मोदी राज बना फर्जीवाड़ा का बड़ा हब, गुजरात में छप रही नकली नोट
गुजरात के बनासकांठा में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली नोट छापने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है... मौके से करीब 39 लाख...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात राज्य के बनासकांठा जिले में एक बड़ा अपराध का पर्दाफाश हुआ है…… स्थानीय अपराध शाखा ने दिसा तालुका के महादेविया गांव में एक नकली नोट बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा…… इस छापेमारी में पुलिस ने लगभग चालीस लाख रुपये की नकली करेंसी, पांच प्रिंटर और अन्य उपकरण जब्त किए हैं……. और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है…… जबकि मुख्य आरोपी फरार बताया जा रहा है…… यह घटना चार सितंबर को हुई…… और पुलिस की यह कार्रवाई देश में बढ़ते नकली नोटों के कारोबार पर एक बड़ा प्रहार है……
आपको बता दें कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि महादेविया गांव में रायमल सिंह परमार जिसे रायमल दरबार भी कहा जाता है… उसके खेत में एक तहखाने में नकली नोट छापे जा रहे हैं……. इस सूचना के आधार पर बनासकांठा पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच ने देर रात छापेमारी की……. छापे के दौरान पुलिस ने संजय सोनी और कौशिक श्रीमाली नाम के दो लोगों को मौके पर गिरफ्तार किया……. मुख्य आरोपी रायमल सिंह परमार फरार हो गया…… पुलिस के अनुसार, यह फैक्ट्री एक खेत के अंदर बने तहखाने में चल रही थी……. जहां कोई शक नहीं कर सकता था…..
वहीं जब्त किए गए सामान में मुख्य रूप से पांच सौ रुपये के नकली नोट शामिल हैं…… कुल सात हजार आठ सौ नकली नोट बरामद हुए…… जिनकी कुल कीमत उनतालीस लाख से ज्यादा है……. लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में इसे चालीस लाख बताया गया है…… ये नोट इतने सटीक तरीके से बनाए गए थे कि असली नोटों से तुलना करने पर फर्क समझना मुश्किल था…….. पुलिस ने पांच प्रिंटर, कागज, स्याही और अन्य मशीनें भी जब्त की….. जो नकली नोट बनाने में इस्तेमाल हो रही थीं……. यह फैक्ट्री कुछ महीनों से चल रही थी…… और पुलिस का मानना है कि इससे पहले भी लाखों रुपये की नकली करेंसी बाजार में फैलाई जा चुकी होगी……
पुलिस की टीम ने रात भर छापेमारी की…… और सुबह तक सबूत इकट्ठा किए….. एलसीबी के अधिकारियों ने बताया कि यह ऑपरेशन बहुत गोपनीय था……. क्योंकि अगर जरा सी भी भनक लग जाती तो आरोपी सबूत मिटा सकते थे……. छापे के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई, और आरोपी शांतिपूर्वक गिरफ्तार हो गए…… अब पुलिस फरार आरोपी की तलाश में है…… और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है……
वहीं इस मामले के मुख्य आरोपी रायमल सिंह परमार हैं……. जिनके खिलाफ पहले से सोलह आपराधिक मामले दर्ज हैं……. वह एक पुराना अपराधी है, जो पहले भी चोरी, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों में शामिल रहा है……. पुलिस का कहना है कि रायमल का खेत इस फैक्ट्री के लिए इस्तेमाल हो रहा था……. और वह इसका मास्टरमाइंड है…… वह फिलहाल फरार है, और पुलिस उसके ठिकानों पर छापे मार रही है……
गिरफ्तार आरोपी संजय सोनी के खिलाफ पहले से पांच आपराधिक मामले हैं…… वह इस फैक्ट्री का संचालन कर रहा था……… और नोट छापने की तकनीक में माहिर है…… दूसरा आरोपी कौशिक श्रीमाली भी इसमें शामिल था……. और वह नोटों की पैकिंग और वितरण का काम देखता था…… दोनों आरोपी गुजरात के स्थानीय निवासी हैं……. और उनका कोई बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है…… लेकिन पुलिस जांच में पता चला कि वे रायमल के साथ मिलकर यह काम कर रहे थे…..
पुलिस ने बताया कि ये आरोपी सस्ते प्रिंटर और विशेष कागज का इस्तेमाल कर नकली नोट बना रहे थे……. वे बाजार में इन नोटों को कम कीमत पर बेचते थे……. जैसे कि पांच सौ का नकली नोट दो सौ और तीन सौ रुपये के नोट भी छापे जा रहे थे….. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा होता था, लेकिन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता था….. बनासकांठा पुलिस के एसपी और एलसीबी टीम ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई……. छापेमारी के बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की……. जिसमें पता चला कि फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली सामग्री ऑनलाइन या लोकल मार्केट से खरीदी गई थी……. पुलिस अब सप्लायर्स की तलाश कर रही है……. ताकि इस नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ा जा सके……
वहीं जांच में यह भी सामने आया कि नकली नोट गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भी भेजे जा सकते थे……. पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाया है…… जो नोटों की गुणवत्ता जांच करेगी……. साथ ही, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल रिकॉर्ड्स की जांच हो रही है…… अगर मुख्य आरोपी पकड़ा गया…… तो और भी कई राज खुल सकते हैं….. वहीं यह कार्रवाई मोदी सरकार के समय में हुई है…… और कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग दे रहे हैं…… लेकिन पुलिस का कहना है कि यह एक सामान्य अपराध जांच है…… सरकार ने नकली नोटों के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं……. जैसे कि भारतीय दंड संहिता की धारा चाप सौ नवासी A से चार सौ नवासी E, जो नकली करेंसी बनाने पर दस साल तक की सजा दे सकती है……
आपको बता दें कि नकली नोट अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा हैं……. जब बाजार में फेक करेंसी फैलती है……. तो असली पैसों की वैल्यू कम होती है…… और लोग धोखा खाते हैं……. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार…… हर साल लाखों रुपये की नकली करेंसी पकड़ी जाती है….. दो हजार सोलह के नोटबंदी के बाद नकली नोट कम हुए थे…… लेकिन अब फिर बढ़ रहे हैं…… वहीं इस मामले में जब्त नोट मुख्य रूप से पांच सौ के थे……. जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं……. अगर ये बाजार में फैल जाते, तो छोटे व्यापारियों और आम लोगों को नुकसान होता…… विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अपराध आतंकवाद या काले धन से जुड़े हो सकते हैं…… लेकिन इस मामले में अभी ऐसी कोई लिंक नहीं मिली…..
बता दें कि गुजरात में पहले भी कई नकली नोट फैक्ट्री पकड़ी गई हैं…… दो हजार चौबीस में सूरत में एक फैक्ट्री पकड़ी गई थी……. जहां एक करोड़ बीस लाख की फेक करेंसी मिली थी……. इसी तरह दो हजार बाईस में अहमदाबाद में अल-कायदा से जुड़ी फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था……. ये घटनाएं दिखाती हैं कि गुजरात नकली नोटों का हॉटस्पॉट बन रहा है……. क्योंकि यहां इंडस्ट्री और बॉर्डर के कारण आसानी होती है…… भारत में नकली नोटों की समस्या पुरानी है…….. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दो हजार तेइस और दो हजार चौबीस में दो लाख पचास हजार से ज्यादा नकली नोट पकड़े गए……. जिनमें पांच सौ और दो हजार के नोट सबसे ज्यादा थे…… नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट बढ़े…… लेकिन कैश अभी भी मुख्य है……
वहीं फर्जी कारोबार को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं……. जैसे नए नोटों में सिक्योरिटी फीचर्स जोड़ना….. वॉटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड, माइक्रो प्रिंटिंग आदि…… पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां लगातार छापे मार रही हैं…… लेकिन समस्या यह है कि तकनीक के साथ अपराधी भी स्मार्ट हो रहे हैं।…….. सस्ते प्रिंटर और इंटरनेट से वे आसानी से नोट कॉपी कर लेते हैं…… विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोग नोट चेक करें…… असली नोट में गांधीजी का वॉटरमार्क साफ दिखता है……. थ्रेड पर ‘आरबीआई’ लिखा होता है…… अगर शक हो, तो बैंक में जमा करें…… सरकार ने हेल्पलाइन भी शुरू की है….. वहीं यह घटना हमें सिखाती है कि अपराध कहीं भी छिपा हो सकता है……. गांवों में भी ऐसी फैक्ट्री चल सकती हैं……. जहां लोग शक नहीं करते…… समाज को सतर्क रहना चाहिए…… अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो पुलिस को बताएं…… गुप्त सूचना से ही यह भंडाफोड़ हुआ…..
आपको बता दें कि मोदी सरकार में डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकोनॉमी पर जोर है……. जो नकली नोटों को कम कर सकता है……. लेकिन ग्रामीण इलाकों में कैश अभी जरूरी है…… इसलिए सिक्योरिटी बढ़ानी होगी……. पुलिस की तारीफ करनी चाहिए…… जिन्होंने बिना देरी के कार्रवाई की….. वहीं यह मामला अभी जांच के दौर में है……. लेकिन पुलिस का दावा है कि जल्द ही मुख्य आरोपी पकड़ा जाएगा……. अगर सजा हुई तो यह अन्य अपराधियों के लिए सबक होगा……. देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए ऐसे अपराधों पर सख्ती जरूरी है…….



