महाराष्ट्र में एक सीट पर कई दावेदार, सीट शेयरिंग पर जारी है तकरार !

देश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर है। सभी दल लोकसभा चुनाव में अपना परचम लहराने के लिए जोर-शेर से लगी हुई है।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: देश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर है। सभी दल लोकसभा चुनाव में अपना परचम लहराने के लिए जोर-शेर से लगी हुई है। माहौल चुनावी है, सभी जगह चुनाव की चर्चा हो रही है। पहले चरण के मतादान के लिए महज कुछ दिनों का समय बाकी है। जिसको देखते हुए सभी प्रत्याशी अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में पहुंच रहे है और जनता को सरकार के काम गिना रहे है बता दे कि सत्ता पक्ष और विपक्ष धुंआधार प्रचार करने में जुटा हुआ है। चुनाव को लेकर बडे स्तर पर जनसभाएं की जा रही है। इसी बीच जनता की नाराजगी भी देखी जा रही है।

सरकार के रवैये ने पूरे देश की जनता को परेशान करके रख दिया है। वहीं देश के दूसरे सबसे बड़े लोकतंत्र महाराष्ट्र में भी चुनावी गहमागहमी जोरों पर है। जिसको देखते हुए सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। इसीबीच शीट शेयरिंग का मामला अभी भी जारी है। शीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी  पेंच मेंफंसा हुआ है अभी शीट बंटवारें को लेकर सहमित नहीं बन पाई है। जिसको लेकर शिंदे गुट की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है।

महाराष्ट्र में चुनावी गहमागहमी

बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां दावा कर रही है कि सीट बंटवारे को लेकर सब कुछ फाइनल हो गया है लकिन ऐसा कुछ भी नहीं अभी भी महाराष्ट्र की राजनीति में सीट बंटवारे को लेकर गुत्थी उलझी हुई है कुछ भी क्लीयर नहीं है बता दें कि सत्ताधारी बीजेपी के सीट बंटवारे को लेकर सभी दावे फेल होते दिखाई दे रहे है वहीं यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान में महज कुछ ही दिन बचे है वहीं पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है जिसको देखते हुए दलों के उम्मीदवीर अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव अभियान का बिगुल फूंक चुके है।

जानकारी के मुताबिक,  महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे के बीच आठ सीटों को लेकर बात फाइनल हुआ था जिसको मद्देनजर एकनाथ शिंदे ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी थी जिसके बाद बीजेपी ने शिंदे के दो उम्मीदवारों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसके बाद शीट बंटवारे का मुद्दा एक बार फिर फंस गया जिसको देखते हुए सीएम शिंदे असमंजस की स्थिति में दिखाई दे रहे है वहीं बीजेपी ने जिन दोनों उम्मीदवारों के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई है।

वे दोनों उम्मीदवार टिकट कटने के डर से मुंबई में डेरा जमाए हुए है और सीएम शिंदे से मुलाताक करने का समय की मांग की है और दोनों उम्मीदवार सीएम शिंदे से मुलाकाक के लिए मुंबई में है वहीं अब इन दोनों उम्मीदवारों को लेकर बीजेपी आलाकमान क्या निर्णय लेता है यह आने वाला समय तय करेगा वहीं सबकुछ ठीक होने की बात करने वाली बीजेपी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है देश में दिल्ली का रास्ता तय करने में यूपी के बाद महाराष्ट्र की अहम भूमिका है।

ऐसे मे दिल्ली का रास्ता तय करने के लिए महाराष्ट्र में भी अपनी पकड़ मजबूत करते हुए लोकप्रिय जनप्रतिनिधि को चुनावी मैदान में उतरना सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसको देखते हुए बीजेपी अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान मे उतारने के लिए किसी भी प्रकार का कोई जल्दबाजी और किसी भी प्रकार का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है जिसको देखते हुए बीजेपी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है क्योंकि बीजेपी को पता है कि चुनाव से पहले जो वादे किए गए थे वे एक भी पूरे नहीं हुए सब सिर्फ चुनावी जुमला बनकर ही रह गया।

वहीं बीजेपी की तानाशाही को लेकर विपक्ष बीजेपी पर लगातार हमालावर है और सरकार की कहां-कहां पर फेल हुई है सरकार की विफलताओं को गिनाने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रही है बता दें कि इस बार का चुनाव बहुत दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है बीजेपी के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड गले की फांस बन गया है जिसको देखते हुए बीजेपी को लेकर विपक्ष से आम जनता सरकार की सच्चाई अवगत हो गई है कि भ्रष्टाचार कौन कर रहा है वहीं बीजेपी पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है जिसका परिणाण चार जून को देखने को मिलेगा।

वहीं महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं उत्तर प्रदेश के बाद सीटों की संख्या के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में दोनों ही गठबंधनों में तीन-तीन मेन प्लेयर हैं एनडीए में बीजेपी के साथ ही एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी हैं विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी हैं।

बता दें कि दोनों ही गठबंधनों में यह तय बताया जा रहा है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन अब तक यह तय नहीं हो सका है कि कौन सी सीट पर चुनाव लड़ेगी एनडीए में जो सीटें तय हो चुकी हैं वहां से संबंधित पार्टियां उम्मीदवारों का ऐलान भी कर रही हैं, लेकिन एक पेच यह भी है कि ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा देकर मैदान में उतरी बीजेपी सहयोगी दलों के उम्मीदवारों को भी अपनी कसौटी पर कस रही है और जीतने की संभावना का आकलन कर रही है, बीजेपी का अपनी सर्वे रिपोर्ट्स का हवाला देकर सीएम शिंदे से हातकणंगले और हिंगोली सीट पर उम्मीदवार बदलने के लिए कहना इसी का संकेत बताया जा रहा है।

शिवसेना में कोई ताकतवर चेहरा नहीं

जिसको लेकर एकनाथ शिंदे ठाणे सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं शिंदे ने अपने इलाके की सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है तो बीजेपी के अपने तर्क हैं। बीजेपी के नेता यह तर्क दे रहे हैं कि शिंदे की शिवसेना में कोई ऐसा ताकतवर चेहरा नहीं है, जो शिवसेना (यूबीटी) सांसद राजन विचारे को टक्कर दे सके।

केवल ठाणे ही नहीं, हिंगोली, नासिक और रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग सीट को लेकर भी एनडीए में रस्साकशी चल रही है…. औऱ बीजेपी के लोकल नेता और कार्यकर्ता हिंगोली सीट से शिंदे की शिवसेना के उम्मीदवार उतारने का विरोध कर रहे हैं तो वहीं नासिक सीट से एनसीपी नेता छगन भुजबल की उम्मीदवारी के भी चर्चे हैं।

बता दें नासिक सीट से फिलहाल शिंदे की पार्टी का सांसद है वहीं रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग सीट से शिंदे की पार्टी अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है, तो वहीं यहां से बीजेपी के नारायण राणे भी दावेदारी कर रहे हैं पालघर, सांभाजी नगर और धाराशिव सीट पर भी एनडीए के तीनों मुख्य घटक दल दावा कर रहे हैं वहीं सीटों का पेच केवल NDA ही नहीं, विपक्षी इंडिया ब्लॉक के लिए भी सिरदर्द बन गया है बैठक पर बैठक के बाद भी इन सीटों का पेच है कि, सुलझ नहीं रहा सीट शेयरिंग को लेकर एक दिन पहले भी शरद पवार के आवास पर तीनों दलों के नेताओं की बैठक हुई लेकिन सहमति नहीं बन सकी।

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