विधायक को मिली जान से मारने की धमकी, यूडीएफ ने वाम सरकार पर लगाया उदासीन रवैये का आरोप
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने बुधवार को सत्तारूढ़ वाम सरकार और राज्य पुलिस पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगया है। दरअसल, एनसीपी विधायक थॉमस के थॉमस को अपनी ही पार्टी से जान से मारने की धमकी मिली, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी पर यूडीएफ विपक्ष ने सत्तारूढ़ वाम सरकार और राज्य पुलिस को घेरा है।
यूडीएफ विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि विधायक की शिकायत राज्य पुलिस प्रमुख को 7 अगस्त को मिली थी और जांच शुरू कर दी गई है। सीएम ने यह भी कहा कि पुलिस ने उनकी पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं। यहां तक कि शिकायत के बाद अपनी पार्टी की कार्य समिति से हटाए गए थॉमस ने भी कहा कि उन्हें पुलिस या सरकार से कोई शिकायत नहीं है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायक ने विधानसभा में कहा कि ‘मुझे पुलिस और सरकार पर भरोसा है। सदन को स्थगित करने और मुद्दे पर चर्चा करने की अनुमति नहीं मिलने पर यूडीएफ विपक्ष ने वाकआउट किया। विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने अपने वाकआउट भाषण में कहा कि विधायक के दावों के बावजूद कि अतीत में उन्हें झूठे मामलों में फंसाने और यहां तक ??कि उन्हें मारने की कोशिश की गई थी, थॉमस द्वारा हाल ही में शिकायत दर्ज किए जाने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सतीसन ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा मामले दर्ज करने या ऐसा न करने के तीन दर्जन से अधिक उदाहरण हैं, जो इस बात पर आधारित हैं कि उनमें कौन शामिल था। पुलिस हमेशा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है, बिना यह देखे कि आरोपी कौन है या वह कोई प्रभावशाली व्यक्ति है या नहीं। इसलिए, हमें पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। मौजूदा मामले में, पुलिस का दृष्टिकोण उदासीन है।
एम विंसेंट और केके रेमा सहित कई यूडीएफ विधायकों ने स्थगन नोटिस दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस और राज्य सरकार को एनसीपी विधायक की समस्याओं के बारे में पता था, लेकिन उस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। हृष्टक्क विधायक ने अपनी ही पार्टी के कुछ सदस्यों से अपनी जान को कथित खतरे के खिलाफ राज्य पुलिस प्रमुख को शिकायत दी है। इस दावे का खंडन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पी सी चाको ने किया है और आरोप को ‘बेतुका’ बताया है।
गौरतलब है कि थॉमस ने सोमवार को अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के कुछ सदस्य उनके प्रतिनिधित्व वाले अलप्पुझा के कुट्टनाड विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने के लिए उन्हें मारने की योजना बना रहे हैं। उनकी शिकायत के एक दिन बाद, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने ‘गंभीर अनुशासनहीनता’ का हवाला देते हुए थॉमस को अपनी कार्य समिति से हटा दिया था।