हिंदुओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील करके फंसी नवनीत, विपक्ष ने कर दिया एक्सपोज!
महाराष्ट्र की सियासत में एक तरफ जहां BMC चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी तरफ नेताओं के विवादित बयान देने का सिलसिला भी लगातार जारी है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: महाराष्ट्र की सियासत में एक तरफ जहां BMC चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी तरफ नेताओं के विवादित बयान देने का सिलसिला भी लगातार जारी है। दरअसल इसी चुनावी गहमागहमी के बीच बीजेपी की नेता ने ऐसा बयान दिया है जिसे लेकर सियासी पारा हाई है।
दरअसल महाराष्ट्र की बीजेपी नेता नवनीत राणा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि देश को बचाने के लिए हिंदुओं को 3-4 बच्चे पैदा करने चाहिए. उन्होंने विशेष समुदाय पर निशाना साधते हुए यह तक कह दिया था कि हिंदुओं को ज्यादा बच्चे इसलिए करने चाहिए जिससे ‘उनकी’ साजिशों का सामना किया जा सके, जो यह सोचते हैं कि ज्यादा बच्चे पैदा कर भारत को पाकिस्तान बना देंगे. नवनीत राणा के इस बयान का पुरजोर विरोध हो रहा है और विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है. आम जनता भी नवनीत राणा की आलोचना कर रही है. नवनीत राणा ने दावा किया है कि उन्होंने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि उन्होंने किसी मौलाना को ऐसा कहते सुना था.
हालांकि या कोई पहला मौका नहीं है जब नवनीत ने विवादित बयान दिया हो और चर्चा में आईं हों। बल्कि इससे पहले कई ऐसे मौके आये हैं जब वो अपने विवादित बयानों को लेकर घिर चुकी हैं। इससे पहले नवनीत राणा ने अमरावती में स्थानीय निकाय चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि जो धर्म ध्वज की ओर उंगली उठाए, उसकी उंगलियां काट दी जानी चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में सीएम योगी का जिक्र करते हुए कहा था कि बंटोगे तो कटोगे। इस बार न बटेंगे, न कटेंगे। एक भी रहेंगे और सेफ भी रहेंगे। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने 25 नवंबर 2025 को अयोध्या में धर्म ध्वज फहराया। इसे लेकर पाकिस्तान से उंगलियां उठाई जा रही हैं कि अपने विचारों को लेकर देश के प्रधानमंत्री दूसरे लोगों को नीचे गिराने की कोशिश कर रहे हैं। नवनीत राणा ने लोगों से अपील करते हुए आगे कहा कि जो धर्म ध्वज की ओर उंगली उठाता है, उसकी उंगलियां काट दी जानी चाहिए।
अब नवनीत एक तरफ जहां दूसरों को ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दे रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ खुद के कितने बच्चे हैं ये कभी नहीं बताती हैं। आपको बता दें कि नवनीत राणा की शादी 2011 में रवि राणा से हुई थी और उनके सिर्फ दो बच्चे हैं, जिसमें एक बेटा रणवीर और बेटी आरोही है. हालांकि नवनीत हिंदुओं से चार बच्चे पैदा करने की अपील कर रही हैं. उनकी इस अपील के साथ तर्क दिया है कि हम भारत को पाकिस्तान-बांग्लादेश नहीं बनने देंगे और मुसलमानों की बढ़ती आबादी से मुकाबला करने के लिए ज्यादा बच्चे करने होंगे. इस से पहले भी विवादित बयानों से घिरे रहने वाली राणा ने मुस्लिमों की आबादी को लेकर को डेटा पेश नहीं किया है.
नवनीत राणा ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और फिर मराठी सिनेमा में कदम रखा। साल 2006 से 2013 तक उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया। फिल्मों में लोकप्रियता मिलने के बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री की। 2019 में उन्होंने अमरावती से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता था। लंबे समय तक स्वतंत्र रुख के बाद उन्होंने 2024 में बीजेपी की सदस्यता ली और पार्टी ने उन्हें अमरावती क्षेत्र में अपने प्रभावी चेहरों में शामिल किया। उन्होंने 28 मार्च 2024 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर 2024 के आम चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार के रूप में अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के बलवंत बसवंत वांखेड़े से सीट हार गईं। भले ही चुनाव हार गई हों लेकिन हिन्दू-मुस्लमान पर विवादित बयान देकर वो चर्चा में बनी रहती हैं।
इसी बीच उनके इस बयान को लेकर विपक्ष उनपर हमलावर है। जनसंख्या और अन्य मुद्दों पर नवनीत राणा के बयानों को मसूद ने आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, ‘पहले नवनीत राणा खुद बताएं कि उनके कितने बच्चे हैं? खुद के लिए अलग कानून और बाकी दुनिया को लाइन में खड़ा करना, यह दोहरा मापदंड नहीं चलेगा.’ वहीं भारत-पाकिस्तान और शहादत के मुद्दे पर इमरान मसूद ने बेहद सख्त लहजे में कहा, ‘देश का बंटवारा आपकी विचारधारा के लोगों की वजह से हुआ. अगर पाकिस्तान नहीं बना होता, तो नफरत के ये तूफान खड़े ही नहीं होते और शायद भाजपा की राजनीति पैदा ही नहीं होती. आजादी की जंग हो, आतंकवाद हो या नक्सलवाद, शहादत कांग्रेस के लोगों ने दी है. आपकी विचारधारा के किसी व्यक्ति ने देश के लिए जान नहीं दी. इतिहास गवाह है कि भाजपा ने मुस्लिम लीग के साथ सरकारें चलाईं. आपने याराना निभाया और हमने फांसी के फंदों को चूमा.’
वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने नवनीत राणा के बयान पर कहा, ‘हमें संख्या को लेकर वैज्ञानिक आधार पर सोचना चाहिए, न कि कोई अंधविश्वास रखना चाहिए। भारत की बढ़ती जनसंख्या चिंताजनक है। जो राज्य जनसंख्या नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा और आरएसएस की ये पागलपन वाली सोच खत्म होनी चाहिए।’ इसके साथ ही भाजपा नेता नवनीत राणा पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, “नवनीत राणा को हिंदुओं का प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता। हिंदू समुदाय सहिष्णु है और सही-गलत की समझ रखता है। आज के हिंदू समाज में एक, दो या तीन बच्चे होना आम बात है और सभी इसे समझते हैं। नवनीत राणा हिंदू समुदाय के मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।”
हालांकि नवनीत के इस बयान से सियासी पारा हाई हो गया है। हालांकि, उन्होंने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया, लेकिन संदर्भ से यह मुस्लिम समुदाय की ओर इशारा माना जा रहा है. ऐसे बयान पहले भी कई नेता देते रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में सभी समुदायों की प्रजनन दर घट रही है, लेकिन मुस्लिम समुदाय में यह कमी अन्य की तुलना में तेज है. राणा का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल मचा सकता है, जहां बीएमसी चुनाव नजदीक हैं.
इसी दौरान उन्होंने उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की एमएनएस के संभावित गठबंधन को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे असहायता का पर्याय बन चुके हैं. उन्होंने नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रचार तक नहीं किया. अगर कोई उद्धव से जुड़ भी जाए, तो उनका प्रदर्शन लोकल बॉडी चुनावों से भी बदतर होगा. खैर अब देखना ये होगा कि उनके इस बयान पर अभी कितना बवाल मचता है।



