6 दिनों से बोरवेल में फंसी है 3 साल की मासूम, रेस्क्यू में उतरी NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें

4PM न्यूज़ नेटवर्क: राजस्थान से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ इलाके में पिछले 6 दिनों से 3 साल की एक बच्ची चेतना 170 फीट गहरे बोरवेल में फंसी हुई है। आज शनिवार को छठे दिन जवान 170 फीट गहरे गड्ढे में सुरंग खोदने उतरे हैं।उसे बचाने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इस रेस्क्यू में NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार जुटी हुई हैं।

जानकारी के अनुसार मासूम बच्ची 120 फीट की गहराई पर एक हुक से लटकी हुई है। इतने दिन से न तो उसने कुछ खाया और न ही पिया है। ऐसे में राहत की बात ये है कि चेतना को रेस्क्यू करने के लिए बोरवेल के पास खोदे गए गड्ढे में रेस्क्यू टीम के जवानों को नीचे उतारा गया है। यह जवान बोरवेल तक सुरंग खोदेंगे। हालांकि अफसरों के पास इस बात का जवाब अब भी नहीं है कि चेतना कब तक बाहर आएगी।

170 फीट गहरे टनल में उतरी NDRF की टीम

बताया जा रहा है कि अब मासूम के रेस्क्यू के लिए NDRF के 3 जवान ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर मशीन के जरिए 170 फीट गहरे टनल में उतरे हैं। इस दौरान पाइलिंग मशीन से बोरवेल के समानांतर 170 फीट का ड्रिल करके खुदाई करने के बाद उसमें केसिंग का काम किया गया है। इसके बाद अब वहां तक टनल बनाया जाएगा, जिस बोरवेल में चेतना है।

इस मामले में जिला प्रशासन कह रही है कि अभी चेतना को निकालने में कुछ घंटों का समय लग सकता है। हालांकि इस बीच परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।  इस दौरान बच्ची की मां ने रोते हुए कहा कि कलेक्टर मैडम अपनी बेटी समझकर मेरी बेटी को बचा लो। वहीं बच्ची के ताऊ ने बताया कि जिला प्रशासन कह रहा है कि आप तो किनारे बैठो, काम तो काम की तरह होगा। इस कारण बच्ची के परिजन प्रशासन पर लापरवाही से रणनीति बदलने का भी आरोप लगाया है। वहीं इस बीच मौसम रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बना हुआ है। बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर बारिश के कारण काम धीमा हो गया था। इस पर प्रशासन ने बारिश से बचने के लिए तिरपाल लगाए और ऑपरेशन को जारी रखा।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • सोमवार की दोपहर खेलते समय चेतना बोरवेल में गिर गई थी।
  • ऐसे में बच्ची करीब 170 फीट की गहराई पर फंसी हुई है।
  • प्रशासन ने बताया कि अब तक बच्ची तक पानी या खाना पहुंचाना संभव नहीं हो पाया है।

 

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