सिवान में जहरीली शराब पीने से मौत पर चढ़ा सियासी पारा, आरजेडी का नीतीश सरकार पर वार
पटना। बिहार के सिवान में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई। एसपी अमितेश कुमार ने इस बात की जानकारी दी है। वहीं, छपरा पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के मुताबिक विशेष जांच टीम का गठन कर दिया गया है। आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही स्थानीय चौकीदार और पंचायत बीट पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई के तहत मशरक थाना के प्रभारी एवं मशरक क्षेत्र के एएलटीएफ प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि भगवानपुर थानेदार और भगवानपुर थाने के मद्यनिषेध एएसआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। राजद ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए सवाल उठाया कि राज्य में शराबबंदी होने के बावजूद जहरीली शराब कैसे उपलब्ध कराई गई। पार्टी ने लोगों की मौत के लिए राजग सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि शराब माफियाओं को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा ने कहा कि जहरीली शराब पीने से लोगों की जान चली गयी है। यह बेहद दुखद और चिंता का विषय है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद जहरीली शराब मिल रही है। उन्होंने कहा कि हर बार होली और दिवाली के दौरान देखा जाता है कि कैसे जहरीली शराब से लोगों की मौत हो जाती है। इसके लिए सीधे तौर पर एनडीए सरकार जिम्मेदार है। शराब माफियाओं को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और जब तक इन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है, शराबबंदी कानून का इसी तरह उल्लंघन होता रहेगा। उन्होंने कहा कि इस एनडीए सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। ऐसे में शराबबंदी कानून लागू होने पर नकली शराब कैसे मिल रही है?
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में पूर्ण और सख्त शराबबंदी लागू है। ऐसी घटनाओं में कुछ शराब माफिया शामिल हैं। इसमें जो भी शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार काफी सख्त हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीवान-छपरा में अवैध शराब से कई लोगों की जान चली गयी। सीवान पार्षद सुशील कुमार डबलू ने कहा कि प्रशासन हमेशा गलत आंकड़े पेश करता है। वे लीपापोती करने की कोशिश कर रहे हैं।’ अगर प्रशासन सतर्क होता तो ऐसी घटना कभी नहीं घटती। जब से राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा है, तब से ऐसी घटनाएं अक्सर हो रही हैं और प्रशासन बिल्कुल भी सतर्क नहीं है… क्या वे बिहार को विधवाओं की भूमि बनाना चाहते हैं?… कुल मौतों की संख्या 50 के करीब है। 40-50 लोगों का इलाज चल रहा है।