सपा सांसद के बयान से मचा बवाल, करणी सेना समेत कई संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का एक और विवाद खड़ा कर देने वाला बयान सामने आया है. उनके खिलाफ करणी सेना सहित कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का एक और विवाद खड़ा कर देने वाला बयान सामने आया है. उनके खिलाफ करणी सेना सहित कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है. सुमन ने अपने बयान पर मापी मांगने से इनकार कर दिया था. समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने एक बार विवाद खड़ा बयान दिया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि गड़े मुर्दे मत उखाड़ें. साथ ही साथ रामजी लाल ने जिक्र किया कि हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ हैं. सपा नेता राणा सांगा पर अपनी टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में आए थे, जिसके बाद जमकर बवाल बवाल हुआ है और उन्होंने अपने बयान पर माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था.

आगरा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने करणी सेना को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आगरा आ रहे हैं. मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि मैदान तैयार है दो-दो हाथ होंगे. तुम यह कहोगे कि हर मस्जिद के नीचे एक मंदिर है, तो फिर हमें कहना पड़ेगा कि हर मंदिर के नीचे एक बौद्ध मठ है.

रामजी लाल सुमन ने हाई कोर्ट से मांगी सुरक्षा
राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन अभी हाल ही में करणी सेना के विरोध और धमकियों के मद्देनजर अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुमन ने अपने बेटे और पूर्व विधायक रणधीर सुमन के साथ मिलकर एक याचिका दायर की है, जिसमें 26 मार्च को आगरा में उनके आवास पर हमला करने वालों के खिलाफ केंद्रीय सुरक्षा और सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. यह हमला राणा सांगा पर उनकी टिप्पणी के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर ऐतिहासिक राजपूत राजा को गद्दार कहा था. उनके बयान के बाद कई संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन का अपील की गई. आगरा में रामजी लाल सुमन के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. वहीं, करणी सेना सहित इन संगठनों ने सुमन के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके कारण पुलिस के साथ टकराव हुआ था.

क्या दिया था रामजी लाल सुमन ने बयान?
विवाद की शुरुआत 21 मार्च को राज्यसभा में दिए गए भाषण से हुई, जिसमें सुमन ने कहा कि भारतीय मुसलमान मुगल सम्राट बाबर को अपना आदर्श नहीं मानते, उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पैगंबर मुहम्मद और सूफी परंपरा का पालन करते हैं. हालांकि, एक विवादास्पद बयान में उन्होंने 16वीं शताब्दी की शुरुआत में इब्राहिम लोदी के खिलाफ बाबर के साथ राणा सांगा के ऐतिहासिक गठबंधन का जिक्र किया और सांगा की देशभक्ति पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी नेता अक्सर दावा करते हैं कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है, लेकिन बाबर को भारत में किसने बुलाया? राणा सांगा ही उसे इब्राहिम लोदी को हराने के लिए लाए थे. इस तर्क से, अगर मुसलमान बाबर के वंशज हैं, तो आप भी राणा सांगा के वंशज हैं, जो एक गद्दार था.’

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