धीरेंद्र शास्त्री के शिष्य की अर्जी पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश, सोशल मीडिया से विवादित पोस्ट हटाने के दिए निर्देश

भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फेसबुक, एक्स और यूट्यूब सहित प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को धार्मिक नेता आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की छवि खराब करने वाले पोस्ट हटाने और उनके बारे में सामग्री की सत्यता की जांच किए बिना ऐसे किसी भी पोस्ट को प्रकाशित नहीं करने का अंतरिम आदेश दिया है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने रंजीत सिंह पटेल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया। पटेल ने खुद को छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के ‘पीठाधीश्वर’ शास्त्री का शिष्य बताया है।
अदालत के चार दिसंबर के आदेश में कहा कि शास्त्री के बारे में कोई भी खबर प्रकाशित करने से पहले उन्हें (प्रकाशकों को) पत्रकारिता आचरण के मानदंडों का पालन करना चाहिए और पहले संबंधित व्यक्ति से ऐसी खबरों/सूचनाओं की सत्यता का पता लगाना चाहिए कि यह उनकी छवि के लिए अपमानजनक है या नहीं।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि छतरपुर के चांदला से बीजेपी के आरडी प्रजापति ने एक सभा में धीरेंद्र शास्त्री पर टिप्पणी की थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। नियम के मुताबिक, बिना जांचे-परखे कोई भी वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता रंजीत पटेल के वकील पंकज दुबे ने हाईकोर्ट में कहा कि शास्त्रों के मुताबिक गुरु को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। उनके क्लाइंट गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत कंटेंट्स चलाए जा रहे हैं। ऐसे वीडियो से आस्था को चोट पहुंच रही है। इन पर रोक लगाई जाए। नोटिस सोशल मीडिया एक्स के इंडिया सीईओ के मुंबई स्थित दफ्तर, हैदराबाद स्थित फेसबुक के सीईओ और यूट्यूब के नई दिल्ली ऑफिस के पते पर भेजा गया है।

 

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