शाह के साथ मीटिंग, नीतीश ने टेके घुटने, राजनीति से लेंगे संन्यास ?
नीतीश कुमार की भाजपा राजनीति खत्म करने वाली है... एक तरफ अमित शाह के साथ नीतीश कुमार की होटल में मीटिंग हुई है... तो दूसरी तरफ खबर सामने आ गई कि नीतीश कुमार ज्यादा दिनों के लिए मुख्यमंत्री नहीं बने हैं... कुछ ही दिनों बाद इस्तीफा दे देंगे.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: नीतीश कुमार की भाजपा राजनीति खत्म करने वाली है… एक तरफ अमित शाह के साथ नीतीश कुमार की होटल में मीटिंग हुई है… तो दूसरी तरफ खबर सामने आ गई कि नीतीश कुमार ज्यादा दिनों के लिए मुख्यमंत्री नहीं बने हैं… कुछ ही दिनों बाद इस्तीफा दे देंगे.
खबर तो यहां तक सामने आ रही है कि भले ही… 75 साल के होने के बाद मोदी रिटायर नहीं हुए… लेकिन नीतीश कुमार राजनीति से संन्यास लेने वाले हैं… इसकी स्क्रिप्ट किसी और ने नहीं बल्कि गुजरात लॉबी ने तैयार की है… यानी कि भाजपा कुर्सी से बाद में हटाएगी… उससे पहले उनकी राजनीति पर तलवार लटक चुकी है… मोदी के चाणक्य ने दिल्ली दरबार में… ऐसी चाणक्यनीति बनाई है कि खुद… नीतीश घुटने टेकने को मजबूर हो गए हैं… और अपने आपको भाजपा के सामने सरेंडर कर दिया है… तो आखिरकार अमित शाह के साथ होटल के बंद कमरे में… नीतीश की क्या बातचीत हुई है… जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार रिटायर होने वाले हैं… और खबर सामने आ रही है कि नीतीश कुमार कुछ ही दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने है…
दोस्तों… चुनाव के पहले ऐसा कहा जा रहा था कि अगर भाजपा की सीटें ज्यादा आ गई… तो नीतीश कुमार का हाल एकनाथ शिंदे वाला होगा…. यानी महाराष्ट्र कार्ड बिहार में खेला जाएगा… देखा जाए तो ठीक वैसा ही हो रहा है… बस फर्क इतना है कि नीतीश कुमार को… मुख्यमंत्री बनाकर उनसे पवार छीन ली गई है… और शिंदे से सीएम की कुर्सी छीनकर… डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठा दिया गया… आपको याद होगा…
जब महाराष्ट्र में शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया गया था… तो उन्होंने भाजपा से मांग की थी कि अगर आप मुझे मुख्यमंत्री नहीं बना रहे हैं… तो गृह मंत्रालय दे दीजिए… लेकिन शिंदे को नहीं मिला… भाजपा की तरफ से कहा गय़ा कि मुख्यमंत्री के पास ही… गृह मंत्रालय रहता है… अब बिहार में नीतीश के साथ यही खेला कर दिया गया है…. शपथ ग्रहण के पहले खबरें आ रही थी कि नीतीश कुमार…. गृह मंत्रालय और विधानसभा स्पीकर के पद को लेकर अड़े हुए हैं… वो ये दोनों पद किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहते हैं…
इसीलिए 17 नवंबर को राजभवन से अपना इस्तीफा लेकर लौट आए… फिर अमित शाह ने फौरन ललन सिंह और संजय झा को रात में ही… स्पेशल हेलीकॉप्टर भेजकर दिल्ली तलब किया… 3 घंटे तक मीटिंग चली… लेकिन बात नहीं बन पाई… फिर शपथ ग्रहण से ठीक पहले… अमित शाह को पटना के होटल में… नीतीश कुमार के साथ मीटिंग करने की नौबत आ गई…
लेकिन दोस्तों… यही से नीतीश कुमार के रिटायरमेंट की बात उठने लगी… पता नहीं इस मीटिंग नीतीश को क्यों घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया गया कि जिस गृह मंत्रालय को छोड़ने को तैयार नहीं थे… जो 20 साल से नीतीश के हाथों में था… चाहे नीतीश कुमार ने जितनी भी बार पलटी मारी है… चाहे जिस गठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाई है… हमेशा उनके हाथों में गृह मंत्रालय़ था… बिहार की सियासत में गृह विभाग सिर्फ एक मंत्रालय नहीं…. बल्कि सत्ता का असली ताज माना जाता है… और नीतीश कुमार ने दशक भर तक इसे अपनी मुट्ठी में कसकर रखा… नीतीश कुमार के कार्यकाल में…
गृह विभाग हमेशा से उनका नियंत्रण तंत्र रहा है… यहीं से कानून-व्यवस्था, सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया मशीनरी पर… सीधा अंकुश चलता था… इसीलिए इसे मुख्यमंत्री की ‘क्राउन ज्वेल’ कहा जाता रहा है… लेकिन अब वहीं गृह मंत्रालय सम्राट चौधरी की झोली में चली गई है… ऐसा पहला मौका है जब नीतीश ने ये हीरा अपने हाथों से निकालकर अपने सहयोगी दल को दे दिया…. इससे साफ़ है कि बिहार की सत्ता के गलियारों में राजनीतिक पुनर्संरचना की नई पटकथा लिखी जा रही है…
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को गृह विभाग दिया जाना सिर्फ विभागीय देन-लेन नहीं है…. बल्कि ये संकेत है कि आने वाले दिनों में बिहार की प्रशासनिक धुरी अब सिर्फ सीएम आवास से नहीं घूमेगी, बल्कि सम्राट चौधरी के सरकारी निवास का भी नया केंद्र बनेगी… गृह विभाग यानी पुलिस, सुरक्षा, खुफिया और प्रशासन ये सब सीधे उनके नियंत्रण में आएंगे… यानी नीतीश कुमार सिर्फ कठपुतली बनकर रह जाएंगे… ये कदम नीतीश कुमार की बदलती रणनीति को भी उजागर करता है… और रिटायरमेंट की ओर साफ इशारा कर रहा है…
कैसे… बताएंगे आपको… लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि अमित शाह ने सम्राट चौधरी से जो वादा किया था… उसको नीतीश को गच्चा देकर पूरा कर दिया है.. यानी नीतीश को धोखा और सम्राट चौधरी को मौका दिया गया है…
चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने…. तारापुर में मंच से कहा था कि सम्राट को जिताइए, इन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी…. मोदी जी इनको बड़ा आदमी बना देंगे…. और अब वो बात सियासी हकीकत बन चुकी है…. गृह विभाग का भाजपा के पास जाना साफ़ संदेश देता है कि बिहार की राजनीति में भाजपा सिर्फ साझेदार नहीं…. बल्कि सत्ता की केंद्र-धुरी बनने की राह पर है…. सम्राट चौधरी का कद बढ़ा है… भाजपा का प्रभाव पक्का हुआ है, और नीतीश की सत्ता-समीकरण की पुरानी परंपरा में एक बड़ा बदलाव दर्ज हो गया है…
यानी देखा जाए तो नीतीश कुमार का कद घटने लगा है… भाजपा ने उनको खत्म करने का अपना पहला पत्ता फेंक दिया है… जब सबसे पवार फुल मंत्रालय उनके हाथ से छीन लिया गय़ा… तो अब नीतीश के पास बचा क्या है… कुछ नहीं… सारे बड़े फैसले… बिहार का जो सबसे बड़ा मुद्दा है… कानून व्यवस्था वो अब सम्राट चौधरी के हाथों में है… नीतीश सिर्फ कठपुतली की तरह मुख्यमंत्री रहेंगे… लेकिन दोस्तों… यहां पर एक बात बड़ी हैरान करने वाली है कि नीतीश कुमार ने आखिर इतनी आसानी से गृहमंत्रालय क्यों छोड़ दिया… स्पीकर का पद भी भाजपा के पास जाने वाला है… सवाल उठ रहा है कि आखिर शाह और नीतीश के बीच क्या मीटिंग हुई… जिसके बाद नीतीश कुमार भाजपा की बात चुपचाप साइलेंट होकर मानते जा रहे हैं…
दोस्तों… ऐसा नहीं है कि अगर नीतीश कुमार पलटी मारते है तो उनकी सरकार नहीं बन पाएगी… बिल्कुल बन जाएगी… ओवैसी तो पहले ही ऑफर कर चुके हैं… उनके पास 5 विधायक है… नीतीश कुमार के पास 85 विधायक… दोनों का मिलाकर 90 विधायक हुए… और फिर 35 विधायक महागठबंधन के हैं… कुलमिलाकर 125 हो गए… बहुमत 122 का है… यानी कुलमिलाकर अगर नीतीश कुमार पलटी मारते हैं… तो उनकी महागठबंधन के साथ सरकार बन जाएगी…
इसलिए सवाल उठ रहा है कि जो नीतीश कुमार सत्ता पाने के लिए पलटी मारने में माहिर है… आखिर इतनी आसानी से वो घुटने क्यों टेक रहे हैं… क्यों अपनी ही बातों से बैकफुट पर आ रहे हैं… क्या कोई ऐसी बात है या अमित शाह के बीच डील हुई है कि नीतीश कुमार झुकने को मजबूर हो गए हैं… इन सब सवालों के बीच राजनीति में भूचाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मचा दी… उन्होंने नीतीश की कुर्सी को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की है… हरीश रावत ने कहा कि कुछ ही दिनों के लिए नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे…. उसके बाद भाजपा उनको गच्चा देगी… कुछ दिनों बाद नीतीश कुमार को हटाकर… उनकी पार्टी को तोड़कर.. भाजपा बिहार पर राज करेगी…
अब जिस तरह से नीतीश कुमार भाजपा के सामने सिर झुकाए हुए हैं… उससे यही लग रहा है कि एनडीए के अंदरखाने में कुछ तो खिचड़ी पक रही है… शाह के साथ मीटिंग के बाद… नीतीश कुमार अचानक अपनी बातों से बैकफुट पर आए गए… दोस्तों… राजनीति को अच्छे से समझने वाले ऐसा अनुमान लगा रहे हैं कि नीतीश कुमार या तो अपनी मर्जी से रिटायर होना चाह रहे हैं… जिस तरह से उन्होंने गृह मंत्रालय के पोस्ट रिटायरमेंट लिया है… उसी तरह राजनीति से लेने का मन बना रहे हैं… इसलिए धीरे धीरे कमान भाजपा को सौंप रहे हैं…
कुछ लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार अपना ये वाला कार्यकाल पूरा करेंगे… उसके बाद 2030 में अगर एनडीए की सरकार फिर से बनती है… तो भाजपा को पूरी तरह से सत्ता सौंप देंगे… और खुद राजनीति से रिटायर हो हो जाएंगे… या फिर हो सकता है कि नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में एंट्री करें… कई बार खबरें सामने आई है कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति बन सकते हैं… हालांकि अभी ऐसी कोई खबर सामने नहीं है… लेकिन दोस्तों… एक चीज क्लियर है कि शाह के बीच कुछ तो डील हुई… जिसके बाद आसानी से नीतीश कुमार पद छोड़ रहे हैं… क्योंकि नीतीश की राजनीति को जितना लोगों ने देखा है… वो आसानी से एक झटके में इस तरह से अपनी राजनीति खत्म नहीं करेंगे…



