जालोर में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल, नागरिक सुरक्षा तैयारियों का लिया गया जायजा

नागरिक सुरक्षा तैयारियों के परखने और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की रणनीति को मजबूत करने के मकसद से ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॅाक ड्रिल का आयोजन किया गया।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः नागरिक सुरक्षा तैयारियों के परखने और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की रणनीति को मजबूत करने के मकसद से ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॅाक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास शानिवार रात जालोर रेलवे स्टेशन परिसर में किया गया, जिसका संचालन केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर किया गया।

इस दौरान जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा विभाग, एनडीआरएफ (15 सदस्यीय दल), होमगार्ड (60 सदस्यीय दल) और सिविल डिफेंस की संयुक्त टीमें अभ्यास में शामिल हुईं। मॉक ड्रिल के अंतर्गत रेलवे स्टेशन पर बमबारी की फर्जी सूचना दी गई, जिसमें बताया गया कि 30 लोग घायल हो गए हैं।

सूचना मिलते ही संबंधित सरकारी एजेंसियों से हड़कप मच गया और आपात प्रतिक्रिया टीमों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, प्राथमिक उपचार देने और इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अभ्यास किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा के लिए तैयार की गई व्यवस्थाओं की व्यवस्थित समीक्षा करना और किसी भी आपातकालीन स्थिति में संबंधित एजेंसियों के समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना था।

रात के समय जालोर रेलवे स्टेशन पर अचानक इमरजेंसी सायरन बजने से शहर में हड़कंप मच गया। बम विस्फोट की सूचना मिलते ही प्रशासन, पुलिस और आपदा राहत एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया। घटना के तुरंत बाद राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिए गए। रेलवे स्टेशन परिसर में तत्काल अस्थायी अस्पताल बनाए गए, जहाँ डॅाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने मौके पर पहुंचकर घायलों का प्राथमिक उपचार शुरू किया। गंभीर रूप से घायलों को शहर के अस्पताल में रेफर कर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस दौरान पुलिसकर्मी सुरक्षा जांच में पूरी मुस्तैदी से जुटे रहे।

बम ब्लास्ट का आरोपी गिरफ्तार

जालोर पुलिस की फोरेंसिक की टीम ने सबूत जुटाए तथा त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने एक डमी संदिग्ध को गिरफ्तार भी किया. मॉक ड्रिल की रणनीति के तहत जिला कलक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे, जिला पुलिस अधीक्षक ज्ञानचन्द्र यादव के निर्देशन में जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिविल डिफेंस, अग्निशमन, एनसीसी, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, डिस्कॉम, सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की रेस्पॉन्स टीम ने आपातकालीन निकासी योजनाओं और उनके कार्यान्वयन की स्थिति का मूल्यांकन किया.

ऑपरेशन शील्ड के दौरान क्या करें?

दरअसल, ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत ब्लैकआउट, सायरन बजाने और मॉक ड्रिल का आयोजन नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के मकसद किया जाता है. इस दौरान युद्ध जैसे जैसे हालात शहर या कस्बों में पैदा किए जाते हैं. इस घटना की सूचना ब्लैकआउट और सायरन बजाकर लोगों को दी जाती है.

ऐसे हालात में सभी नागरिकों को चाहिए कि सायरन बजने ही यथास्थिति में अपने घरों, दुकानों, होटलों, भवनों, वाहनों, कार्यालय या किसी भी परिसर की सभी लाईटें स्वेच्छा से बंद कर दें. घर की खिड़कियों और दरवाजों पर काले पर्दे या कवर लगाएं. ताकि रोशनी बाहर न जाए. अफवाहों से बचें तथा सटीक जानकारी सुनें व प्रसारित करें. ड्रिल के समय निर्धारित समय पर बिजली के सभी उपकरण बंद करें. ड्रिल के समय शांत रहे व अफवाहों से बचें. ब्लैकआउट के दौरान टॉर्च या बैटरी से चलने वाले उपकरण साथ रखें. गांव व मोहल्लों में चौकसी रखें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाने को दें. ड्रिल के दौरान मोबाइल की फ्लैश लाइट व वाहन की हेडलाइट का अनावश्यक प्रयोग न करें. भीड़ इकट्ठी न करें और अनुशासन बनाए रखें. किसी भी प्रकार की आतिशबाजी, तेज आवाज वाले उपकरणों या ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग न करें.

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