दिल्ली में भारी बारिश पर मचा सियासी कोहराम

  • विपक्ष ने आप सरकार को घेरा
  • भाजपा बोली-खुली भ्रष्टाचार की पोल    
  • कांग्रेस का तंज-केजरीवाल की विकास की लहरें सडक़ पर बहीं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में मानसूनी बारिश का कहर जारी है। बारिश के बाद से जगह-जगह जलभराव, संडक़ें धंसने की खबरें भी आ रही हैं। इन सबको लेकर राजनीतिक पार्टियों में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। विपक्षी राजनीतिक पार्टियों को संबधित राज्य सरकार को घेरने का खूब मौका दिया है। चूकि सबसे ज्यादा बारिश दिल्ली में हो रही है तो वहां पर सोशल मीडिया पर भी विभिन्न इलाकों में जगह-जगह जलभराव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने आप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों दलों ने जलभराव के वीडियो और फोटो भेजकर आम लोगों ने भी सरकारी तंत्र को कटघरे में खड़ा किया है।

प्रधानमंत्री व गृहमंत्री ने लिया जायजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में अत्यधिक बारिश से बिगड़े हालात का जायजा लिया है। उन्होंने इस बारे में वरिष्ठ मंत्रियों, अधिकारियों से बात की है। पीएमओ ने इस बारे में जानकारी दी है। पीएमओ ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को भारी बारिश के कारण बिगड़े हालात के बारे में जानकारी दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपालों के संपर्क में हैं। उन्होंने पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से भी संपर्क किया है।

केजरीवाल सरकार का चेहरा बेनकाब : सचदेवा

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि पहली बारिश ने ही सरकार को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। सामान्य जनजीवन ठप हो गया है। भ्रष्ट एमसीडी, दिल्ली जल बोर्ड, लोक निर्माण विभाग और बाढ़ विभाग में से किसी ने भी नालों की सफाई नहीं की। सभी 4 विभागों ने न केवल दिल्ली वासियों को निराश किया है, बल्कि नालों की सफाई के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी भी की है। इस घोटाले में मेयर, पीडब्ल्यूडी मंत्री और डीजेबी मंत्री सहित मुख्यमंत्री की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए।

कांग्रेस कार्यकर्ता पीडि़तों की मदद करें : राहुल गांधी

इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में भारी बारिश, भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वे लोगों की मौत से दुखी हैं। उन्होंने जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य और लोगों की मदद करने की अपील की है। पूर्व पार्टी प्रमुख ने कहा कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे राहत कार्यों में अधिकारियों की मदद करें। हम सभी को मिलकर इस प्राकृतिक आपदा की कठिन चुनौतियों का सामना करना होगा।

किसी पर आरोप लगाने का वक्तनहीं : केजरीवाल

लगातार भारी बारिश के कारण शहर की स्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दोपहर सचिवालय में बैठक बुलाई। बैठक में मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और संबंधित अधिकारी शामिल हुए। बैठक में यमुना नदी के स्तर में बढ़ोतरी पर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में बारिश का कई वर्षो का रिकॉर्ड टूटा है। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा से लगातार खबर आ रही हैं। इस समय किसी पर आरोप लगाने का वक्त नहीं है एक दूसरे का साथ देने का टाइम है। 40 साल में इतनी बारिश पहली बार हुई। इतनी बारिश को बर्दाश्त करने के लिए दिल्ली का सिस्टम तैयार नहीं है।

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में बिगड़े हालात

गौरतलब है कि भारी बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत में तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 11 मौतें हिमाचल में हुईं। इसके अलावा, यूपी में 8, उत्तराखंड में 6, दिल्ली में 3, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व पंजाब में दो-दो की जान गई। हिमाचल के मंडी में ब्यास नदी के उफान में 40 साल पुराना पुल बह गया है। दिल्ली में 41 साल बाद जुलाई में एक दिन में 153 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश के चलते उत्तर रेलवे ने 17 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। 12 ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े हैं।

ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम झटका

  • शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई-ईडी की जांच पर रोक लगाने से इनकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी को राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने अभिषेक के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभिषेक बनर्जी चाहें तो मामला निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल कर सकते हैं।

बनर्जी ने ईडी को लिखा था पत्र

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने ईडी के सहायक निदेशक को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने कहा, वर्तमान में, मैं कोलकाता में नहीं हूं और पश्चिम बंगाल के लोगों से जुडऩे के लिए एक राज्यव्यापी यात्रा के हिस्से के रूप में यात्रा कर रहा हूं। आगे, चूंकि राज्य के लिए पंचायत चुनाव 8 जुलाई को होने की घोषणा की गई है, इसलिए मैं तैयारी में लगा हुआ हूं। मांगी गई अधिकांश जानकारी और दस्तावेज पहले से ही उपयुक्त सरकारी विभागों के पास उपलब्ध हैं।

मणिपुर हिंसा पर सप्रीम कोर्ट की चेतावनी

  • हिंसा को और बढ़ाने के लिए न करें कोर्ट का इस्तेमाल
  • याचिकाकर्ता ठोस सुझाव के साथ यहां आएं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर हिंसा से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के मंच का इस्तेमाल मणिपुर में हिंसा को और बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा जनहित याचिकाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम केवल राज्य द्वारा उठाए जा रहे कदमों की निगरानी कर सकते हैं और यदि अतिरिक्त उपाय किए जा सकते हैं तो कुछ आदेश पारित कर सकते हैं। लेकिन हम सुरक्षा तंत्र नहीं चला सकते। मणिपुर सरकार ने स्थिति पर नवीनतम स्थिति रिपोर्ट सौंपी, जबकि इस पर सुनवाई मंगलवार को फिर से शुरू होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले को पूरी संवेदनशीलता के साथ उठा सकते हैं क्योंकि किसी भी गलत सूचना से स्थिति बिगड़ सकती है। याचिकाकर्ताओं के वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा कि मणिपुर की स्थिति में गंभीर वृद्धि हुई है।

सुरक्षा तंत्र या कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी : चंद्रचूड़

सीजेआई ने गोंसाल्वेस से कहा कि आपका संदेह हमें कानून व्यवस्था संभालने के लिए प्रेरित नहीं कर सकता। जैसा कि गोंसाल्वेस ने तर्क दिया कि कथा मणिपुर में आदिवासियों के खिलाफ है, सीजेआई ने कहा, हम नहीं चाहते कि इस कार्यवाही को राज्य में मौजूद हिंसा और अन्य समस्याओं को और बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया जाए। हम नहीं चलाते हैं। सुरक्षा तंत्र या कानून व्यवस्था। यदि आपके पास सुझाव हैं तो हम ले सकते हैं।

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