बच्चों की आत्महत्या के लिए पैरेंट्स जिम्मेदार, कोटा सुसाइड पर सुप्रीम कोर्ट ने कही बड़ी बात

नई दिल्ली। कोटा सुसाइड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों के माता पिता को जिम्मेदार ठहराया है. एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोटा में जिस पैमाने पर बच्चे सुसाइड कर रहे हैं, उसके लिए केवल उसके पैरेंट्स ही जिम्मेदार हैं. इसके साथ कोर्ट ने कोचिंग सेंटर्स पर लगाम लगाने से इनकार कर दिया. बता दें कि कोटा में इस साल अब तक 24 बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैरेंट्स की चाहत की वजह से बच्चे मौत को गले लगा लेते हैं. माता पिता बच्चों से उसकी क्षमता से ज्यादा उम्मीद लगा लेते हैं. इसके कारण बच्चे दबाव में आ जाते हैं और खुदकुशी जैसे कदम उठा लेते हैं. शीर्ष अदालत मुंबई बेस्ड एक डॉक्टर अनिरुद्ध नारायण मालपानी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने बच्चों की आत्महत्या के लिए कोचिंग सेंटर्स को जिम्मेदार ठहराया था.
इसके साथ ही उन्होंने अपनी याचिका में कोचिंक संस्थानों में मिनिमम स्टैंडर्ड रखने की भी बात कही थी. कोर्ट ने इसको लेकर कानून बनाने वाली बात से इनकार कर दिया. जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि गलती बच्चों के माता पिता की है, कोचिंग संस्थानों की नहीं है. बता दें कि कोटा में जिन बच्चों ने खुदकुशी की है, उनकी उम्र 14-16 साल के बीच है.
बता दें कि इस साल राजस्थान के कोटा में नीट और जेईई की कोचिंग के लिए आने वाले 24 छात्र सुसाइड कर चुके हैं. यह आंकड़ा पिछले 8 सालों में सबसे ज्यादा है. सुसाइड के मामलों पर रोक लगाने के लिए कोचिंग संस्थानों से खास सिफारिशें भी की गई हैं. इसके बावजूद खुदकुशी के मामलों में गिरावट नहीं देखी जा रही है.

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