पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल तेज, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 21 जुलाई को रैली का किया ऐलान
पार्टी के नेताओं का मानना है कि आगामी चुनाव में लगातार चौथी बार सत्ता में आने के लिए उन्हें व्यापक जनसमर्थन की आवश्यकता होगी।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल धीरे-धीरे गरमाता जा रहा है, और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि आगामी चुनाव में लगातार चौथी बार सत्ता में आने के लिए उन्हें व्यापक जनसमर्थन की आवश्यकता होगी।
21 जुलाई: तृणमूल कांग्रेस का ऐतिहासिक शहीद दिवस
21 जुलाई को तृमूल कांग्रेस द्वारा मनाए जाने वाला शहीद दिवस इस बार विशेष महत्व रखता है। पार्टी के लिए यह दिन केवल शहीदों की याद में होने वाले आयोजन का हिस्सा नहीं, बल्कि आगामी चुनाव की दिशा तय करने वाला भी हो सकता है। शहीद दिवस के इस अवसर पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस अपनी चुनाव कवायद को और तेज करने की योजना बना रही है।
महारैली में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी
तृणमूल कांग्रेस का 32वां शहीद दिवस समारोह आगामी 21 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। यह पार्टी के लिए महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि 2024 विधानसभा चुनाव से पहले यह उनकी आखिरी महारैली हो सकती है। रैली में ममता बनर्जी मुख्य वक्ता को तौर पर मौजूद रहेंगी, वहीं उनके भतीजे और पार्टी नेता अभिषेक बनर्जी भी इस रैली में शामिल होंगे।
अन्य दलों के नेता भी हो सकते हैं शामिल
इस महारैली में केवल तृणमूल कांग्रेस के नेता ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के मजबूत राज्यस्तरीय दलों के नेता भी भाग ले सकते हैं। इन नेताओं की उपस्थिति तृणमूल कांग्रेस के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश हो सकती है, जिसमें पार्टी अपने समर्थकों और अन्य दलों के साथ मिलकर चुनावी महाभारत के लिए तैयार हो रही है।
पार्टी की चुनावी रणनीति के तहत यह रैली न केवल ममता बनर्जी की सशक्त मौजूदगी को दर्शाएगी, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का एक अहम अवसर साबित हो सकती है।
1 लाख लोगों की जुटेगी भीड़
कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी से पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल से तेजस्वी यादव और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस से उमर अब्दुल्ला भी महारैली में शामिल हो सकते हैं. इस अवसर पर धर्मतला में हो रही महारैली में 1 लाख से ज्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है.
पहले ही उत्तर बंगाल से बड़ी संख्या में लोग कोलकाता पहुंच चुके हैं, लेकिन कोर्ट के आदेश के अनुसार, सुबह 9 बजे से 11 बजे तक का समय ऑफिस जाने वालों के लिए रैलियों से मुक्त रखा जाएगा ताकि वे समय पर ऑफिस पहुंच सकें.
रैली से पहले कोर्ट पहुंचा मामला
21 जुलाई यानी तृणमूल कांग्रेस के लिए शहीदी दिवस, यह दिन पार्टी के लिए बेहद खास दिन होता है. अब कोर्ट के एक फैसले के बाद इस बार का आयोजन (शहीद दिवस रैली) बेहद अहम हो गया है. हर साल की तरह इस बार भी तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता के मध्य में स्थित धर्मतला में शहीदी दिवस पर विशाल आयोजन की योजना बनाई थी. लेकिन आयोजन को लेकर मामला कलकत्ता हाईकोर्ट चला गया.
आरोप लगाया गया कि धर्मतला में शहीद दिवस रैली की वजह से आम लोगों को खासी दिक्कतें हो रही हैं. इस पर कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि यह आयोजन रात 8 बजे तक खत्म हो जाना चाहिए. कोर्ट की ओर से निर्देश दिए जाने के बाद संभावना यही जताई जा रही है कि धर्मतला में आखिरी बार शहीदी दिवस का आयोजन कराया जा रहा है. अगले साल से इसका आयोजन शहीद मीनार, ब्रिगेड परेड ग्राउंड या फिर कहीं और हो सकता है.



