बिहार में जोर पकडऩे लगी चुनावी सरगर्मी

नाराजगी के बीच कांग्रेस  ने बिहार में बांटे टिकट

राजद के साथ मतभेद सुलझाने की कोशिश,

भाजपा सहयोगियों केमान मनौव्ल में जुटी, जदयू ने दूसरी सूची जारी की

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

पटना। बिहार में चुनावों में तेजी आने लगी है। जहां राजद नेता तेजस्वी ने अपना नामाकंन भर दिया है। वहीं जदयू ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की दी है। इस बीच भाजपा ने उपेन्द्र कुशवाहा को मनाने की कोशिश की है जिसमें वह कामयाब होती दिख रही है।

उधरबिहार के महागठबंधन में बढ़ते सीट बंटवारे के संकट पर केंद्रित है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) शामिल हैं, और इस विवाद के केंद्र में प्रमुख नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव हैं। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी इस बार आगामी बिहार चुनावों में 60 से अधिक सीटें चाहती है। इस असहमति ने गठबंधन को टूटने के बिंदु पर ला खड़ा किया है, क्योंकि राजद 58 सीटों के अपने प्रस्ताव पर अड़ा हुआ है, जबकि कांग्रेस 65 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। वाम दलों और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से जुड़े एक प्रस्तावित फॉर्मूले ने संघर्ष को और जटिल बना दिया है, जिसमें पार्टियां पहले से ही अनसुलझे गतिरोध के बावजूद उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह जारी कर रही हैं। अब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार को अपने कई नेताओं, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हैं, को पार्टी टिकट दे दिए।

कांग्रेस व राजद में सीट बंटवारे पर ‘‘सौहार्दपूर्ण समझौता’’

बुधवार देर रात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार और शकील अहमद खान, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी)में बिहार के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के साथ राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के आवास पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, वहां दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर ‘‘सौहार्दपूर्ण समझौता’’ हो गया। कांग्रेस ने इससे पहले आक्रामक रुख अपनाया था। पार्टी का मानना था कि राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से राज्य में उसकी स्थिति मज़बूत हुई है, जहां लंबे समय से उसे कमजोर माना जाता रहा है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक, कांग्रेस अब 61 सीटों पर चुनाव लडऩे को तैयार हो गई है, जो 2020 में लड़ी गई 70 सीटों से नौ कम हैं। उस चुनाव में पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं। राजद को इस बार भी सीट बंटवारे में सबसे बड़ा हिस्सा मिलने की उम्मीद है।

जदयू ने जारी की 44 कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट

्रबिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड  ने 44 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में केसरिया से शालिनी मिश्रा, शिवहर से श्वेता गुप्ता और सुरसंड सीट के लिए नागेंद्र राउत को टिकट दिया गया है. जेडीयू की इस लिस्ट में 4 मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू ने पहली लिस्ट में 57 और दूसरी लिस्ट में 44 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. इसी के साथ एनडीए की सीट शेयरिंग में मिलीं 101 सीटों की संख्या पूरी होती है. यानी जेडीयू के सारे सैनिक चुनावी मैदान में उतर चुके हैं.।

तेजस्वी ने राघोपुर विस क्षेत्र से नामांकन पत्र भरा

तेजस्वी यादव ने  बिहार के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। शपथपत्र के अनुसार, यादव की पत्नी राजश्री उर्फ रैचेल आयरिस गोडिन्हो के पास 1.88 करोड़ रुपये की संपत्ति है। राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में पहले चरण में छह नवंबर को मतदान होगा। तेजस्वी यादव वर्तमान में इसी सीट से विधायक हैं। उन्होंने पहली बार 2015 में इस सीट से जीत हासिल की थी। बिहार में दो चरणों में छह नवंबर और 11 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे। शपथपत्र के मुताबिक, तेजस्वी यादव के पास 6.12 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 1.88 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। उनकी पत्नी राजश्री के पास 59.69 लाख रुपए मूल्य की अचल संपत्ति है। तेजस्वी के पास 1.5 लाख रुपए नकद हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास एक लाख रुपए नकद हैं। राजद नेता के नाम पर कई बैंक खाते हैं और उन पर 55.55 लाख रुपए की देनदारी है। ये देनदारियां उनके भाई तेज प्रताप यादव और मां राबड़ी देवी के साथ लिए गए संयुक्त ऋणों का हिस्सा हैं। तेजस्वी यादव से संबंधित कुल सरकारी बकाया 1.35 करोड़ रुपए बताया गया है। उनकी पत्नी के पास कई बैंक खाते हैं, लेकिन कोई देनदारी या सरकारी बकाया नहीं है।

ममता के‘मैंग्रोव’ लगाने के सुझाव पर बंगाल में बवाल

भाजपा ने टीएमसी सरकार पर किया कटाक्ष

प्राकृतिक आपदाओं को रोकने के लिए सीएम   का दावा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल के पर्वतीय इलाकों की तलहटी में ‘मैंग्रोव’ और खसखस के पौधे लगाने को सियासी चकल्लस होने लगी है। भाजपा ने सीएम पर तंज कसा है।  भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके ऐतिहासिक और क्रांतिकारी विचार – पहाड़ों में मैंग्रोव – के लिए भूगोल और वनस्पति विज्ञान के अगले नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करता हूं!!! ।

बता देपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक अनोखा सुझाव देते हुए उत्तर बंगाल के पर्वतीय इलाकों की तलहटी में ‘मैंग्रोव’ और खसखस के पौधे लगाने को कहा है ताकि नदियों के किनारों पर प्राकृतिक अवरोधक बनाए जा सके और भारी बारिश के दौरान होने वाली तबाही को रोका जा सके। बनर्जी ने सुंदरबन में गंगासागर का उदाहरण दिया जहां ‘मैंग्रोव’ (नदी मुहानों और समुद्र के किनारों पर पनपने वाली वनस्पति) चक्रवातों और बारिश के खिलाफ दीवार की तरह खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि तटीय क्षेत्र में पांच करोड़ मैंग्रोव पौधे लगाए गए और इस कदम के अच्छे परिणाम मिले। उन्होंने बुधवार को एक प्रशासनिक बैठक में कहा, ‘‘हमें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सुंदरबन की तरह पर्वतीय क्षेत्रों और तलहटी में प्राकृतिक अवरोधक बनाने की जरूरत है। यहां कंक्रीट काम नहीं करेगा क्योंकि वे बढ़ते पानी और भूस्खलन के कारण छह महीने बाद ढह जाते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बार-बार होने वाली समस्या का स्थायी समाधान चाहिए।’’ विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस टिप्पणी के लिए मुख्यमंत्री पर तुरंत कटाक्ष किया। अधिकारी 2020 में तृणमूल कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके ऐतिहासिक और क्रांतिकारी विचार – पहाड़ों में मैंग्रोव – के लिए भूगोल और वनस्पति विज्ञान के अगले नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करता हूं!!!’’अधिकारी ने बताया कि ‘मैंग्रोव’ एक विशेष प्रकार के ‘‘खारे जल में पनपने वाली वनस्पति है’’ है जो आमतौर पर समुद्र के पास तटीय क्षेत्रों में खारे और नमकयुक्त पानी में उगती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंग्रोव वन या ज्वारीय वन प्रकृति की एक अद्वितीय ढाल हैं, जिनकी तटीय सुरक्षा, जैव विविधता के लिए आवास प्रदान करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में अतुलनीय भूमिका है। यह तटीय क्षेत्रों के लिए एक जीवंत रक्षा प्रणाली की तरह है।’’उन्होंने कहा, ‘‘यह अनूठा पारिस्थितिकी तंत्र तटीय क्षेत्रों को घातक लहरों, तूफानों, चक्रवातों और अन्य समुद्री समस्याओं से बचाता है और यह कीचड़ भरी खारी आर्द्रभूमि असंख्य कीड़ों, मछलियों, सरीसृपों, पक्षियों और अन्य जीवों का निवास स्थान है।’’

उनकी मूर्खता के कारण हमारा राज्य पूरे देश के सामने उपहास का पात्र बन रहा है : अधिकारी

भाजपा नेता ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी में कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने विनाशकारी बाढ़ को रोकने के लिए उत्तर बंगाल के पहाड़ों में मैंग्रोव लगाने का फैसला किया है!!! स्थलाकृति उलट सकती है!!!’’उन्होंने राज्य में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल के लोग राज्य में बदलाव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’’ राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘उनकी (बनर्जी की) मूर्खता के कारण हमारा राज्य पूरे देश के सामने उपहास का पात्र बन रहा है।

अतीक के बेटे अली को झटका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

प्रयागराज। प्रयागराज की अदालत ने माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को बड़ा झटका दिया है। झांसी जेल में बंद अली अहमद की जमानत याचिका को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

अली अहमद पर बिल्डर से करोड़ों रुपए की रंगदारी मांगने और जमीन अपने नाम कराने के लिए दबाव बनाने के गंभीर आरोप हैं। यह मामला 26 अप्रैल 2023 का है, जब चकिया के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद मुस्लिम ने प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

एफआईआर में अतीक अहमद के बड़े बेटे उमर अहमद, छोटे बेटे अली अहमद समेत छह लोगों को नामजद किया गया था. आरोप था कि इन लोगों ने बिल्डर से पांच करोड़ रुपये की मांग की और जमीन अपने नाम पर कराने के लिए दबाव डाला। एफआईआर के मुताबिक, खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के चकिया चौराहे पर अतीक के बेटे उमर, अली, असद कालिया, ऐहतेशाम और करीम समेत कई लोगों ने बिल्डर मुस्लिम को गाड़ी में जबरन बैठाकर अतीक अहमद के चकिया स्थित दफ्तर ले गए थे। वहां उसे कमरे में बंद कर मारपीट की गई और धूमनगंज स्थित देवघाट की जमीन उमर और अली के नाम बैनामा करने का दबाव बनाया गया. किसी तरह वह मौके से भागकर अपनी जान बचा सका। बताया गया कि कुछ दिन बाद बिल्डर ने डर के कारण अतीक के गुर्गे असद कालिया को एक करोड़ बीस लाख रुपये दिए थे। यही नहीं, बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम ने आरोप लगाया था कि जमीन न देने पर उसकी पिटाई की गई थी. हालांकि, जानकारी के अनुसार मोहम्मद मुस्लिम खुद भी खुल्दाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ करीब 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं।  बता दें कि अतीक अहमद का बेटा अली अहमद इन दिनों यूपी की झांसी जेल में बंद हैं। कुछ समय पहले ही उसे प्रयागराज की नैनी जेल से इस जेल में शिफ्ट किया गया है। झांसी जेल में शिफ्ट करते वक्त अली अहमद ने सीएम योगी से और परेशान नहीं करने की अपील की थी।

करूर भगदड़ में एहतियाती कदम उठाने में विफल रही स्टालिन सरकार: पलानीस्वामी

तमिलनाडु में विपक्ष के नेता ने डीएमके पर साधा  

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

चेन्नई। अन्नाद्रमुक महासचिव और तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) ने करूर भगदड़ की घटना पर विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा दिए गए बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि द्रमुक सरकार एहतियाती कदम उठाने में विफल रही।

स्टालिन के 606 पुलिस अधिकारियों के ड्यूटी पर होने के दावे पर सवाल उठाते हुए, पलानीस्वामी ने कहा कि पुलिस सूत्रों से पता चला है कि केवल 500 पुलिसकर्मी तैनात थे। पलानीस्वामी ने तमिलनाडु विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि 600 से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार वास्तव में केवल 500 पुलिसकर्मी ही ड्यूटी पर थे। मुख्यमंत्री के बयान और पुलिस के बयान में साफ़ अंतर है। करूर भगदड़ में हुई मौतों के मामले में सरकार एहतियाती कदम उठाने में विफल रही। उन्होंने आगे कहा कि करूर में भीड़ द्वारा कुचले जाने की घटना में लगभग 41 लोगों की जान चली गई। यह एक बेहद दुखद और पीड़ादायक घटना है। एआईडीएमके  की ओर से मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ।

एआईडीएमके महासचिव ने आगे कहा कि राज्य सरकार को तमिलगा वेत्री कजग़म (टीवीके) प्रमुख विजय की जनसभा में भारी भीड़ जुटने की जानकारी थी। उन्होंने आगे कहा कि अगर पहले से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई होती तो करूर त्रासदी टाली जा सकती थी। पलानीस्वामी ने कहा कि टीवीके नेता पहले ही चार जिलों में जनसम्पर्क सभाएँ कर चुके हैं। सरकार और पुलिस उन इलाकों में उनके कार्यक्रमों में उमड़ी भारी भीड़ से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं। इसके आधार पर, अगर करूर में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई होती, तो इस आपदा से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि जब एआईएडीएमके ने वेलुचामिपुरम में सभा करने की अनुमति मांगी, तो जवाब मिला कि यह एक व्यस्त इलाका है और इसलिए उपयुक्त नहीं है। लेकिन अब, लोगों का मानना ??है कि टीवीके को वही जगह आवंटित करना राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित एक जानबूझकर किया गया कदम था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि पलानीस्वामी के बयान टीवीके को विपक्षी गठबंधन में शामिल करने की कोशिश लग रहे हैं।

सीजेआई पर जूता फेंकने वाले वकील पर चलेगा केस

अटॉर्नी जनरल ने राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले एडवोकेट की मुश्किल बढ़ सकती है। देश के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने आरोपी एडवोकेट राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी।

एडवोकेट राकेश किशोर ने पिछले हफ्ते कोर्ट रूम में सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के लिए बेहतर होगा कि वह अधिक समय बर्बाद करने के बजाय मामलों की सुनवाई के अपने रोजमर्रा के काम पर ध्यान केंद्रित करे। कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या इससे प्रचार चाहने को मौका नहीं मिलेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट विकास सिंह और देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संयुक्त रूप से दूसरे सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। उन्होंने आपराधिक अवमानना मामले को सूचीबद्ध करने की मांग की। सिंह ने पीठ को अटॉर्नी जनरल द्वारा अनुमति दिए जाने की जानकारी दी और सॉलिसिटर जनरल ने इस तथ्य की पुष्टि की। सिंह ने कहा कि मैंने अटॉर्नी जनरल की सहमति ले ली है और कल सुनवाई की मांग कर रहा हूं। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि विद्वान अटॉर्नी जनरल ने सहमति दे दी है। उन्होंने आगे कहा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अवमानना का मामला अपने हाथ में लें। संवैधानिक निष्ठा सवालों के घेरे में है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने पूछा कि क्या इस मुद्दे को आगे उठाया जाना चाहिए, और इस ओर इशारा किया कि सीजेआई ने खुद इस घटना को अनदेखा कर दिया है। जस्टिस कांत ने कहा, माननीय चीफ जस्टिस अत्यंत उदार रहे हैं… इससे पता चलता है कि संस्था इस तरह की घटनाओं से प्रभावित नहीं होती।

प्रचार चाहने वालों को  मौका नहीं मिलेगा?

जस्टिस बागची ने पूछा कि क्या इस मुद्दे को फिर से उठाने से प्रचार चाहने वालों को और मौका नहीं मिलेगा। जस्टिस बागची ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि अदालत का समय अन्य प्राथमिकता वाले मामलों से भटक रहा है। उन्होंने कहा, अब जैसे ही आप कोई कार्रवाई करेंगे, वह प्रकरण संख्या 2 बन जाएगा। विकास सिंह ने हालांकि, इस ओर ध्यान दिलाया कि किशोर ने अपने कृत्य पर कोई खेद व्यक्त नहीं किया है और वह अपने कृत्य का महिमामंडन करते हुए बयान जारी कर रहा है। जस्टिस बागची ने कहा कि यह मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस घटना से पैसा कमाने का मौका भी देगा।

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