विदेशी तेल से देश में लगी सियासी आग

  • ट्रंप के ट्रेलर ने फिर बनाया मोदी पर प्रेशर
  • पीएम मोदी ने रूस से तेल खरीदने में हाथ खड़े किये!
  • क्या अमेरिकन दबाव में झुक गया भारत
  • कांग्रेस एनडीए सरकार पर भड़की
  • देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : जायसवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मेरे दोस्त नरेन्द्र मोदी ने मुझसे वायदा किया है कि वह रूस से तेल नहीं खरीदेंगें। अमेरिकन प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे ने भारतीय राजनीति में आग लगा दी है और विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। हालांकि विदेश मंत्रालय की ओर से इस दिशा में जवाब आया है लेकिन वह लग्घी से चाय पिलाने जैसा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी दोस्ती की बात भी कही। ट्रंप ने दावा किया है कि उनके दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने इस कदम को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर उस पर दबाव बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। ट्रंप ने अपने ओवल ऑफिस में उन्होंने कहा है कि अमेरिका इस बात से खुश नहीं है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। उनका तर्क था कि इस तरह की खरीदारी से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध को वित्तपोषित करने में मदद मिलती है।

ट्रंप ने की थी रूसी तेल वाली घोषणा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत के पीएम मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया है कि उनका देश रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा। बहरहाल, इस दावे की पुष्टि भारत सरकार ने नहीं की है। ट्रंप ने कहा था कि कोई तेल नहीं होगा। वे तेल नहीं खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बदलाव तुरंत नहीं होगा, बल्कि कुछ समय में होगा। वहीं, वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के कार्यालय ने इस संबंध में टिप्पणी करने के अनुरोध का अभी कोई जवाब नहीं दिया है।

ट्रंप से डरे हुए हैं प्रधानमंत्री मोदी : राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक नए दावे को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ट्रंप से डरे हुए हैं। ट्रंप ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि वह (मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारा बहुत अच्छा रिश्ता है। मेरे मित्र ने मुझे आश्वासन दिया है कि रूस से कोई तेल खरीद नहीं होगी। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप से डरे हुए हैं। उन्होंने ट्रंप को यह निर्णय लेने दिया और घोषणा करने दी कि भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी बार-बार आलोचना के बावजूद ट्रंप को सराहना वाले संदेश भेजते रहते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वित्त मंत्री का अमेरिका दौरा रद्द हो गया। शर्म अल-शेख (गाजा शांति प्रस्ताव से संबंधित शिखर सम्मेलन) में भाग नहीं लिया गया। ऑपरेशन सिन्दूर पर ट्रंप के दवा का खंडन नहीं किया गया।

पीएम ने विदेश नीति के महत्वपूर्ण फैसले अमेरिका को आउटसोर्स कर दिए हैं : जयराम

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख निर्णयों को अमेरिका को आउटसोर्स कर दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख निर्णयों को अमेरिका को आउटसोर्स कर दिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 10 मई, 2025 को भारतीय समय के अनुसार शाम 5:37 बजे, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सबसे पहले घोषणा की कि भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर रोक दिया है। इसके बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने 5 अलग-अलग देशों में 51 बार दावा किया है कि उन्होंने टैरिफ और व्यापार को अपने दबाव के हथियार के रूप में इस्तेमाल करके ऑपरेशन सिन्दूर को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था। फिर भी हमारे प्रधानमंत्री चुप रहे। उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रपति ट्रंप ने कल घोषणा की है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल आयात नहीं करेगा। रमेश ने दावा किया, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख निर्णयों को अमेरिका को आउटसोर्स कर दिया है। 56 इंच का सीना सिकुड़ गया है। भारत लगातार यह स्पष्ट करता रहा है कि इस साल मई में पाकिस्तानी सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा संपर्क किए जाने पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर विचार हुआ था।

विदेश मंत्रालय का आया जवाब

आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि भारत तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण आयातक है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी उद्देश्य से निर्देशित होती हैं। स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी एनर्जी सोर्सिंग का व्यापक आधार बनाना और मार्केट की स्थितियों के अनुरूप विविधीकरण करना शामिल है। जहां तक अमेरिका का संबंध है हम कई सालों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। वर्तमान प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर बातचीत जारी हैं।

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