अगले 10 साल एनडीए की सरकार रहेगी, प्रधानमंत्री ने कर दिया एलान, कहा- जहां कम, वहां हम

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। इस दौरान उन्होंने बैठक में मौजूद सभी गणमान्य जनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं, एनडीए सरकार में हम अगले 10 साल में सुशासन, विकास, जीवन की गुणवत्ता और मेरा व्यक्तिगत सपना है। मैं लोकतंत्र की समृद्धि के बारे में सोचता हूं तो मानता हूं कि मध्यम वर्ग के जीवन में सरकार की दखल जितनी कम हो, उतना अच्छा है। आज के तकनीक के दौर में हम यह कर सकते हैं। हम विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे। विस्तार से कहूं तो सदन में किसी भी दल का कोई भी प्रतिनिधि होगा, मेरे लिए सब बराबर हैं। जब मैं सबका प्रयास करता हूं तो सदन में भी सब बराबर हैं। यह भी भाव है, जिसके कारण 30 साल से एनडीए आगे बढ़ा है। सबको गले लगाने में हमने कोई कमी नहीं रखी है। हमने 2024 में जिस टीम भावना से काम किया है और जमीनी स्तर पर किया है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ तस्वीरों के लिए नेताओं ने हाथ हिलाए और फिर तुम तुम्हारे रास्ते और हम हमारे रास्ते। हमने वाकई एकदूसरे का सहयोग किया है। हर किसी ने यही सोचा कि जहां कम, वहां हम। मैं कह सकता हूं कि हमारा 10 साल का अनुभव है। भारत के हर क्षेत्र और हर नागरिक की आकांक्षा और राष्ट्र की आकांक्षाओं के बीच अटूट नाता होना चाहिए। बीच से हवा न गुजर सके, ऐसा जुड़ाव होना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है। कर्नाटक और तेलंगाना को देखिए। अभी-अभी तो वहां सरकारें बनी थीं। पलभर में ही लोगों का भम्र टूट गया और एनडीए को गले लगा लिया। तमिलनाडु की टीम को भी बधाई देना चाहता हूं। वहां हमारा एनडीए समूह बढ़ा भी है। कइयों को पता था कि शायद सीटें न जीत पाएं, लेकिन फिर कहते रहे कि हम साथ रहेंगे। आज तमिलनाडु में भले ही हम सीट नहीं जीत पाए, लेकिन जिस तेजी से एनडीए का वोट शेयर बढ़ा है, वह साफ-साफ कह रहा है कि कल में क्या लिखा हुआ है। केरल में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बलिदान किया है। इतना जुल्म विचारधारा रखने वालों पर हुआ होगा, तो वह केरल में हुआ है। लेकिन हम परिश्रम की पराकाष्ठा में पीछे नहीं रहे। पीढिय़ां खपा दीं। और आज केरल से संसद में हमारा पहला प्रतिनिधि आ गया। अरुणाचल में लगातार हमारी सरकार बनती रही है। आंध्र में ऐतिहासिक रूप में सर्वोच्च सीटें मिली हैं… और ये पवन, ये पवन नहीं आंधी है। आंध्र ने इतना बड़ा जनमत हमारे लिए दिया है। महाप्रभु जगन्नाथ जी को याद करता हूं तो हमेशा याद करता हूं कि ये गरीबों के देवता हैं। वहां जो क्रांति-रूप परिणाम आया है, उसे देखकर कह सकता हूं कि विकसित भारत का जो सपना है, आने वाले 25 साल महाप्रभु जगन्नाथ जी की कृपा से ओडिशा देश की विकास यात्रा के ग्रोथ इंजन में से एक होगा।

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