सुवेंदु अधिकारी समेत छह भाजपा विधायकों पर बड़ी कार्रवाई, विधानसभा के शेष सत्र से किए गए निलंबित

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्र आज हंगामेदार रहा। आज सदन में संदेशखाली मुद्दा उठाने के बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और अग्निमित्रा पॉल सहित छह भाजपा विधायकों को विधानसभा के शेष सत्र से निलंबित कर दिया गया।
भाजपा नेताओं पर विधानसभा के अंदर अनियंत्रित और अव्यवस्थित व्यवहार करने पर ये कार्रवाई हुई है। उन्हें राज्य विधानसभा के नियम 348 के तहत निलंबित किया गया है। यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री सोवन्देब चट्टोपाध्याय द्वारा पेश किया गया और अध्यक्ष द्वारा सदन के समक्ष रखा गया और प्रस्ताव पारित हो गया।
निलंबन के बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि भाजपा महिलाओं के सम्मान के लिए आवाज उठाती रहेगी।
अधिकारी के अलावा, अग्निमित्र पाल, मिहिर गोस्वामी, बंकिम घोष, तापसी मंडल और शंकर घोष को मौजूदा सत्र के शेष भाग या 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। प्रश्नकाल की शुरुआत से ही भाजपा विधायकों ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में मौजूदा अशांति को लेकर टीएमसी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी, जो एक बड़े राजनीतिक विवाद में तब्दील हो गया।
भाजपा विधायक सदन के पटल पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे, जिससे विधानसभा के अंदर हंगामा हो गया।इसके बाद स्पीकर बिमान बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस विधायक शोभनदेब चटर्जी को भाजपा विधायकों के निलंबन के लिए प्रस्ताव लाने की अनुमति दी।
संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने पिछले कुछ दिनों में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके गिरोह ने उनका यौन उत्पीडऩ करने के अलावा, जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया।
उन्होंने शाजहान की गिरफ्तारी की मांग की, जो पिछले महीने से फरार चल रहे हैं। कथित राशन घोटाले में उसके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था।

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