नीलांबुर उपचुनाव में पीवी अनवर की वापसी से सियासी हलचल, कांग्रेस ने उठाए सवाल

प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अनवर ने कहा कि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए करोड़ों रुपये नहीं है. इसके बाद भी 500 और 1,000 रुपए लेकर मेरे कार्यकर्ता आए और मुझसे चुनाव लड़ने की बात कहने लगे.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पीवी अनवर को तृणमूल कांग्रेस का प्रत्याशी बनाए जाने से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस ने इस पर तीखा विरोध दर्ज किया है, जबकि एलडीएफ ने अनवर के पिछले कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए उन्हें “निष्क्रिय विधायक” बताया है।

जनवरी में दिया था इस्तीफा, अब फिर मैदान में

पीवी अनवर ने जनवरी में नीलांबुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था, और उस समय उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे उपचुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन अब तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जिससे विपक्षी दलों के साथ-साथ राजनीतिक विश्लेषकों के बीच भी कई सवाल उठने लगे हैं।

चुनाव आयोग ने पिछले दिनों देश के अलग-अलग राज्यों में खाली पड़ी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया था. केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट से विधायक रहे पीवी अनवर ने जनवरी में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया था कि वह नीलांबुर विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस ने पीवी अनवर नीलांबुर उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित किया. प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही सियासत तेज हो चली है. तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पीवी अनवर को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि एक विधायक (पीवी अनवर) जिसने एक सीट से इस्तीफा दे दिया था, वह फिर से उसी सीट के उपचुनाव में लिए खड़ा है.

शमा मोहम्मद ने आरोप सवाल उठाया कि राज्य के पैसे, लोगों के काम और चुनाव आयोग की भागीदारी को बर्बाद करने का क्या मतलब है? पीवी अनवर केरल के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. एलडीएफ उम्मीदवार एम स्वराज का कहना है कि पीवी अनवर ने पिछले नौ सालों में कुछ नहीं किया है. पीवी अनवर किसके साथ थे? पीवी अनवर एलडीएफ के साथ विधायक थे. इसलिए, स्वराज कह रही हैं कि एलडीएफ ने कोई काम नहीं किया है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस चुनाव में यूडीएफ बहुमत से जीतेगी.

कब छोड़ी थी पीवी अनवर ने विधायकी?
केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से विधायक रहे पीवी अनवर जनवरी 2025 में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि वह नीलांबुर विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ेंगे. वह नीलांबुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. हालांकि इन सभी दावों के बाद वे एक बार फिर उसी सीट से चुनावी मैदान में हैं. बस पिछले चुनाव में वे दूसरी पार्टी से थे तो इस में अगल पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं.

प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अनवर ने कहा कि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए करोड़ों रुपये नहीं है. इसके बाद भी 500 और 1,000 रुपए लेकर मेरे कार्यकर्ता आए और मुझसे चुनाव लड़ने की बात कहने लगे. इस जगह मैं करता. यही कारण है कि मैं चुनाव मैदान में हूं.

अनवर बयानों के कारण रहे चर्चा में
पूर्व विधायक पीवी अनवर अपने इस्तीफे के कारण तो चर्चा में रहे ही हैं, इससे पहले भी कई बयानों और दावों के कारण राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने रहे हैं. उन्होंने साल 2024 के अक्टूबर महीने में भी दावा किया था कि वह केरल में अलग राजनीतिक दल बनाकर सारे चुनाव लड़ेंगे. उस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के राजनीतिक सचिव पी शशि और उनके विश्वासपात्र वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एम आर अजित कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

19 तारीख को होगी है नीलांबुर में वोटिंग
भारत निर्वाचन आयोग ने गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल के 5 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की तारीखों का ऐलान 25 मई को कर दिया था. इन 4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर 19 जून को वोटिंग कराई जाएगी, जिसके नतीजे 23 जून को सामने आएंगे.

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