‘पीएम की पूरी टीम बेनकाब’, संसद में ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा के बाद कांग्रेस ने भाजपा को लिया आड़े हाथ

वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर लोकसभा और राज्यसभा में हुई चर्चा के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पूरी टीम वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के अवसर पर सदन में हुई चर्चा में पूरी तरह बेनकाब और गलत साबित हुई।कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रभारी जय राम रमेश ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में वंदे मातरम् पर तीन दिन तक चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि चर्चा में राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान पर भी चर्चा हुई। रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और उनकी टीम ने दो प्रमुख इतिहासकारों द्वारा लिखी गई किताबें, रुद्रांगसु मुखर्जी की ‘भारत का गीत: राष्ट्रगान का एक अध्ययन’ और सब्यसाची भट्टाचार्य की ‘वंदे मातरम’ पढ़ी ही नहीं हैं।
पीएम मोदी और उनकी पूरी टीम बेनकाब
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि इतना उम्मीद करना ही बेकार है कि वे अपने झूठों के बेनकाब होने के बाद भी इसे पढ़ें। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने पहले इतिहासकार सुगता बोस के हवाले से बताया कि 1937 में रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह पर ही पार्टी ने तय किया था कि राष्ट्रीय सभाओं में केवल वंदे मातरम् का पहला भाग ही गाया जाएगा।
रमेश ने कहा कि ये बातें मोदी सरकार की झूठी दलीलों को और उजागर करती हैं। इतना हीं नहीं रमेश ने यह भी कहा कि बहस का उद्देश्य पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और स्वतंत्रता सेनानियों जैसे रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान करना था।
सोमवार को लोकसभा में शुरू हुई चर्चा
गौरतलब है कि वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा में भाजपा और कांग्रेस दोनों पक्षों ने राष्ट्रीयता, इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर अपनी-अपनी राय रखी। लोकसभा में सोमवार को चर्चा शुरू हुई, जबकि राज्यसभा में यह बहस मंगलवार और बुधवार को चली। इस दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
हालांकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि नेहरू ने वंदे मातरम् को धोखा दिया, क्योंकि उन्होंने मुहम्मद अली जिन्ना की आपत्ति के चलते इसे पूरा गाने से रोका और साम्प्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दिया।



