मोदी-शाह के गढ़ में खुलेआम मिल रही शराब! कांग्रेस के सबूतों ने खोला ड्राई स्टेट का झूठ
कागज़ों में ड्राई स्टेट, ज़मीन पर शराब और ड्रग्स का साम्राज्य... गुजरात में कांग्रेस ने खुलेआम चल रहे नशे के गोरखधंधे के पुख़्ता सबूत पेश कर दिए हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात को हमेशा से महात्मा गांधी की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है.. गांधीजी शराब के कट्टर विरोधी थे.. और इसी वजह से 1960 में गुजरात में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया.. यह कानून आज भी लागू है.. जो शराब बनाने, बेचने, खरीदने या पीने पर सख्त सजा देता है.. लेकिन आज तक यह प्रतिबंध सिर्फ कागजों पर ही साबित हो रहा है.. जमीन पर अवैध शराब के ठेके, ड्रग्स के नेटवर्क और स्मगलिंग के रास्ते खुलेआम फल-फूल रहे हैं.. खासकर युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है.. जो एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर रही है..
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि भाजपा की सरकार के संरक्षण में यह सब हो रहा है.. गुजरात कांग्रेस के नेता और विधायक जिग्नेश मेवानी ने हाल ही में खुला ऐलान किया कि अहमदाबाद में पुलिस हफ्ता वसूलकर अवैध शराब के धंधे चला रही है.. मेवानी के इस बयान पर भाजपा नेताओं.. और पुलिस ने तीखा विरोध किया.. लेकिन आंकड़े झूठ नहीं बोलते.. 2024 के पहले छह महीनों में ही अहमदाबाद में सबसे ज्यादा अवैध शराब के मामले दर्ज हुए.. जो गुजरात का आधा से ज्यादा हैं.. यह शहर गांधी आश्रम का घर है.. लेकिन यहां नशे का कारोबार सबसे तेज है..
बता दें कि यह समस्या नई नहीं है.. गुजरात में शराबबंदी के बावजूद पड़ोसी राज्यों जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा.. और हरियाणा से शराब स्मगल हो रही है.. पुलिस की छापेमारियां तो होती हैं.. लेकिन बड़े माफिया पकड़े नहीं जाते.. इसके अलावा ड्रग्स का कारोबार भी चरम पर है.. पिछले चार सालों में गुजरात के बंदरगाहों पर 16,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त हुईं.. लेकिन एक भी बड़ा आरोपी सजा नहीं पाया.. कांग्रेस का कहना है कि यह अदानी-BJP के गठजोड़ का नतीजा है.. क्योंकि कई जब्तियां अदानी के मुंद्रा पोर्ट पर हुईं.. युवाओं का गुस्सा अब सड़कों पर उतर रहा है.. गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किए हैं.. जिन्हें भारी समर्थन मिल रहा है.. लोग थक चुके हैं.. वे चाहते हैं कि भाजपा जैसी ‘नफरत वाली पार्टी’ से मुक्ति मिले.. जिसने पहले गुजरात को बर्बाद किया.. और अब पूरे देश को बर्बाद कर रही है..
गुजरात में शराबबंदी का कानून बॉम्बे प्रोहिबिशन एक्ट 1949 पर आधारित है.. जो 1960 से लागू है.. इसका मकसद समाज को नशे से बचाना था.. लेकिन आज यह कानून सिर्फ राजस्व का जरिया बन गया है.. अवैध शराब का कारोबार सालाना अरबों का है.. 2025 में ही कई बड़ी जब्तियां हुईं.. उदाहरण के लिए 26 नवंबर 2025 को मुंद्रा पोर्ट पर पंजाब से स्मगल हुई 2.97 करोड़ रुपये की शराब जब्त की गई.. यह शराब सरसों के तेल की आड़ में आ रही थी.. राज्य निगरानी सेल ने इसे पकड़ा.. लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़ी खेप कैसे पहुंच गई..
गोवा से स्मगलिंग का मामला तो और भी शर्मनाक है.. 26 जून 2025 को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गोवा की एक डिस्टिलरी सील की.. जो गुजरात को शराब सप्लाई कर रही थी.. जिसमें नौ लोग गिरफ्तार हुए और 1.43 करोड़ की शराब बरामद हुई.. कांग्रेस का आरोप है कि गोवा को सालाना 7,200 करोड़ का नुकसान हो रहा है.. क्योंकि भाजपा की ही सरकार वहां स्मगलिंग रोक नहीं पा रही है.. भाजपा ने दिल्ली चुनाव में शराब घोटाले पर खूब चिल्लाया.. लेकिन गुजरात में खुद ही अवैध शराब स्मगल करवा रही है.. ED-CBI को जांच करनी चाहिए..
वहीं पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.. 11 नवंबर 2025 को अहमदाबाद के सोल पुलिस ने विदेशी शराब का रैकेट पकड़ा.. जहां बोतलों को नकली ब्रांड से भरा जा रहा था.. गहतलोडिया इलाके में जो (मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का विधानसभा क्षेत्र) है.. वहां अवैध शराब के अड्डे खुले चल रहे हैं.. स्थानीय लोगों ने शिकायत की.. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.. जिसको लेकर लोगों ने कहा कि यह अमित शाह के क्षेत्र में हो रहा है.. जहां देश के सबसे बड़े अवैध शराब ठेके चल रहे हैं…
2025 में सोल पुलिस ने एक और रैकेट तोड़ा.. जहां विदेशी शराब को नकली बोतलों में भरा जा रहा था.. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि जब्ती के बावजूद व्यापार रुक नहीं रहा.. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में 99% सजाएं सिर्फ पीने के लिए हो रही हैं.. न कि बनाने या बेचने वालों पर हो रही है.. पड़ोसी राज्यों से ट्रकों में छिपाकर शराब आती है.. जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश से ज्यादा शराब आती है.. जहां भाजपा सरकार है.. एक रिपोर्ट में कहा गया कि गुजरात का ‘सूखा राज्य’ पड़ोसी भाजपा शासित राज्यों की शराब माफिया पर निर्भर है..
जानकारी के मुताबिक शराब से आगे, ड्रग्स का खतरा और बड़ा है.. गुजरात अब पाकिस्तान से ड्रग्स ट्रैफिकिंग का हब बन गया है.. 2021 से 2025 तक 16,000 करोड़ की ड्रग्स जब्त हुईं.. लेकिन कोई बड़ा कनेक्शन उजागर नहीं हुआ.. कांग्रेस नेता लालजी पटेल ने कहा कि यह अदानी-BJP नेक्सस है.. मुंद्रा पोर्ट पर सबसे ज्यादा जब्तियां क्यों हो रही है..
अक्टूबर 2024 में अंकलेश्वर की अवकर ड्रग्स लिमिटेड से 518 किलो कोकीन बरामद हुई.. जिसकी कीमत 5,000 करोड़ है.. इससे पहले 2022 में 513 किलो MD (मेफेड्रोन) 1,026 करोड़ का पकड़ा गया था.. अप्रैल 2025 में गुजरात तट से 300 किलो मेथामफेटामाइन जिसकी कीमत 1,800 करोड़ का था.. सितंबर 2021 में मुंद्रा पोर्ट पर 2,988 किलो हेरोइन बरामद की गई.. जिसकी कीमत 21,000 करोड़ थी.. कुल मिलाकर, 2018-2022 में 937 टन ड्रग्स जब्त हुई है…
जिसको लेकर कांग्रेस की मुक्ता पटेल ने कहा कि गुजरात ड्रग्स का गेटवे बन गया.. मई 2024 में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पाकिस्तानी ड्रग तस्करों को हब बना दिया.. जुलाई 2024 में सूरत में एक गुजराती व्यक्ति की गिरफ्तारी पर राजनीतिक घमासान मचा.. क्योंकि वह भाजपा से जुड़ा बताया गया.. बता दें कि गुजरात BJP के 30 सालों में शराब से ड्रग्स तक पहुंच गया.. फार्मा फैक्टरियों में MD बन रही है.. जिसको लेकर अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार ड्रग कार्टेल्स को बर्बाद कर रही है.. लेकिन 7,350 करोड़ की ड्रग्स जब्त होने के बावजूद कोई ट्रायल नहीं हुआ..
वहीं यह नेटवर्क युवाओं को निगल रहा है.. स्कूलों के पास ड्रग शॉप चल रही हैं.. जिग्नेश मेवानी ने एक स्कूल के पास ड्रग दुकान पर ‘जनता की छापेमारी’ की.. जिसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि BJP के संरक्षण में नशा कारोबार चल रहा है.. जिग्नेश मेवानी ने कहा कि प्रतिबंध एक बिजनेस है.. पुलिस हफ्ता वसूल रही है.. इससे भाजपा नेताओं ने तीखा विरोध किया.. गृह मंत्री हरशद पटेल ने कहा कि शिक्षित प्रतिनिधि कानून की बात करें तो चिंता न करें, मैं हूं..



