मोदी के जुमलों का हिसाब मांग रही जनता, अबकी बार होगी भाजपा की हार!
लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दल जमकर चुनावी प्रचार कर रहे हैं वहीं इस बार के चुनाव में पीएम मोदी की जमकर आलोचना हो रही है। भाजपा द्वारा किए गए वादों को लेकर जनता उन्हें घेर रही है। भाजपा का इस तरह से परेशान होना बनता है क्योंकि पिछले 10 सालों में भाजपा ने जिस तरह से काम किया है। इससे एक बात तो तय है कि भाजपा से अब जनता ऊब चुकी है। आज आलम ये है कि भाजपा नेताओं के आए दिन विरोध हो रहे हैं। जहां भी जा रहे हैं लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिर चाहे को साउथ के राज्य हों या फिर हिंदी भाषी क्षेत्र, लगभग हर जगह भाजपा को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव, आज कल चर्चा में बना हुआ है। राजनेता वोटरों को साधने के लिए जमकर प्रचार कर रहे हैं। वादों की लंबी-चौड़ी लिस्ट बनाई गई है जिसे लेकर जनता के बीच पहुँच रहे हैं और लोगों को गुमराह करने की कोशिश भी की जा रही है। पक्ष-विपक्ष दोनों ही दिन रात एक करके चुनावी प्रचार में डटे हुए हैं। ऐसा हो भी क्यों न सत्ता की लालच ही ऐसी है। लेकिन इस बार का चुनाव पिछले चुनाव से काफी अलग है ऐसा इस लिए क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ है जब सत्ताधारी दाल इतना परेशान हैं। इस बार भाजपा की परेशानी को देखते हुए विपक्षी दाल के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। बता दें कि भाजपा का इस तरह से परेशान होना बनता है क्योंकि पिछले 10 सालों में भाजपा ने जिस तरह से काम किया है।
इससे एक बात तो तय है कि भाजपा से अब जनता ऊब चुकी है। आज आलम ये है कि भाजपा नेताओं के आए दिन विरोध हो रहे हैं। जहां भी जा रहे हैं लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिर चाहे को साउथ के राज्य हों या फिर हिंदी भाषी क्षेत्र, लगभग हर जगह भाजपा को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इन सब को छुपाने में भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है लगातार 400 का नारा दिया जा रहा है। जनता के इस रिएक्शन के बाद भी भाजपा को अभी तक ये नहीं समझ आया कि आखिर भाजपा का ऐसा विरोध क्यों हो रहा है। देश की जनता का रुख भाजपा को लेकर बदलता जा रहा है और इस बार लोगों का रुख कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की ओर जाता दिखाई दे रहा है।
दरअसल जिस तरह से राहुल गांधी ने न्याय यात्रा के बाद भारत की राजनीति में वापसी की है इसकी भाजपा ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। और अब तो ये आलम है कि राहुल गांधी के इस वापसी ने भाजपा की नींद उड़ा दी है। लगातार भाजपा का विरोध हो रहा है। भाजपा की रैलियों में कुर्सियां खाली मिल रही हैं लोगों भाजपा की जनसभाओं में जाने से कतरा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस व इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियों में लाखों की संख्या में लोग जुट रहे हैं इन नेताओं की बातें सुन रहे हैं। एक समय था जब भाजपा वाले ये कहा करते थे कि पीएम मोदी के सामने विपक्ष का कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो की पीएम मोदी के सामने टिक पाए लेकिन समय के साथ-साथ भाजपा की वो हनक भी मिटटी जा रही है। और भाजपा नेताओं का आत्मबल भी गिरता दिखाई दे रहा है।
इस बार के चुनाव को लेकर भाजपा ने बड़े-बड़े दावे करने शुरु कर दिए हैं सभी वर्गों के वोटरों को साधने के नए नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। लेकिन जनता अभी भी भाजपा द्वारा किये गए पुराने वादों को लेकर ही बैठी हुई है। और जो भी भाजपा नेता जनता के बीच पहुँच रहे हैं उनसे लगातार सवाल कर रही है। भाजपा द्वारा किए गए पुराने वादों को लेकर उन्हें घेर रही है। पीएम मोदी ने देश की सत्ता पाने के चक्कर में जिस तरह से देश की जनता और संपत्ति के साथ खिलवाड़ किया है उसे लेकर अब लोग उनसे सवाल कर रहे हैं। बात करें भाजपा द्वारा किये गए पुराने वादों की तो ये लिस्ट काफी लम्बी है। लेकिन ये वादे किये तो गए मगर पूरे नहीं हुए। जनता को इसके नाम पर महज गुमराह किया गया। जिसे लेकर अब जनता में कहीं न कहीं आक्रोश भी भरा हुआ है।
भाजपा ने जिस हिसाब से जनता के साथ छलावा किया है इससे एक बात तो तय है कि ये पार्टी ज्यादा दिनों तक सत्ता में नहीं रहने वाली। इसकी कई सारी वजह है। लेकिन इन सभी वजहों से बड़ी है भाजपा द्वारा किये गए वादों को पूरा न करना देश में सिर्फ हिन्दू मुसलमान करना। पीएम मोदी ने जिस तरह से वादों की बौछार की थी इससे एक बात तो तय थी की अगर वो सारे काम जमीनी तौर पर होते तो आज भारत की तरक्की का गुणगान पूरी दुनिया कर रही होती लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आलम तो ये है कि अब उन्ही वादों को लेकर भाजपा बुरी तरह फंसती दिखाई दे रही है। दरअसल आपको पीएम मोदी द्वारा किया गया हर व्यक्ति को 15 लाख देने का वादा तो याद ही होगा। जिसके बारे में मोदी साहब इन दिनों चुप्पी साधे हुए हैं।
2014 में साहब ने वादा किया कि हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये दिए जायेंगे। हालांकि साहब ने मजे से सत्ता संभाली और देखते ही देखते 5 साल बीते और 2019 आया और फिर से साहब ने यही राग अलापा मामला तो यहाँ तक पहुंच है कि साहब ने कह दिया एक मौका और दें हम भ्रष्टाचार ख़त्म कर देंगे बेरोजगारी मिटा देंगे लेकिन साल 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद ये चीजें घटने के बाजय और भी ज्यादा बढ़ने लगी और आलम ये हुआ कि आज देश का युवा सड़को पर आ गया। कांग्रेस राज में जो रोजगार था भी वो भाजपा ने अपने निजी फायदे के लिए ख़त्म कर दिया और बस एक ही मुद्दे पर राजनीति शुरू कर दी। जो की आज कल खूब चल रहा है, जी हाँ हम बात कर रहे हैं हिन्दू-मुसलमान के मुद्दे की। ये मुद्दा भाजपा का पसंदीदा मुद्दा बनता जा रहा है।
लेकिन इस मुद्दे पर बात करने से पहले आपको भाजपा द्वारा किये गए कुछ पुराने वादों की अगर हम बात करें तो इसमें से कई ऐसे वादे थे जिनपर भाजपा बात करने से भी कतराती है। उन्हें में से कुछ वादों की अगर हम बात करें तो वो ये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जब साल 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी तो देशवासियों से वादा किया गया था कि साल 2022 तक हर भारतीय के सिर पर पक्की छत होगी. लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ। आज भी लाखों की तादाद में लोग पक्के घर बनने का इंतेजार कर रहे हैं। मोदी सरकार के एक और बड़े वादे की बात करें तो वो बुलेट ट्रेन. साल 2015 में गुजरात के अहमदाबाद से मुंबई तक के लिए बुलेट ट्रेन चलाने का ऐलान किया गया था.
इसके लिए भारत ने जापान से समझौता भी किया था और सितंबर 2017 में इस परियोजना का शिलान्यास भी किया गया था. बुलेट ट्रेन को लेकर कहा गया था कि साल 2022 तक यह हाई स्पीड रेल शुरू हो जाएगी. लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ. 2022 में इसको बढ़ाकर 2023 कर दिया गया और अब रेल मंत्री ने इसे 2026 के लिए बढ़ा दिया है. केंद्र मोदी सरकार ने देशाविसयों से सातों दिन 24 घंटे बिजली देने का वादा भी किया था. सितंबर 2015 में पीएम मोदी ने वादा किया था कि 2022 तक भारत के हर घर को 24 घंटे बिजली मिलने लगेगी. मोदी जी के ज़रिए किए गए ऐलान की समय सीमा पूरी हो चुकी है लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं हुआ है. पीएम मोदी ने बिजली का वादा करते हुए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि 2022 में आजादी के 75वें साल में पूरे देश को 24 घंटे बिजली मिलेगी. उन्होंने कहा कि बदकिस्मती है कि देश को आजाद हुआ 68 वर्ष हो गए और अभी भी 18 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंच पाई है.
सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से वादा किया गया था अगले 4 वर्षों तक यानी 2022 तक भारत 5 खरब डॉलर की अर्थव्यस्था हो जाएगी. पीएम मोदी के इस वादे को लेकर भाजपा के अन्य नेताओं ने भी जगह-जगह परोसा. पीएम मोदी ने साल 2017 में कहा था कि वो देश कि किसानों की आय दोगुनी करने का काम करेंगे. साल 2021 तक संसद में पेश होने वाले बजट में केंद्र सरकार ने यह वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. लेकिन इस साल पेश किए गए बजट में किसानों का बजट पिछले वर्षों के मुकाबले कम कर दिया गया है. समय सीमी गुजर चुकी है लेकिन किसान अभी भी परेशान है। यहां तक की देश की किसान अपने ही देश में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गया। लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा ने देश के किसानों तक की लाज नहीं रखी।
ऐसे ही तमाम मुद्दे हैं जिनपर भाजपा बात करने से अब घबरा रही है बस देश में नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। देश में आज पूरी तरह से नफरत का माहौल बना दिया गया है। भाजपा खुद के फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। देश का प्रधानमंत्री खुद के वादों पर न बात करके विपक्षी दल को आईना दिखाने का काम कर रहा है लेकिन इन सब में पीएम साहब एक चीज़ भूल रहे हैं कि इस देश में राजनीति सिर्फ हिन्दू मुसलमान के नाम पर नहीं होती
बल्कि विकास के नाम पर होती है। और सत्ता पाने की लालच में आज पीएम मोदी न सिर्फ खुद की बल्कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी भूल चुके हैं। हालांकि जिस तरह का माहौल भाजपा ने बनाने की कोशिश की है इससे एक बात तो तय है कि भाजपा सत्ता पाने के लिए कुछ भी कर सकती है। और अब नए-नए वादों से जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन जनता अब सब जान चुकी है भाजपा की इस कूटनीति का जवाब जनता इस बार अपने वोट से देगी।