उपराष्ट्रपति प्रत्याशी के सवाल पर बोले नकवी- अगर कोई जिम्मेदारी मिलती है तो उसे निभाना ही पड़ता है

  • मैंने ये शपथ नहीं ली थी कि मुस्लिमों के विकास के लिए ही काम करूंगा

लखनऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को राजनीति में 47 साल का लंबा अनुभव है। फिलहाल राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होते ही नकवी ने केंद्रीय मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन ये इस्तीफा किसी बड़े प्रमोशन की तैयारी लग रही है। खबरें हैं कि नकवी को एनडीए की तरफ से उप राष्टï्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है या फिर उन्हें जम्मू-कश्मीर के गवर्नर के तौर पर जिम्मेदारी दी जा सकती है। नकवी ने एक इंटरव्यू में उपराष्टï्रपति पद के मुद्ïदे पर दो टूक कहा कि मैं पूरी तरह अनजान हूं। मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। हां, 17 साल की उम्र से सामाजिक और राजनीतिक जीवन में हूं। बीजेपी के साथ सालों से काम कर रहा हूं। कई बार चुनाव जीता भी और हारा भी। राजनीति में अपेक्षाएं करनी चाहिए। अगर कोई जिम्मेदारी मिलती है तो उसे मजबूती के साथ निभाना ही होता है। हमने सिर्फ मुसलमानों के साथ नहीं, सभी के साथ काम किया है। सम्मान के साथ और बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण के साथ काम किया है। कोई विरोधी ये आरोप नहीं लगा सकता है कि मोदी सरकार ने किसी के साथ भेदभाव किया। अगर अल्पसंख्यकों को सियासी चक्रव्यूह में फंसा कर रखेंगे तो उनका भला नहीं होगा। नकवी ने आगे कहा कि मैंने यह शपथ नहीं ली थी कि मैं मुसलमानों के विकास के लिए काम करने वाला हूं। किसान सम्मान निधी में भी अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी 33 फीसदी है। सांप्रदायिक हिंसा कहीं भी नहीं होनी चाहिए। इन्हें नियंत्रित करने की नीयत और नीति सही होनी चाहिए।

हिजाब पर कोई बैन नहीं
नकवी ने नुपुर शर्मा मामले में कहा कि एजेंसी, पुलिस कानून के मुताबिक अपना काम कर रही हैं। सरकार कुछ नहीं कर सकती है। यदि एजेंसी कुछ गलत कर रही हैं तो उसके लिए कोर्ट है। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा हिजाब का मुद्दा किसी भी संस्था के ड्रेस कोड से जुड़ा मुद्दा है। हिजाब पर कोई बैन नहीं है। जब आप किसी संस्था में जाते हैं तो उसके नियमों को मानना होता है। नकवी बोले, जिन पार्टियों को बड़ी संख्या में मुसलमानों का वोट मिलता है, वो कितने प्रतिनिधि लाती हैं। बीजेपी ने संसद और विधानसभा को मिलाकर देशभर के चुनावों में 350 से ज्यादा टिकट मुसलमानों को दिए हैं। जो मुस्लिम नहीं जीत पाते हैं, पार्टी की कोशिश होती है कि उनको विधानमंडल के जरिए प्रतिनिधित्व दिया जाए।

स्मृति ईरानी ने बंगाल में पार्टी संगठन को दी मजबूती

कोलकाता। बंगाल में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर आईं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी यात्रा के आखिरी दिन हावड़ा में एक भाजपा कार्यकर्ता के घर दोपहर का भोजन किया। इसके साथ ही उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हावड़ा में आयोजित पदयात्रा में भी हिस्सा लिया। सुबह करीब दस बजे कदमतला बस स्टैंड से पदयात्रा के रूप में एक रैली निकाली। पंचाननतला रोड होते हुए हावड़ा मैदान तक निकाली गई इस पदयात्रा का नेतृत्व ईरानी ने किया। पदयात्रा के समापन के बाद दोपहर में ईरानी ने दासनगर थाना क्षेत्र के बालीटिकुड़ी में लोगों से जनसंपर्क किया। इसके बाद यहां उन्होंने भाजपा के पन्ना प्रमुख के घर दोपहर का भोजन किया। उनके खाने में पारंपरिक बंगाली व्यंजन चावल- मूंग की दाल, आलू पोस्तो, सूखता, आलू भाजा, पटल भाजा, बैगन का भाजा, चटनी और दही परोसा गया। यहां ईरानी ने महिलाओं से घुलमिल कर बात की और खाना खाते समय एक छोटे बच्चे को गोद में उठाकर उसे भी खिलाया। उसके बाद उन्होंने बैठक भी की और संगठन की मजबूती पर बल दिया।

मानसून सत्र की तैयारी में जुटीं केंद्र सरकार, बुलाई सर्वदलीय बैठक

नईर् दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। मानसून सत्र से पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसद का मानसून सत्र सुचारू रुप से चले, इसके लिए सभी दलों के नेताओं से चर्चा की जाएगी। सर्वदलीय बैठक 17 जुलाई को सुबह 11 बजे बुलाई गई है। बैठक में शामिल होने के लिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। बैठक में पीएम मोदी भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा कई बड़े मंत्री इसमें हिस्सा लेंगे। संसद का माननसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और यह 12 अगस्त तक चलेगा। लोकसभा सचिवालय ने मानसून सत्र को लेकर जानकारी दी थी। सरकार इस सत्र में कई विधेयकों को पेश कर सकती है। सरकार की कोशिश होगी की सत्र के दौरान विधेयक पास करा लिए जाएं। विपक्षी दल सरकार को महंगाई, ईडी, बेरोजगारी के अलावा कई मुद्दों पर घेर सकते हैं। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन का मुद्दा भी सदन में गरमा सकता है। संसद का मानसून सत्र इस बार कई मायनों में अहम है। मानसून सत्र के दौरान ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। 18 जुलाई को देश के अगले राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा। 21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आएंगे।

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