उपराष्ट्रपति चुनाव में उल्टी गिनती शुरू, रेड्डी के खेल से मोदी-शाह फंसे?
उपराष्ट्रपति चुनाव में सियासी पारा चढ़ा... रेड्डी के इशारे से समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं... क्या मोदी-शाह पर भारी पड़ेगा विपक्ष का दांव?

दोस्तों भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है….. नौ सितंबर को होने वाले इस चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन….. और विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है…… यह चुनाव सामान्य नहीं है, क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया है….. जिसके चलते समय से पहले चुनाव कराया जा रहा है….. विपक्ष ने इसे वैचारिक लड़ाई करार दिया है….. जहां एक तरफ संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का मुद्दा है…… तो दूसरी तरफ NDA की संख्या बल की ताकत है…..
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नौ सितंबर को होने वाले हैं…… इस चुनाव में सत्तारूढ़ राजग के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन…… और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है…… दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं…… जिनमें राधाकृष्णन तमिलनाडु से और रेड्डी तेलंगाना से हैं…… उपराष्ट्रपति चुनाव को विपक्ष ने एक वैचारिक लड़ाई बताया है……. जबकि संख्या बल सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में है…..
राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति को जिस संतुलन, बुद्धिमत्ता और निष्पक्षता का पालन करना चाहिए….. इन सिद्धांतों का मैंने हमेशा पालन किया है….. और सभी दलों की आवाज़ों का सम्मान किया है…… निर्वाचित होने पर, मैं राज्यसभा को तार्किक बहस और रचनात्मक संवाद का एक सच्चा मंच बनाने का प्रयास करूँगा…… वहीं रेड्डी ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं कि राज्यसभा अनावश्यक कलह के बजाय राष्ट्रीय हित में विचारशील विचार-विमर्श का सदन बनी रहे….. यह साबित करना हमारा कर्तव्य है कि भारत में लोकतंत्र केवल प्रतीकात्मक संस्थाओं में ही नहीं….. बल्कि उसकी आत्मा में भी बसता है…… उपराष्ट्रपति के रूप में, मैं कार्यवाही में पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करके और प्रत्येक सदस्य की गरिमा की रक्षा करके हमारी संसदीय प्रणाली की पवित्रता को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूँगा…..
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वीडियो संदेश विपक्षी दल की ओर से एक रणनीतिक कदम है……. जिसका उद्देश्य सांसदों को यह याद दिलाना है कि उनका मतदान केवल पद पर कब्जा करने का साधन नहीं है……… बल्कि लोकतंत्र और संवैधानिक मर्यादाओं की रक्षा का अवसर है…… कई राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इस संदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों और नैतिक जिम्मेदारियों पर जोर देने का प्रयास किया गया है…… जिससे सांसद अपने निर्णय में देशहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें……
सुदर्शन रेड्डी का यह संदेश मीडिया और सोशल मीडिया पर भी तेजी से साझा किया जा रहा है…… राजनीतिक विश्लेषक इसे उप-राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दल की ओर से सांसदों को सक्रिय करने…… और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जागरूकता फैलाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं…… वहीं इस वीडियो के जरिए सुदर्शन रेड्डी ने न केवल सांसदों को मतदान के लिए प्रेरित किया…… बल्कि यह भी संदेश दिया कि उप-राष्ट्रपति का पद केवल एक औपचारिक पद नहीं है…… बल्कि यह लोकतंत्र की ताकत और भारत की संवैधानिक स्थिरता का प्रतीक है…… उनका यह आह्वान आने वाले चुनाव में निष्पक्ष और जिम्मेदार मतदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है……
विपक्ष इसे संविधान बनाम RSS-BJP की लड़ाई बता रहा है…… खड़गे ने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है……. और रेड्डी जैसे निष्पक्ष जज की जरूरत है…… TMC के डेरेक ओ’ब्रायन और अन्य नेताओं ने AAP समेत सभी दलों का समर्थन जुटाया…… दक्षिण भारत का मुकाबला है…. राधाकृष्णन तमिलनाडु से और रेड्डी तेलंगाना से हैं….. इससे TDP, YSRCP और BRS जैसी पार्टियों पर दबाव है……. क्योंकि रेड्डी तेलुगू गौरव का प्रतीक हैं….. YSRCP प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने पहले NDA को समर्थन दे दिया था…… लेकिन अब दबाव में हैं…..
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रेड्डी को फेलो हैदराबादी कहकर समर्थन दिया…… वहीं, NDA ने सांसदों को वोटिंग ट्रेनिंग दी…… विपक्ष ने भी मॉक पोल कराया….. विपक्ष का कहना है कि यह चुनाव व्यक्ति से ज्यादा विचारधारा का है…… रेड्डी नागरिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों के पैरोकार हैं…… जबकि राधाकृष्णन RSS से जुड़े हैं….. TMC के रिजु दत्ता ने इसे सिविल लिबर्टीज vs RSS हार्डलाइनर बताया…… कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि सभी विपक्षी दल एकजुट हैं….. वहीं यह चुनाव विपक्ष की एकता का परीक्षण भी है……. DMK ने पहले ISRO चीफ एम. अन्नादुरई का नाम सुझाया…… लेकिन रेड्डी के नान पर सहमति बनी…… मोदी ने विपक्ष से NDA उम्मीदवार का समर्थन करने की अपील की….. लेकिन विपक्ष ने इसे ठुकरा दिया…… चुनाव दक्षिण भारत पर फोकस कर रहा है…… जहां BJP प्रभाव बढ़ाना चाहती है…..



