नीतीश गेम में बड़ा झटका खा गए मोदी- शाह: पहले राउंड बाद बौखलाए, अर्जेंट मीटिंग बुलाई

दोस्तों, बिहार चुनाव के फर्स्ट राउंड के बाद भले मंच से जेपी नड्डा और अमित शाह ये चिल्ला- चिल्ला कर कह रहे कि कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं प्रो कंबेेसी है, लेकिन सच यह है कि अंदरखान में बीजेपी बहुत डर गई है और डर की हालत यह है कि एक ओर जहां बीजेपी कार्यालय में नीतीश को आधे चुनाव बाद सम्मान दिया जा रहा है

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों, बिहार चुनाव के फर्स्ट राउंड के बाद भले मंच से जेपी नड्डा और अमित शाह ये चिल्ला- चिल्ला कर कह रहे कि कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं प्रो कंबेेसी है,

लेकिन सच यह है कि अंदरखान में बीजेपी बहुत डर गई है और डर की हालत यह है कि एक ओर जहां बीजेपी कार्यालय में नीतीश को आधे चुनाव बाद सम्मान दिया जा रहा है तो वही दूसरी ओर सोशल मीडिया पर कई ऐसी खबरें है कि पीएम मोदी ने बिहार में एक्टिव टीम की हाईलेवल मीटिंग बुला ली है और पूरा पॉवर अपने हाथ में लेने की तैयारी में हैं। बीजेपी कार्यालय पर नीतीश कुमार को कैसे आधे चुनाव के बाद सम्मान दिया जा रहा है और पीएम साहब की हाईलेवल मीटिंग की बतों में कितनी सच्चाई है,

दोस्तों बिहार चुनास के फर्स्ट राउंड से एक दिन पहले गोदी मीडिया और उसके तमाम सर्वे आए थे और हर सर्वे में एनडीए की फुल बहुमत मिलता दिख रहा था लेकिन जैसे ही चुनाव का फर्स्ट राउंड कंपलीट हुआ है कहीं न कहीं मोदी और उनकी पूरी टीम डरी हुई है, इसलिए नहीं कि कांग्रेस और आम जनता ये दावा कर रही है कि तेजस्वी यादव और महागठबंधन को बंपर जीत मिल रही है बल्कि कहीं न कहीं बीजेपी के अपने आंकलन भी बता रहे हैं कि पहले राउंड में कहीं न कहीं बीजेपी और एनडीए पिछड़ रहा है और इसके पिछड़ने की वजह कोई और नहीं नीतीश कुमार वाला एंगल ही है। आपको बिहार चुनाव में सीनियर जर्नलिस्ट उमाशंकर सिंह जी एक्टिव है, आज उनके एक्स पर एक 44 सेकेंड की वीडियो अपलोड हुई है।

इस वीडियो में बीजेपी कार्यालय पर होर्डिंग पहले चरण के चुनाव के बाद अचानक बदल रही है। होर्डिंग पर नीतीश कुमार की आदमकद फोटो आज अचानक लगाई जाने लगी है। आपको बात दें कि ये वीडियो जैसे ही सामने आया है कयासों का दौर शुरु हो गया है कि आखिर बीच चुनाव में अचानक बीजेपी के कार्यालय पर नीतीश की आदमकद फोटो क्यों लगाई जानी शुरु हुई है। क्योंकि अभी तक बीजेपी और खासतौर पर पीएम साहब के चाणक्य बहुत जोर जोर से ये बात मंच और मीडिया के माध्यम से करते थे कि नीतीश कुमार सीएम फेस नहीं है, सीएम फेस का ऐलान चुनाव के बाद किया जाएगा। खबर तो यहां तक कि बीजेपी के अंदर ही कुछ लोग ये बात चाहते थे कि नीतीश को सीएम फेस घोषित कर दिया जाए।

खासतौर से वो लोग जो बिहार की जमीनी राजनीति की सच्चाई जानते थे लेकिन अंदरखाने की खबर है कि अमितशाह अड़ गए वो सीएम फेस के बिना ही चुनाव लड़ने की बात करने लगे और पीएम साहब को अपने साथ ले आए लेकिन आपको बात दें कि जैसे ही पहले राउंड का रुझान आया है तो तुरंत ही सारी कहानी बदलती दिखने लगी है। एक ओर जहां अंदरखाने से खबरें हैं कई सीनियर जर्नलिस्ट का दावा है कि पीएम साहब की मीटिंग होगी और दूसरे चरण के लिए नए तरीके से रणनीति तय की जाएगी और अब सीधे पूरा चुनाव पीएम मोदी के आदेशों और निर्देशों पर लड़ा जाएगा, ये सबकुछ कहीं न कहीं ये बात रहा है कि भले से पहले राउंड में तेजस्वी यादव ने बड़ी लीड न ली हो लेकिन बीजेपी अंदर से बाहर तक हिल गई और इनको हिलाने में नीतीश बाबू का पिछड़ा वर्ग है। दावा तो यहां तक कि जा रहा है कि जिन सीटों पर बीजेपी और एनडीए के दूसरे सहयोगी दल लड़े रहे हैं, उन सीटों पर पिछड़ा बिल्कुल दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है,

यहां तक कि बड़ी संख्या में दलित वोट भी महागठबंधन को ट्रॉसफर होते दिख रहे है और यही वजह है कि न सिर्फ पीएम साहब बल्कि उनके चाणक्य जी पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं और इसी वजह से बीजेपी के पटना कार्यलया पर नीतीश की न सिर्फ आदम कद फोटो लग रही है बल्कि ये बात भी कही जा रही है कि अगले 24 घंटे में पीएम साहब नीतीश कुमार को बतौर सीएम फेस घोषित कर सकते है लेकिन अभी इन खबरों की पुष्ट्रि नहीं हो पाई है। लेकिन एक बात पूरी तरह से साफ है कि पहले राउंड के चुनाव के बाद हलचल तो है और वो हलचल साधारण नहीं बल्कि बिहार के बाद देश की सत्ता सरक जाने का डर न गुजरात लॉबी को सताने लगा है। आपको बता दें कि कांग्रेस का जो इंटरल सर्वे आया है उसमें ये बात बहुत हद तक साफ है कि महागठबंधन को 121 में 80 सीटें मिलने जा रही है और मौजूदा नीतीश सरकार के एक दो नहीं बल्कि पहले राउंड में चुनाव लड़ रहे 15 में से 12 मंत्रियों के हारने की भी खबर आई है और आपको बात दें कि इस खबर ने न सिर्फ हंगामा मचाया है बल्कि बहुत हद तक दूसरे चरण के चुनाव पर भी बंपर असर डालता दिख रहा है क्योंकि जो जनता अब तक कुछ कन्फ्यूज थी कि किसकी सरकार बनाए वो अब सीधे महागठबंधन को वोट करेगी।

क्योंकि आमतौर पर ये बात चुनाव में होती है कि 5 प्रतिशत ऐसे मतदाता होते हैं जो इस बात के पक्षधर होते हैं कि जो जीत रहा है उसी को जिताओ, ऐसे में पहले चरण के रुझान में इंडिया गठबंधन को बंपर फायदा हो सकता है और ये फायदा इंडिया को बड़ी जीत दिला सकता है और यही बात पीएम साहब और उनके चाणक्य जी को पहले फेज के चुनाव के बाद दिखने लगी है। एक ओर जहां इसका असर पीएम साहब की रैली तक में हुआ है वहां पर एक दलित ने सरेआम पीएम के सामने पोस्टर लहरा दिया है तो वहीं दूसरी ओर पीएम साहब को सारा माजरा समझते देर नहीं लगेगी है,

लेकिन अभी क्योंकि दूसरे चरण की 122 सीटें बचीं हैं और ऐसे में पीएम साहब नए तरीके की तैयारी में जुट गए हैं लेकिन जैसे ही तैयारी उनके तरह से वैसी ही तैयारी इंडिया गठबंधन की ओर भी भी शुरु हो गई है। नीतीश कुमार के मुद्दे को इंडिया ने और तेज से उठाना शुरु कर दिया है और चुनाव में इंडिया की जीत के पीछे नीतीश फैक्टर को उठाना शुरु कर दिय है।

कांग्रेस का साफतौर पर कहना है कि इंडिया को जो पहले राउंड में आपार बढ़त मिली है उनकी इंटरनल रिपोर्ट बताती है कि नीतीश कुुमार ही ही देन है और नीतीश सीएम फैैक्टर ने अपना काम दिखाया है और शायद यही वजह है कि पीएम साहब और उनके चाणक्य जी बैकफुट पर आखिरकार आ गए हैं और अब बस ऐलान होना बाकी रह गया है लेकिन अब बीच चुनाव में यह गेम असर करेगा या नहीं क्योंकि बीजेपी और पीएम साहब के एक पूर्व बगावती मंत्री है, जिन्होेंने अडानी के पॉवर हाउस के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है वो पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि अगर बीजपी किसी हाल में एनडीए के सीएम को नीतीश के तौर पर प्रोजेक्ट करती है

तो सिर्फ छह महीने में ही उनका काम खत्म कर देगी। ऐसे बिहार चुनाव में बीजेपी तौचरफा फंसी हुई और जिस चुनाव को पीएम साहब और उनके चाणक्य जी बहुत हल्के में ले रहे थे कि ये चुनाव चुटकी बजाते निकल जाएग लेकिन बाबू जी लोग को अब पता चल रहा है कि ये बिहार है और यहां लड़कर जीतना किसी के बस की बात नहीं है, यहां बिहारी ही सबकुछ कर सकता है, गुजराती बाबाओं का गेम चलने वाला नहीं है लेकिन अंदरखाने की खबर है कि पीएम साहब खुद कमान संभाल कर फिर से मैदान में जुटने की तैयारी में लगे हुए है और पहले राउंड मंे संभवतः पिछड़ने के बाद अब दूसरे राउंड में कुछ मास्टर स्टोक चलना चाहते हैै।

क्योंकि बिहार से पीएम साहब की कुर्सी बची है और अगर पीएम साहब और एनडीए बिहार हार जाता है तो उनकी कुर्सी अचानक टूट सकती है क्योंकि अगर इंडिया बहुमत में आएगा तो एक बात तो तय है कि बिहार में नीतीश बाबू की पार्टी के लिए खतरा बढ़ जाएगा। पूरे मामले पर आपको क्या मानाना है कि क्या अचानक बीजेपी के पटना कार्यालय पर नीतीश बाबू की आदमकद तस्वीर लगना और पीएम साहब की गुप्त मीटिंग बुलाना क्या ये इस बात के संकेत नहीं हैं कि कहीं न कहीं पीएम साहब और उनकी पार्टी पहले फेज के मतदान के बाद डरी हुई है और बिहार में जन भावना को देखते ही जैसे अधिकारियों के टोन बदल गए हैं क्या ये बहुत बडा संकेत नहीं है कि बिहार में परिवर्तन होने जा रहा है।

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