जोशीमठ में 4 वार्ड असुरक्षित, घर खाली करने के आदेश, एनटीपीसी ने सफाई

देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव और मकानों में दरार आने की घटनाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन ने चार वार्डों को असुरक्षित घोषित किया है। साथ ही इन इलाकों में रह रहे लोगों को तत्काल इस जगह को खाली कर सुरक्षित स्थान पर पनाह लेने को कहा गया है। प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित सुनील वार्ड, मनोहर बाग, सिंह धार और मारवाड़ी वार्ड के अलावा गांधी नगर के इलाके हैं। इनमें से जिला प्रशासन ने रविवार को ही सर्वे के बाद चार इलाकों को असुरक्षित घोषित किया था।
इसी क्रम में सोमवार को एक बार फिर से एक्सपर्ट कमेटी मौका मुआयना करने पहुंच रही है। यहां पहले से एनडीआरएफ एक टीम के अलावा एसडीआरएफ की चार टीमें मौजूद हैं। वहीं आज एनडीएमए की भी एक टीम मौके पर पहुंच रही है। जिलाधिकारी चमोली के मुताबिक सर्वे, बचाव और राहत कार्य का काम एक साथ चल रहा है। प्रभावित इलाकों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को चार हजार रुपये प्रतिमाह देने की कवायद भी शुरू की गई है।
एनटीपीसी की सुरंगों से जोशीमठ में पानी भरने के आरोप लगातार लग रहे हैं। इस बीच एनटीपीसी ने भी एक बयान जारी किया है। इसमें एनटीपीसी ने साफ तौर पर कहा है कि कोई सुरंग जोशीमठ के नीचे से नहीं निकाली गई है। साथ ही कहा कि एनटीपीसी कभी ब्लास्ट के जरिए टनल की खुदाई नहीं करती, बल्कि इसके लिए तकनीकी तरीके से और मशीन से खुदाई होती है। बताया कि जोशीमठ के लोगों के विरोध के बाद पांच जनवरी से ही तपोवन हाईडल प्रोजेक्ट का काम रोक दिया गया है। कंपनी ने साफ किया कि करीब 12 किमी लंबे टनल का जोशीमठ से कोई संबंध नहीं है। इस टनल को नदी का पानी उठाकर प्लांट के टर्बाइन तक पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
रविवार से ही मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी ने जोशीमठ में डेरा जमा लिया है। वह ना केवल हालात पर नजर रख रहे हैं, बल्कि यहां से पल पल की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दे रहे हैं। इसके साथ वह स्थानीय स्तर के अधिकारियों के साथ लगातार मीटिंग करते हुए राहत कार्य भी तेज कराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस आपदा में फंसे लोगों को बाहर निकाल लिया जाएगा।

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