पीएम को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं: केजरीवाल

  • चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े बिल पर दी प्रतिक्रिया, कांग्रेस भी आई साथ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र द्वारा संसद में पेश करने के लिए एक और विधेयक को सूचीबद्ध किए जाने के बाद आप और कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। जो शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश को पैनल से बाहर कर देगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े बिल पर टिप्पणी की।
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि उनका सुप्रीम कोर्ट में विश्वास नहीं है। दिल्ली सेवा बिल के बाद अब एक और बिल आने वाला है। जिसका दावा केजरीवाल ने पहले भी किया था। केजरीवाल ने पीएम पर बिल के जरिए लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने भी पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

भाजपा ने की एलजी से संवैधानिक हितों की सुरक्षा की मांग

दिल्ली। दिल्ली सेवा बिल आने के बाद दिल्ली सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाया है। भाजपा ने इसे संवैधानिक हितों के खिलाफ बताया है मामले की शिकायत करने के लिए गुरुवार को भाजपा का प्रतिनिध मंडल उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिला। भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने आरोप लगाया कि सत्रों में कार्यवाही संविधान के अनुसार नहीं होती है। विपक्ष की आवाज दबाई जाती है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन शुरू होने वाले दिल्ली विधानभा सत्र में भाजपा दिल्ली सरकार से कई मुद्दों पर जवाब मांगने की तैयारी में है। भाजपा विधायक दल कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। 16 और 17 अगस्त को आयोजित होने वाले इस सत्र में भाजपा दिल्ली के कई मुद्दे पर चर्चा की मांग करेगी। भाजपा ने सरकार पर यह भी आरोप मढ़ा है कि दो दिन का सत्र सारे नियम-कायदों को तोडक़र बुलाया जा रहा है। बावजूद केजरीवाल सरकार की हर समस्या पर विफलता को पार्टी उजागर करेगी।

कठपुतली बनाने का प्रयास : वेणुगोपाल

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस कदम को चुनाव आयोग को पूरी तरह से पीएम के हाथों की कठपुतली बनाने का एक जबरदस्त प्रयास बताया है। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा और पारित होने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि यह घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया है, जहां एनडीए सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने की कोशिश करेगी।

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