मंत्रियों को खुद करना होगा कैबिनेट के सामने प्रेजेंटेशन
लखनऊ। रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म (सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन) का प्रधानमंत्री मोदी का सूत्र पहले ही अंगीकार कर चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे अपने दूसरे कार्यकाल की नई सरकार के लिए फार्मूला बनाते नजर आ रहे हैं। कामकाज में मंत्रियों की न सिर्फ सक्रियता रहे, बल्कि वह विभाग के प्रदर्शन के प्रति जवाबदेही भी बनें, इसके स्पष्ट संकेत दे दिए गए हैं। सीएम योगी ने कहा है कि कैबिनेट के सामने प्रस्तुतीकरण मंत्रियों को ही करना होगा, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सिर्फ सहयोग के लिए उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने लोकभवन में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही भी तय की जाए। अफसर और मंत्रियों, दोनों के लिए निर्देश दिए कि कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां संबंधित मंत्री द्वारा ही की जाएंगी। दरअसल कई मंत्री अब तक पूरी तरह अधिकारियों पर आश्रित रहे हैं। कैबिनेट में चर्चा के लिए कोई प्रस्ताव जाने पर मंत्री उसे नहीं समझा पाते थे, तब अधिकारी सब समझाते थे। अब जिस तरह से नए मंत्रिपरिषद का गठन किया गया है, उससे इशारा मिल ही चुका है कि सरकार अब मंत्रियों के काम का आकलन भी करना चाहती है। जब एक-एक प्रस्ताव से वह सीधे जुड़े होंगे, तब उनकी जवाबदेही बनेगी और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरशाही पर भी कुछ नियंत्रण रहेगा। इसके अलावा सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत में सरकार स्कूल चलो अभियान भी बड़े स्तर पर चलाएगी।
कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे प्रमुख सचिव और सचिव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि अपने-अपने अधीनस्थ सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों का निरीक्षण करें। निरीक्षण में अधिकारियों-कर्मचारियों की समय से उपस्थिति, साफ-सफाई सहित यह अवश्य देखें कि पत्रावलियों का समय से निष्पादन हो रहा है या नहीं। निर्देश दिया है कि दोषी पाए गए अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।