राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का गलत मुहूर्त निकालने की वजह से हुआ पंडित का निधन! सोशल मीडिया पर आया लोगों का रिएक्शन

श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य पुजारी रहे पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का हाल ही में निधन हो गया है। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित निधन के बाद सोशल मीडिया कुछ लोगों ने टिप्पणी की...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य पुजारी रहे पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का हाल ही में निधन हो गया है। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित निधन के बाद सोशल मीडिया कुछ लोगों ने टिप्पणी की थी कि मुहूर्त दोष के कारण उनका निधन हुआ है। इस बात पर मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया है कि पंचांग और मुहूर्त से पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा है कि भरड़ी के भौम से निधन का संबंध है ना की राम मंदिर के मुहूर्त से। दरअसल, भरणी एक नक्षत्र है जो जीवन और मृत्यु के रहस्यों से जुड़ा हुआ है।

आपको बता दें कि लक्ष्मीकांत दीक्षित की अध्यक्षता में 121 पंडितों की टीम ने अयोध्या राम मंदिर में अनुष्ठान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मुख्य पुजारी और आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित से रक्षासूत्र बंधवाया था। जिसके बाद पीएम ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। लक्ष्मीकांत दीक्षित का जन्म 1942 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम वेदमूर्ति मथुरानाथ दीक्षित और माता का नाम रुक्मिणी था। कहा जाता है कि इनके पूर्वजों ने ही शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • इस साल 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था।
  • इस का पूजन मुख्य पुरोहित पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने संपन्न कराया था।
  • लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे।
  • कई पीढ़ियों से उनका परिवार काशी में रह रहा है वे सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे।
  • आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित की गिनती काशी के वरिष्ठ विद्वानों में होती है।

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