मिल्कीपुर उपचुनाव ने बढ़ाई योगी की टेंशन, इस बार भी नहीं खिलेगा कमल!
बीजेपी मिल्कीपुर चुनाव जीतने के लिए पूरी कोशिश में लगी है...वहीं बीजेपी के सभी मनसूबे पर सपा ने पानी फेर दिया है...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव अब अपने पूरे उफान पर है…. और जनवरी के कड़ाके की ठंड में सियासी तपिश बढ़ गई है….. बीजेपी लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट पर मिली हार को भुलाने की कोशिश कर रही है….. और मिल्कीपुर बीजेपी की नाक का सवाल बन गया है…. जिसको देखते हुए बीजेपी ने अपने मंत्रियों की फौज को उतार दिया है….. और खुद सीएम योगी अपने हाथों में कमान लिए हुए है…. और अब तक लगभग चार जनसभा कर चुके हैं….. बता दें कि बीजेपी ने जातिवार अपने मंत्रियों और नेताओं को साधने की जिम्मेदारी सौंपी है….. लेकिन बीजेपी का कोई भी गुणा- गणित काम नहीं कर रहा है….. टिकट न मिलने से तमाम नेता नाराज है…. जिनको मनाने की कवायद तेज हो गई है….. वहीं बीजेपी की चुनाव से पहले अंदरूनी कलह भी निकलकर सामने आ रही है….. बीजेपी जनता के बीच में राम मंदिर का मुद्दा लेकर पहुंच रही है….. और बीजेपी सरकार की तमाम उपलब्धियां बता रही है…. जिसका आम जन से कोई लेना- देना नहीं है….
आपको बता दें कि बीजेपी के नेताओं के पास जनता से बताने के लिए कोई काम ही नहीं किया है…. जो बीजेपी के नेता जनता के बीच में जाए और गिनाए…. योगी ने अपने लगभग आठ साल के कार्यकाल में किसी भी प्रकार का कोई जनता की भलाई के लिए काम नहीं किया है…. जो बीजेपी वाले जनता को बता सके…. योगी ने अपने कार्यकाल के दौरान एक भी सार्वजनिक उपक्रम का निर्माण नहीं कराया है…. जिससे प्रदेश के युनावों को रोजगार मिले…. और उनका जीवन स्तर ऊपर बढ़े….. योगी सरकार ने अपने अभी तक के कार्यकाल में सिर्फ मंदिर मस्जिद किया है…. और धर्म की राजनीति करते हुए लगातार चले आ रहे है….. वहीं बीजेपी और योगी की मानसिकता अब जनता समझ चुकी है…. कि नेताओं के लड़के विदेशों में पढ़ते हैं.,… और आम जनता के बच्चों के लिए कोई रोजगार नहीं है…..
प्रदेश में बेरोजगारी ने रिकार्ड तोड़ दिया है…. प्रदेश के करीब बयासी फीसदी युवा बेरोजगार है…. महंगाई ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं….. भ्रष्टाचार अपने चरम पर है…. प्रदेश में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं.,…. और सरकार दावे पर दावे कर रही है….. लेकिन धरातल पर सरकार के सभी दावे फेल होते हुए दिखाई दे रहे हैं….. वहीं जनता बीजेपी के केंद्र और राज्य के कार्यकाल को देख रही है…. सत्ता में आने से पहले मोदी ने जो भी दावे किए थे वे एक भी दावे आजतक पूरे नहीं हुए….. और देश की सम्पत्ति को मोदी ने सिर्फ बेंचने का काम किया है…. धर्म का ढ़िढ़ोरा पीटकर जनता को लगातार दो कार्यकाल तक गुमराह करके चुनाव जीतते चले आए….. वहीं तीसरी बार जनता ने झूठ का सबक सिखाते हुए बैसाखी पर लाकर खड़ा कर दिया है…. वहीं अयोध्या सीट को लेकर दावा करने वाले मोदी और योगी की बड़ी हार हुई और राम जी ने साथ नहीं दिया…. जिसको लेकर बीजेपी मोदी और योगी की जमकर फजीहत हुई….. जिसके बाद अब मिल्कीपुर उपचुनाव जीतना बीजेपी के लिए चुनौती बन गया है…. सपा के जनाधार के आगे बीजेपी फिसड्डी साबित होती दिखाई दे रही है….
वहीं बीजेपी चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है…. बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव बीजेपी का भविष्य निर्धारित करेंगे…. और योगी का भविष्य निर्धारण में अहम भूमिका निभाएंगे…. वहीं अब मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का घमासान अब तेज होता जा रहा है…… यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आज मिल्कीपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे…… और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे…. तो वहीं समाजवादी पार्टी से अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिंपल यादव जल्द ही पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते दिखाई देंगे….. मिल्कीपुर में इस बार सपा और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर हैं…. ऐसे में तमाम सियासी पंडित इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं कि दोनों में किसका पलड़ा भारी पड़ेगा….. मिल्कीपुर सीट बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए नाक का सवाल बन गई है…… बीजेपी इस सीट पर चुनाव जीतकर लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने इरादे से मैदान में हैं….. तो वहीं अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद खाली हुई ये सीट सपा के लिए भी अहम है….. मिल्कीपुर में जीत का सारा दारोमदार इस बार यहां के जातीय समीकरण पर है….. जो इस लड़ाई में गेमचेंजर साबित हो सकता है……
आंकड़ों के मुताबिक मिल्कीपुर में करीब 3.58 लाख मतदाता है….. इनमें दलित और ओबीसी समाज के मतदाता खासा प्रभाव रखते हैं….. यहां पासी और पिछड़े वर्ग में यादवों की संख्या सबसे ज्यादा है….. दलित और पिछड़े के साथ यहां मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक संख्या में हैं….. ऐसे में सपा पीडीए फॉर्मूले के सहारे दम भर रही है….. लोकसभा चुनाव में सपा को इसका फायदा भी मिला था….. और बड़ी संख्या में दलित व पिछड़े समुदाय के लोग सपा के साथ जुड़े थे….. वहीं बीजेपी ने इस बार सपा के इसी फॉमूले को तोड़ने की कोशिश की है….. इसकी एक झलक पार्टी के प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के तौर पर देखने को भी मिलती है…… बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतार सपा के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की तो वहीं पार्टी का पूरा फोकस ओबीसी वोट बैंक पर भी है…. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पिछड़ों ने सपा को वोट दिया था….. जिसके भाजपा फिर से अपने साथ जोड़ने में जुटी है…..
आपको बता दें कि मिल्कीपुर में पासी बिरादरी के 55 हज़ार वोटर, मुस्लिम 30 हज़ार, यादव 55 हजार, ब्राह्मण 60 हजार, क्षत्रिय और वैश्य मिलाकर 45 हज़ार….. और अन्य जातियों में 20 हजार कोरी 18 हजार चौरसिया, पाल और मौर्य वोटर्स भी शामिल हैं….. सवर्ण वोटबैंक बीजेपी के हमेशा साथ रहा है….. और अब पार्टी ने दलित और पिछड़ों को भी जोड़ना शुरू कर दिया है….. पार्टी ने इसके लिए प्रदेश के 6 मंत्रियों को जीत की जिम्मेदारी दी है…. दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी समय-समय पर यहां के दौरे कर रहे हैं…. वहीं इन सभी आंकड़ों से साफ है कि मिल्कीपुर में सपा का पलड़ा भारी है….