गिट्टी चोरी में दोषी ठहराए गए मंत्री राकेश सचान भागे अदालत से
एमएसएमई मंत्री के खिलाफ दर्ज मामले में कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट में हुई सुनवाई
- जज ने फैसला रखा सुरक्षित, धारा 389 और 411 में करार दिए गए दोषी
- हो सकती है दस साल की सजा, लग सकता है आर्थिक दंड
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। गिट्टी चोरी के मामले में यूपी सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। वहीं कोर्ट में सुनवाई से पहले मंत्री राकेश सचान ने सरेंडर किया था लेकिन फैसला आने से पहले वह कोर्ट से फरार हो गए।
यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आईपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी। मामला कोर्ट में विचाराधीन था। आज कोर्ट ने फैसले का दिन मुकर्रर किया। दोषी पाए जाने की भनक लगने के बाद राकेश सचान कोर्ट से फरार हो गए। धारा 389 में किसी व्यक्ति को अपराध (जिसकी सजा मृत्यु दंड या आजीवन कारावास या दस वर्ष तक कारावास है) का आरोप लगाने का भय दिखलाना आता है। इसमें दस वर्ष कारावास और आर्थिक दंड का प्रावधान है। वहीं धारा 411 में चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना आता है। इसमें सजा तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों हो सकती हैं। यह एक गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
मंत्री के वकील कोर्ट ऑर्डर लेकर हुए गायब, अदालत में अफरातफरी
मंत्री के वकील अविनाश कटियार होल्ड ऑर्डर कोर्ट से जबरन लेकर गायब हो गए हैं। इस मामले में कोर्ट मंत्री के वकील के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करा सकती है। एसीएमएम तृतीय आलोक यादव सजा पर फैसला सुरिक्षत रखा है। बताया जा रहा है कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के दबाव के चलते मामले को दबाने की कोशिश हो रही है।
यह है सचान का सियासी सफर
कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधान सभा सीट से विधायक रहे और 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोक सभा सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को करीब एक लाख वोटों से हराया था। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद राकेश सचान कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने राकेश सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधान सभा सीट से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। प्रदेश सरकार में उन्हें एमएसएमई मंत्री बनाया था।
और कोर्ट ने भी लगा दी 4पीएम की खबर पर मुहर, रेप केस में बसपा सांसद को किया बरी
- 4पीएम ने किया था सनसनीखेज खुलासा कि जेल में रची गयी थी बसपा सांसद अतुल राय को फंसाने की साजिश
- पैसा देकर युवती को बसपा सांसद के खिलाफ केस दर्ज कराने को किया गया था तैयार
- एमपी-एमएलए कोर्ट ने युवती के बयान को नहीं माना विश्वसनीय सांसद के पक्ष में सुनाया फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। आखिरकार 4पीएम की खबर पर कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी। वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने घोसी के बसपा सांसद अतुल राय को रेप के मामले में बरी कर दिया है। 4पीएम ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया था कि सांसद अतुल राय को झूठे केस में फंसाया गया था और इसकी साजिश गाजीपुर-सोनभद्र जेल में रची गयी थी। साजिश के तहत एक युवती को पैसा देकर सांसद पर रेप का झूठा मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार किया गया था। अब कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है कि सांसद के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था।
6नवंबर 2020 को 4पीएम ने खुलासा किया था कि घोसी के सांसद अतुल राय के सियासी करियर को बर्बाद करने की गहरी साजिश रची गयी थी। इसके तहत बलिया की एक युवती के जरिए जेल में बंद अंगद राय और सत्यम प्रकाश राय ने उन पर रेप और धमकी देने का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था। यही नहीं साजिश को अंजाम देने वालों तक पैसे भिजवाए गए थे। युवती की मां को भी षड्यंत्र का पता था। यह साजिश 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले रची गयी थी। अतुल राय के पिता भरत सिंह ने इस मामले की जांच की मांग की थी तब यह मामला सामने आया। दरअसल, विरोधी अंगद राय पुत्र सर्वदेव राय निवासी गाजीपुर और सत्यम प्रकाश राय पुत्र इंद्रबली राय ने मिलकर अतुल राय के खिलाफ बलिया की एक युवती के जरिए लंका थाने में धारा 420, 376, 504, 506 व 120बी के तहत केस दर्ज कराया था। इस साजिश की पुष्टिï ऑडियो क्लिप्स से हुई थी जिसमें सत्य प्रकाश राय, अंगद राय व अधिवक्ता विनोद राय की इसकी पूरी बातचीत मौजूद है। यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत ने युवती के संग दुष्कर्म के मुकदमे में घोसी सांसद अतुल राय को अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया है। अतुल राय के वकील अनुज यादव और वादी के वकील एडीजीसी ज्योति शंकर ने पुष्टि की है। दरअसल, मूल रूप से बलिया जिले की रहने वाली यूपी कालेज की पूर्व छात्रा ने 1 मई 2019 लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। 22 जून 2019 को अतुल ने वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। तब से वह नैनी जेल में ही हैं। सांसद के वकील अनुज यादव के अनुसार अदालत ने इस मामले में पीड़िता के बयान को विश्वसनीय नहीं माना है।
जांच आख्या में भी माना था झूठे केस में फंसाया गया
वाराणसी के भेलुपुर के क्षेत्राधिकारी अमरेश कुमार सिंह ने अपनी जांच आख्या में लिखा था कि साक्ष्यों, पूछताछ और ऑडियो क्लिप्स से साफ है कि सत्यम प्रकाश राय, अंगद राय व विजय शंकर तिवारी ने योजना बनाकर अतुल राय को झूठे मुकदमे में फंसाया। ऐसी स्थिति में इस मुकदमे को धारा 173(8) के तहत पुर्नविवेचना कराया जाना जरूरी है।
कब क्या हुआ
- 1 मई 2019: बलिया जिले की मूल निवासिनी और वाराणसी के यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा ने लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुराचार और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया।
- 22 जून 2019: बसपा सांसद अतुल राय ने वाराणसी की अदालत में सरेंडर किया, जेल भेजा गया।
- 16 अगस्त 2021: सुप्रीम कोर्ट के सामने पीडि़ता और गवाह सत्यम प्रकाश राय फेसबुक पर लाइव हुए और आत्मदाह किया।
- 16 अगस्त 2021: वाराणसी के पूर्व एसएसपी और गाजियाबाद के पुलिस कप्तान के पद पर तैनात रहे आईपीएस अमित पाठक को डीजीपी ऑफिस से अटैच किया गया।
- 17 अगस्त 2021: इंस्पेक्टर कैंट राकेश कुमार सिंह और दरोगा गिरिजा शंकर यादव को वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने निलंबित किया।
- 21 अगस्त 2021: इलाज के दौरान गवाह सत्यम प्रकाश राय की मौत हो गई।
- 24 अगस्त 2021: पीडि़ता ने भी दम तोड़ दिया।
- 27 अगस्त 2021: पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर को सांसद अतुल राय से मिलीभगत और दुराचार पीडि़ता व उसके गवाह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
- 30 सितंबर 2021: वाराणसी के एसपी सिटी रहे एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी को प्रदेश सरकार ने निलंबित किया।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग, आंकड़ों में धनखड़ आगे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति पद के लिए संसद भवन में वोटिंग हुई। पीएम मोदी भी उपराष्टï्रपति पद के लिए वोटिंग करने संसद भवन पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने संसद भवन में मतदान किया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में मतदान किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी वोट डाला।
वोटों की गिनती आज ही होगी और अगले उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को पद की शपथ लेंगे। सत्तारूढ़ पार्टी एनडीए ने उपराष्टï्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है। मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। दोनों सदनों में मौजूदा आंकड़ों के अनुसार बहुमत के लिए 388 वोट की जरूरत होती है और अकेले भाजपा के पास ही दोनों सदनों के सदस्यों को मिलाकर संख्या 390 के ऊपर है। वहीं राजग में भाजपा को सहयोगी दलों के साथ-साथ तेदेपा, बीजद, बसपा, अन्नाद्रमुक व शिवसेना जैसे दलों ने भी समर्थन देने की घोषणा की है।