पीएम मोदी ने किया इन्वेस्टर्स समिट का उद्धघाटन, विपक्ष ने कहा-कागजों पर हो रहा निवेश

  • कांग्रेस ने बताया जनता को गुमराह करने वाली समिट
  • अखिलेश ने कहा, झोला फैलाने से नहीं, इंसेंटिव देने से आता है निवेश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 2024 में अपनी खिसकती जमीन को बचाने के लिए भाजपा हर पैतरे को आजमा रही है। आज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसका शुभारंभ किया। इस समिट में भाजपा कई बड़े-बड़े निवेश प्रदेश में होने का दावा कर रही है, जिसके दम पर वो उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने की धता पढ़ाकर, 2024 में इस राज्य में फिरसे एक बार अपनी पकड़ को मजबूत बना सके। हालांकि, इस इन्वेस्टर्स समिट को लेकर विपक्ष हमलावर है और इसे सिर्फ कागजों तक ही सीमित बता रहा है।
इस समिट के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई राज्यों में खुद जा जा कर लोगों से निवेश करने की अपील की थी। अब जब आज इन्वेसटर्स समिट का आयोजन हो चुका है, तब सरकार की ओर से तो अभी से ही कई बड़े-बड़े निवेश और एमओयू साइन होने की बात कही जा रही है। लेकिन जो निवेश और एमओयू होते हैं वो कभी जमीनी स्तर पर नजर नहीं आते हैं।

झोला लेकर भीख मांगने से नहीं मिलता निवेश : अखिलेश

सरकार पर हमला बोलते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया। अखिलेश ने कहा कि तुम टाई और सूट पहन कर चले जाओ, तो बीजेपी वाले तुमसे भी एमओयू साइन करवा लेंगे। अखिलेश ने सवाल करते हुए पूछा कि जो लोग यहां निवेश करने आ रहे हैं और अपना उद्योग लगाने आ रहे हैं, आखिर उन्हें मिलेगा क्या? उन्होंने पूछा जब तक आप उन्हें पानी, बिजली और टैक्स में राहत नहीं देंगे तब तक वो यहां क्यों निवेश करेंगे। सपा प्रमुख ने कहा कि निवेश इंसेंटिव से आता है और हमारे मुख्यमंत्री जी इतने कंजूस हैं कि कोई इंसेंटिव्स नहीं देने वाले। उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि जगह-जगह झोला लेकर भीख मांगने से कोई निवेश नहीं मिलेगा। अखिलेश ने सीएम योगी और भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा से ज्यादा झूठा और नकलची कोई नहीं है।

ये है ग्लोबल इवेन्ट समिट : अखिलेश प्रताप

कांग्रेस ने भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर निशाना साधते हुए इसे जनता को गुमराह करने वाला बताया है। कांग्रेस के पूर्व विधायक और प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि ये ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट नहीं बल्कि ‘ग्लोबल इवेन्ट समिट’ है। अखिलेश प्रताप ने सवाल करते हुए पूछा कि सरकार का दावा है कि इस समिट में 21 लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा। अकेले यूपी उद्योग विभाग ने लगभग 320 करोड़ रुपए इस समिट के लिए जारी किए हैं। इस समिट के लिए देश की इवेन्ट मैनेजमेंट एजेंसियां हॉयर की गई हैं। सरकार बताए वह कौन-कौनसी इवेंट एजेंसियां हैं? वह कहां हैं? उनको कितना भुगतान किया जाना है? वो किस प्रक्रिया से हॉयर की गई हैं? अखिलेश ने कहा कि 2018 में भी इसी प्रकार की समिट हुई थी, जिसमें 4 लाख 28 हजार करोड़ रुपए के 1045 कंपनियों के साथ निवेश के एमओयू साइन होने की बात कही गई थी, लेकिन दो ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में सिर्फ 371 कंपनियां ही भूमि पूजन के लिए आईं।

पास के लिए मीडिया व ट्रैफिक जाम से लोग परेशान

मीडिया के लोगों को इन्वेस्टर्स समिट के पास के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पास या तो किसी नेता के खास को मिल रहा है या फिर कुछ चाटूकारों को। वहीं जिस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए पूरा सरकारी तंत्र कई महीनों से लगा हुआ है, वो भी बदइंतजामी का शिकार हो रही है। समिट के शुरू होने के दो दिन पहले से ही राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में लंबा ट्रैफिक जाम और रूट डॉयवर्जन बने हैंै। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई किलोमीटर का लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला।

अधूरे हवाई अड्डे होंगे, फीते कटेंगे, आपकी प्रचार की पोस्टर होगी लेकिन फ़्लाइट नहीं होगी। कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट प्रमाण है। प्रधानमंत्री जी झूठ और गुमराह करने की राजनीति बंद होनी चाहिए।
अजय कुमाल लल्लू, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

डॉक्यूमेंट्री विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बीबीसी बैन करने की याचिका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। गुजरात के गोधरा कांड में पीएम मोदी की भूमिका को लेकर डॉक्यूमेंट्री बनाने और प्रसारित करने पर बीबीसी को बैन करने की मांग करने वाली याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। ये याचिका हिंदू सेना के अध्यक्ष की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि बीबीसी और बीबीसी इंडिया भारत में शांति और अखंडता को बाधित करने की कोशिश कर रहा है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह पूरी तरह गलत है और याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी। जिसे केंद्र सरकार ने भ्रामक मानते हुए इस पर बैन लगा दिया था। इस प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस पर हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और बीरेंद्र कुमार सिंह ने भारत में बीबीसी के संचालन पर ही बैन लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। एडवोकेट बरुण कुमार सिन्हा के माध्यम से दायर की गई इस याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट राष्ट्रीय जांच एजेंसी को निर्देश दे कि वह भारत विरोधी और भारत सरकार विरोधी रिपोर्टिंग/डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले पत्रकार के खिलाफ जांच करे। याचिका में बीबीसी पर अपना एजेंडा चलाने का आरोप लगाया गया और दावा किया गया कि बीबीसी भारत में व्याप्त शांति और राष्ट्रीय अखंडता को बाधित कर रहा है। गौरतलब है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री India: The Modi Question 2002 में हुए गुजरात दंगों पर आधारित है। जिसे केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2022 के तहत मिली आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भारत में दिखाने पर बैन कर दिया था।

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