सांसद ने स्वास्थ्य के लिए संसद सत्र बाहर शिफ्ट करने का सुझाव दिया

संसद सत्र को दिल्ली से बाहर आयोजित करने की मांग संसद में उठी है। एक सांसद ने कहा, "जब ओडिशा में चक्रवात के दौरान कुछ घंटों में लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: संसद सत्र को दिल्ली से बाहर आयोजित करने की मांग संसद में उठी है। एक सांसद ने कहा, “जब ओडिशा में चक्रवात के दौरान कुछ घंटों में लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है, तो भारत सरकार अपने सदस्यों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य की खातिर संसद के दो सत्रों को कहीं और शिफ्ट करा सकती है।”

दिल्ली में प्रदूषण की समस्या लगातार बनी हुई है और हवा का स्तर लगातार खराब है। राजधानी में रहने वाले लोगों को साफ हवा के लिए तरसना पड़ रहा है। देश की राजधानी होने के कारण यहीं पर संसद है और संसदीय कार्यवाही भी यहीं होती है। अब प्रदूषित राजधानी को देखते हुए सांसदों ने शीतकालीन और बजट सत्र को दिल्ली से कहीं और आयोजित करने की मांग की है। यह प्रस्ताव विशेष रूप से बाहर से आए सांसदों की ओर से रखा गया है।

दिल्ली में प्रदूषण की समस्या लगातार बनी हुई है और इस समय हवा का स्तर लगातार खराब है. यहां के लोगों को
साफ हवा के लिए भी तरसना पड़ रहा है. देश की राजधानी होने की वजह से यहीं पर संसद है और संसदीय कार्यवाही
यहीं पर होती है. अब प्रदूषित राजधानी के कारण संसद का शीतकालीन और बजट सत्र दिल्ली से कहीं दूर कराने की
मांग की गई है. यह मांग भी बाहर से आए सांसद की ओर से की गई है.

बीजू जनता दल (बीजद) के राज्यसभा सदस्य मानस रंजन मंगराज ने राजधानी दिल्ली में हर साल होने वाले प्रदूषण संकट को “मानव निर्मित आपदा” करार दिया और गुरुवार को सरकार से हवा की गुणवत्ता में सुधार होने तक संसद के शीतकालीन और बजट सत्र को दिल्ली से बाहर कहीं और स्थानांतरित करने की अपील की.

मुझे परेशान कर रही दिल्लीः सांसद मंगराज
शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए, ओडिशा के रहने वाले सांसद मंगराज ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अपने राज्य की कुशल प्रतिक्रिया और दिल्ली के वायु प्रदूषण को हैंडल करने में समान तत्परता की जरुरत के बीच समानताएं बताईं.

दिल्ली और ओडिशा की तुलना करते हुए उन्होंने कहा, “ओडिशा से आने वाला, एक ऐसा राज्य जो अद्वितीय अनुशासन के साथ चक्रवात, बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से लगातार लड़ता रहता है, मुझे पता है कि संकट कैसा दिखता है. लेकिन जो चीज मुझे परेशान करती है वह है… राजधानी दिल्ली.”

बीजेडी सांसद ने सदस्यों, संसदीय अधिकारियों, ड्राइवरों, सफाई कर्मचारियों और सदन को चालू रखने वाले सुरक्षा कर्मियों के रोजाना जहरीली हवा के संपर्क में आने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, “हम उनकी तकलीफ को नजरअंदाज नहीं कर सकते. हम यह दिखावा नहीं कर सकते कि सब कुछ सामान्य चल रहा है.” उन्होंने कहा कि प्रदूषण के चरम स्तर पर जाने वाले महीनों के दौरान अहम संसदीय सत्र आयोजित करने से जीवन को अनावश्यक रूप से जोखिम में डालना पड़ता है. दिल्ली की जगह वैकल्पिक शहरों के बारे में सांसद मंगराज ने स्वच्छ हवा और पर्याप्त बुनियादी ढांचे वाले कई शहरों का सुझाव दिया, जिनमें भुवनेश्वर, हैदराबाद, बेंगलुरु, गांधीनगर, गोवा और देहरादून शामिल हैं.

प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित नहीं BJD सांसद
उन्होंने इस पर तर्क दिया, “अगर ओडिशा चक्रवात के दौरान घंटों के भीतर लाखों लोगों को निकाल सकता है और
सटीकता से जान बचा सकता है, तो निश्चित रूप से भारत सरकार अपने सदस्यों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य की
रक्षा के लिए संसद के 2 सत्रों को कहीं और स्थानांतरित कर सकती है.”

साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका यह प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित नहीं है. मंगराज ने कहा, “यह
राजनीति की चीज नहीं है. यह जीवन और सम्मान को लेकर है. संसद को नेतृत्व दिखाना होगा. संसद को दिखाना
होगा कि जीने का अधिकार निंदा से पहले आता है.” उन्होंने सरकार से सर्दियों के महीनों के दौरान बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में संसद सत्र को आयोजित कराने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए बिना देरी किए सलाह-मशविरा शुरू करने का अनुरोध किया.

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता आम तौर पर अक्टूबर और जनवरी के बीच काफी ज्यादा खराब हो जाती है, इसके
पीछे की वजह पराली जलाना, गाड़ियों का उत्सर्जन और निर्माणकार्य से उड़ने वाली धूल समेत कई चीजें भी हैं.
इसी समय संसद का शीतकालीन सत्र और बजट सत्र कराए जाते हैं.

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