अब आपराधिक मामलों में जेल गए नेताओं की जाएगी कुर्सी, संसद में आज बिल पेश करेगी सरकार

केंद्र सरकार ने आपराधिक मामलों में शामिल राजनेताओं पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार आज संसद में तीन नए विधेयक पेश करेगी, जिनके तहत अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री 30 दिन से ज़्यादा जेल में रहता है, तो उसे अपना पद छोड़ना पड़ेगा।
क्या है नया कानून?
सरकार ने तीन विधेयक तैयार किए हैं: संघ राज्य क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। इन विधेयकों का मकसद मौजूदा कानूनों की कमियों को दूर करना है, जिनमें गिरफ्तारी या न्यायिक हिरासत के बावजूद नेताओं को पद से हटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
नए प्रावधानों के तहत, अगर किसी नेता को 5 साल या उससे ज़्यादा की सज़ा वाले अपराध में लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, तो उसे अपने पद से हटा दिया जाएगा।
कैसे काम करेगा यह नियम?
जम्मू-कश्मीर में: अगर कोई मंत्री 30 दिनों तक लगातार हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर उसे हटा दिया जाएगा। अगर मुख्यमंत्री इस पर ध्यान नहीं देते, तो अगले दिन वह मंत्री खुद-ब-खुद पद से हट जाएगा।
केंद्र और राज्यों में: इसी तरह का नियम केंद्र और राज्यों के लिए भी प्रस्तावित है, जहाँ हिरासत में लिए गए मंत्री या प्रधानमंत्री को 31वें दिन पद से हटा दिया जाएगा।
विधेयकों के अनुसार, ये कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं ताकि संवैधानिक नैतिकता बनी रहे और जनता का अपने प्रतिनिधियों पर विश्वास कायम रहे। सरकार का मानना है कि गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे नेता सुशासन के सिद्धांतों को बाधित कर सकते हैं, जिससे जनता का भरोसा कमज़ोर होता है।



