तक जड़ खत्म नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। हम डर के साए में जी रहे हैं।
फांसी से कम सजा न हो: उमेश की मां
फैसले पर प्रयागराज में उमेश पाल की मां शांती देवी ने कहा कि कोर्ट ने अपहरण मामले जो सजा सुनाई है उसका हम स्वागत करते हैं। अब लेकिन कोर्ट से निवेदन है कि मेरे बेटे की तो हत्या हो चुकी है उसमें जो भी दोषी है उसे फांसी दी जाए। इससे पहले उन्होंने कहा मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है। जेल उसका (अतीक अहमद) घर है और वहां से वो कुछ भी करा सकता है। प्रशासन ने अभी तक जो भी कुछ किया है उससे हम संतुष्ट हैं। मेरी यही मांग है कि उसको फांसी की सजा हो।
अतीक को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका
- सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट जाने को कहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को माफिया अतीक अहमद की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। कोर्ट ने कहा अतीक के वकील को इलाहबाद हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अहमदाबाद जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद ने संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उमेशपाल हत्याकांड के बाद कार्रवाई और भाजपा नेताओं के आक्रामक बयान के बीच अतीक अहमद का कदम सामने आया था। अतीक ने मांग की थी कि उसे गुजरात से किसी दूसरे जेल में न भेजा जाए। सपा के पूर्व नेता अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी सुरक्षा का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उसे अपनी जान का खतरा है। इस समय अहमदाबाद केंद्रीय जेल में बंद अतीक अहमद ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि पुलिस हिरासत या पूछताछ के दौरान उसे किसी भी तरह से शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाया जाए। अतीक ने उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य को अहमदाबाद की केंद्रीय जेल से प्रयागराज या उत्तर प्रदेश के किसी अन्य हिस्से में उसे नहीं ले जाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था।