देव उठनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु को लगाएं ये भोग, बाधाएं होंगी दूर  

4PM न्यूज़ नेटवर्क: सनातन धर्म के अनुसार हर महीने में दो एकादशी आती हैं और पूरे साल में 24 एकादशी व्रत होते हैं। कार्तिक के महीने में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। जो आज 12 नवंबर को है। माना जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद योगनिद्रा से जागते हैं और संसार के कामकाज को दोबारा संभालते हैं। एकादशी के दिन चावल खाना मना होता है, इसलिए आप श्री हरी विष्णु को मखाने की खीर बनाकर भोग लगा सकते हैं। इसके साथ ही खुद भी इसे खाया जा सकता है। मखाने की खीर बनने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है और ये काफी स्वादिष्ट भी बनती है।

आपको बता दें कि देवउठनी एकादशी इसलिए भी खास होती है, क्योंकि इस दौरान गन्ने की कटाई हो रही होती है। सर्दी के मौसम की शुरुआत होने के साथ ही सीजनल फल और सब्जियां भी आना शुरू हो जाते हैं, जिनका प्रसाद विष्णु जी को चढ़ाया जाता है। इसके अलावा मीठा भी अर्पित किया जाता है।

यह एकादशी इसलिए भी शुभ मानी जाती है कि इस दिन से सभी शुभ काम शुरू किए जाते हैं। इसलिए इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उन्हें उनका पसंदीदा भोग लगाते हैं। भगवान विष्णु के प्रिय भोग में धनिया की पंजिरी भी शामिल है। धनिया की पंजिरी भगवान कृष्ण, जो भगवान विष्णु का ही अवतार हैं, उन्हें बेहद प्रिय है। इसलिए आप देवउठनी एकादशी पर धनिया की पंजिरी का भी भोग लगा सकते हैं। और मखाने की खीर का ही भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है।

 

 

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