भारत, अमेरिका और UN में डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती मनाई गई, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले हुए शामिल

भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती इस वर्ष न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भव्य रूप से मनाई गई। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र (UN) में भी आंबेडकर की विचारधारा और योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया गया।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती इस वर्ष न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भव्य रूप से मनाई गई। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र (UN) में भी आंबेडकर की विचारधारा और योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया गया। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने अमेरिका में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाग लिया, जहां डॉ. आंबेडकर के जीवन, संविधान निर्माण में उनके योगदान और सामाजिक न्याय की अवधारणा पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर अठावले ने आंबेडकर के विचारों को वैश्विक संदर्भ में प्रासंगिक बताते हुए कहा कि समानता, बंधुत्व और न्याय जैसे उनके सिद्धांत आज भी पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक हैं। अमेरिका में कई स्थानीय सरकारें आंबेडकर जयंती को “समानता दिवस” के रूप में मान्यता देने के लिए प्रयासरत हैं। यह पहल आंबेडकर के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को दर्शाती है। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी डॉ. आंबेडकर की जयंती मनाई गई, जिसमें केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की उपस्थिति विशेष रही। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और भारतीय प्रवासी समुदाय ने भाग लिया और आंबेडकर के सामाजिक न्याय के संदेश को साझा किया। भारत में भी विभिन्न शहरों में श्रद्धांजलि सभाओं, रैलियों और विचार गोष्ठियों के माध्यम से आंबेडकर जयंती को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया।

UN में भारत के स्थायी मिशन ने न्यूयॉर्क में एक विशेष स्मारक कार्यक्रम के साथ डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती मनाई, जिसमें दुनियाभर के कई नेताओं ने भाग लिया.कार्यक्रम में बोलते हुए, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि आज, हम डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती मना रहे हैं. न केवल पूरे भारत में, बल्कि हमारे साथ कई और देश मना रहे हैं.

अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र में, बाबासाहेब अंबेडकर ने बहुत मेहनत की, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे दुनिया डॉ. अंबेडकर के नाम और उनके दर्शन को जानती है. अठावले ने कहा कि बौद्धिक क्षेत्र में भी कई लोग अंबेडकर के दर्शन का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे डॉ. अंबेडकर एक महान छात्र थे और कोलंबिया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में घंटों अध्ययन करते थे, जहां अब उनकी प्रतिमा है. अठावले ने इस बात पर प्रकाश डाला, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा साहब अंबेडकर के दर्शन का बहुत दृढ़ता से समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया, जो अब पूरे भारत में मनाया जाता है. सरकार बाबा साहब अंबेडकर के दर्शन का पूरा समर्थन कर रही है.

फाउंडेशन फॉर ह्यूमन होराइजन के अध्यक्ष दिलीप म्हास्के ने एएनआई को बताया कि पूरे अमेरिका में स्थानीय सरकारों, काउंटी
सरकारों और राज्यपालों के साथ मिलकर अंबेडकर दिवस को समानता दिवस के रूप में घोषित करने के लिए काम किया जा रहा है. न्यूयॉर्क शहर ने 14 अप्रैल को “डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर दिवस” के रूप में घोषित किया है.

सुधारक और हाशिए पर पड़े लोगों के वकील थे आंबेडकर
न्यूयॉर्क शहर के मेयर के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कार्यालय के डिप्टी कमिश्नर दिलीप चौहान ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि डॉ. अंबेडकर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता से कहीं बढ़कर थे- वे एक दूरदर्शी विचारक, एक अथक सुधारक और हाशिए पर पड़े लोगों के वकील थे. उनके आदर्श सीमाओं और समय से परे हैं, संयुक्त राष्ट्र के हॉल और न्यूयॉर्क जैसे शहर में मजबूत संबंध पाते हैं- एक ऐसा शहर जो अप्रवासियों की तरफ से बनाया गया है, अपनी विविधता से ऊर्जावान है, और अवसर और समावेश में अपने साझा विश्वास से एकजुट है.

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