तेजस्वी के वादे से NDA की हवा टाइट, 20 दिन के अंदर कानून बनाने का कर दिया दावा
तेजस्वी यादव ने एलान से हिली गुजरात लॉबी... उनकी सरकार बनी तो हर घर में एक सरकारी नौकरी देने का कानून 20 दिन के भीतर बनाया जाएगा...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों बिहार का हर घर, हर गांव, हर शहर का हर परिवार ऐसा हो.. जहां कम से कम एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में हो.. सुबह उठते ही परिवार में खुशी का माहौल.. पैसे की चिंता कम.. बच्चों की पढ़ाई का खर्च आसान.. यही सपना बिहार के युवा नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पटना की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साकार करने का ऐलान किया है.. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले यह घोषणा राजनीति के मैदान में एक बड़ा धमाका है.. तेजस्वी ने कहा कि यह कोई चुनावी जुमला नहीं.. बल्कि हमारा कानूनी रूप से बाध्यकारी ‘प्रण’ है..
बिहार जैसे राज्य में जहां बेरोजगारी की समस्या सालों से लोगों को परेशान कर रही है.. वहां यह वादा लाखों युवाओं की उम्मीदों को जगाने वाला है.. तेजस्वी यादव, जो राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं.. उन्होंने महागठबंधन की सरकार बनने पर हर ऐसे परिवार को एक सरकारी नौकरी देने का वचन दिया है.. जहां अभी कोई सरकारी नौकरी नहीं है… और उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार बनते ही 20 दिनों के अंदर एक नया कानून पारित किया जाएगा.. और 20 महीनों में बिहार का कोई भी परिवार बिना सरकारी नौकरी के नहीं बचेगा..
यह वादा सिर्फ शब्दों का नहीं, बल्कि डेटा और सर्वे पर आधारित है… तेजस्वी ने कहा कि हमने सारा डेटा निकाला है.. सभी सर्वे करा लिए हैं.. जो संभव है, वही हम करेंगे.. बिहार की जनता अब परिवर्तन चाहती है.. 20 साल की एनडीए सरकार ने हर घर में खौफ दिया है.. हम हर घर में नौकरी देंगे.. यह घोषणा चुनाव आयोग द्वारा बिहार चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद आई है.. जब मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो चुका है.. चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे.. और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे..
इस वादे ने बिहार की राजनीति को हिला दिया है.. लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या यह वादा हकीकत बनेगा या फिर एक और चुनावी वादा साबित होगा.. लेकिन एक बात साफ है.. यह बिहार के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण है… बिहार को हमेशा से ही ‘युवाओं का राज्य’ कहा जाता है.. यहां की आबादी का बड़ा हिस्सा 18 से 35 साल के युवा हैं.. लेकिन अफसोस, इन युवाओं के पास नौकरी की कमी है.. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है.. 2024 के सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वे में बिहार की बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत बताई गई.. जो ग्रामीण इलाकों में और भी ज्यादा है.. लाखों युवा बीपीएससी, एसएससी जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.. लेकिन सीटें सीमित हैं..
गांवों में तो हालत और खराब है.. एक किसान परिवार का बेटा खेतों में काम करता है.. लेकिन बारिश न हो या फसल खराब हो जाए तो पूरा परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाता है.. शहरों में भी पटना, मुजफ्फरपुर जैसे शहरों के युवा प्राइवेट जॉब्स के लिए दिल्ली.. मुंबई भागते हैं.. लेकिन वहां भी मेहनत के हिसाब से कम पैसे मिलते हैं.. महंगाई बढ़ रही है राशन, पढ़ाई, शादी-ब्याह का खर्चा.. सब कुछ आसमान छू रहा है.. ऐसे में सरकारी नौकरी एक स्थिर आय का स्रोत है.. जहां पेंशन, मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं..
तेजस्वी का यह वादा इसी समस्या का सीधा जवाब है.. उन्होंने कहा कि बिहार में करीब 2.5 करोड़ परिवार हैं.. इनमें से कई परिवारों में पहले से एक-दो सरकारी नौकरी वाले सदस्य हैं.. लेकिन लाखों परिवार ऐसे हैं.. जहां कोई सरकारी कर्मचारी नहीं है.. तेजस्वी ने दावा किया कि उनका डेटा तैयार है.. हर परिवार की लिस्ट बनेगी.. और उन परिवारों को प्राथमिकता मिलेगी जहां नौकरी की कमी है… यह वादा जाति, धर्म, उम्र से परे है.. हर समुदाय का व्यक्ति लाभान्वित होगा..
सोचिए, अगर यह लागू हो गया तो क्या होगा? एक गांव में जहां 100 परिवार हैं.. वहां कम से कम 100 सरकारी नौकरियां होंगी.. परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.. अपराध कम होंगे क्योंकि युवा बेकार न घूमेंगे.. और बिहार का विकास तेज होगा.. लेकिन सवाल यह भी है.. क्या इतनी नौकरियां देना आसान है… बिहार का बजट अभी करीब 3 लाख करोड़ रुपये है.. नई नौकरियों पर खर्च वेतन, ट्रेनिंग, दफ्तर लाखों करोड़ का होगा.. तेजस्वी ने इसका जवाब दिया.. हमने सर्वे किया है, संभव है.. लेकिन आम जनता सोच रही है.. पैसा कहां से आएगा? केंद्र सरकार से मदद.. नई फैक्टरियां लगाकर प्राइवेट जॉब्स बढ़ाना… या टैक्स सिस्टम सुधारना.. यह वादा सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि आर्थिक न्याय का प्रतीक है.. तेजस्वी ने कहा कि सामाजिक न्याय के बाद अब आर्थिक न्याय का समय है..
पटना के एक होटल में गुरुवार दोपहर तेजस्वी यादव ने पत्रकारों को बुलाया… कमरे में माइक, कैमरे, और बिहार के भविष्य पर नजरें.. उन्होंने कहा कि आज मैं बिहार के युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा कर रहा हूं.. महागठबंधन की सरकार बनने पर हर परिवार में एक सरकारी नौकरी सुनिश्चित करेंगे.. उन्होंने विस्तार से बताया कि सरकार बनते ही शपथग्रहण के 20 दिनों के अंदर विधानसभा में एक नया अधिनियम पेश किया जाएगा.. यह कानून हर परिवार को एक सरकारी नौकरी का कानूनी अधिकार देगा.. विशेष रूप से उन परिवारों पर लागू होगा.. जहां पहले से कोई सरकारी नौकरी नहीं है.. 20 महीनों के अंदर बिहार में ऐसा कोई परिवार नहीं बचेगा.. जिसके पास सरकारी नौकरी न हो..
तेजस्वी ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा.. 20 साल हो गए नीतीश कुमार की सरकार को.. उन्होंने हर घर में खौफ दिया.. बेरोजगारी का, अपराध का, गरीबी का.. हम नौकरी देंगे, खुशी देंगे.. उन्होंने 2020 के चुनाव का जिक्र किया.. तब उन्होंने 10 लाख नौकरियों का वादा किया था.. नीतीश जी ने तंज कसा था.. पैसे अपने बाप के घर से लाओगे.. तेजस्वी ने जवाब दिया… हम वादे पूरे करने वाले हैं, जुमलेबाजी नहीं.. 17 महीने की सरकार में हमने 5 लाख नौकरियां दीं… अब 20 महीने में हर परिवार को… मेरा कर्म बिहार है, मेरा धर्म बिहारी…
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का दौर चला.. एक पत्रकार ने पूछा इतनी नौकरियां कैसे देंगे? बजट?” तेजस्वी मुस्कुराए, “बहुत लोग पूछेंगे.. कैसे देंगे? हमने डेटा निकाला है… सर्वे करा लिया.. यह प्रण है, घोषणा नहीं.. हम सभी परिवारों की सूची तैयार करेंगे.. और नौकरी का नवजागरण लाएंगे.. उन्होंने कहा कि यह पहली घोषणा है.. और चुनाव से पहले और भी वादे आएंगे.. लेकिन प्राथमिकता रोजगार पर रहेगी.. न कि बेरोजगारी भत्ता देने पर..
आपको बता दें कि बिहार चुनाव 2025 कोई साधारण चुनाव नहीं है.. 243 सीटों पर सियासत गर्म है… एनडीए (बीजेपी-जेडीयू) के खिलाफ महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-बाएं दल) मैदान में है… मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 20 साल से सत्ता में हैं.. लेकिन बेरोजगारी, पलायन, बाढ़ जैसी समस्याएं बरकरार हैं.. हाल ही में नीतीश सरकार ने महिलाओं को 10,000 रुपये की मदद, 125 यूनिट फ्री बिजली जैसे वादे किए.. लेकिन विपक्ष इन्हें ‘चुनावी ब्राइब’ बता रहा है…
तेजस्वी यादव की राजनीतिक यात्रा दिलचस्प है.. लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी 2015 में पहली बार विधायक बने… 2020 में महागठबंधन की जीत पर वे डिप्टी सीएम बने.. 17 महीने की उनकी सरकार में टीचर भर्ती, पुलिस कांस्टेबल जैसी नौकरियां रिकॉर्ड संख्या में हुईं.. लेकिन 2022 में नीतीश के साथ गठबंधन टूटा.. और तेजस्वी विपक्ष में आ गए.. तब से वे युवाओं के मुद्दे उठा रहे हैं… 2020 का 10 लाख नौकरी वादा आंशिक रूप से पूरा हुआ, जिससे उनकी साख बनी..
अब 2025 में तेजस्वी महागठबंधन के चेहरे हैं.. उनका यह वादा सीधे युवा वोट बैंक को निशाना बनाता है.. बिहार में 7.42 करोड़ वोटर हैं.. जिनमें 2 करोड़ से ज्यादा युवा शामिल है.. अगर युवा वोट पड़े, तो गठबंधन की जीत पक्की.. लेकिन चुनौतियां भी हैं.. एनडीए मोदी लहर का फायदा उठा सकता है.. नीतीश के विकास के दावे सड़कें, बिजली भी वोट खींच सकते हैं… तेजस्वी को सीट शेयरिंग, गठबंधन की एकजुटता पर ध्यान देना होगा…



