बिहार में बच्ची की मौत पर सियासत में उबाल

एलजेपीआर नेता पुत्र पर हत्या का आरोप

राजद व जदयू में आरोप-प्रत्यारोप जारी, तेजस्वी ने नीतीश सरकार को घेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले में एक 13 वर्षीय बच्ची की संदिग्ध मौत का मामला अब राजधानी पटना के सियासी गलियारों तक पहुंच चुका है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सक्रियता के बाद यह घटना न सिर्फ राजनीतिक तूल पकड़ चुकी है, बल्कि दलित उत्पीडऩ के आरोपों के कारण सामाजिक रूप से भी संवेदनशील बन गई है।
तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर न सिर्फ सरकार पर सीधा हमला बोला, बल्कि राजद की एक जांच टीम को मौके पर भेजकर पीड़ित परिवार से मुलाकात भी करवाई। टीम के नेतृत्व में पहुंचे पूर्व मंत्री सह राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश पासवान ने मोबाइल पर तेजस्वी यादव की पीड़ित परिवार से बात कराई। इस बातचीत में तेजस्वी यादव ने पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाया और पार्टी नेताओं को अंतिम दम तक संघर्ष करने का निर्देश दिया।

मृतका के पिता ने लगाए गंभीर आरोप

वहीं, दर्ज प्राथमिकी में मृतका के पिता विनय पासवान ने साफ तौर पर घटना को सुनियोजित साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि होली खेलने के दौरान कुछ स्थानीय बच्चों द्वारा एक घर की दीवार पर कीचड़ गिर जाने के बाद, मनोज सिंह, विनोद सिंह और रंजन कुमार उर्फ सन्नी ने बच्चों से गाली-गलौज की और धमकी दी। इसके बाद रंजन कुमार ने जानबूझकर कार चलाकर बच्ची को टक्कर मारी, जिससे उसकी मौके पर ही हालत गंभीर हो गई और बाद में अस्पताल में मौत हो गई। साथ ही उनकी पत्नी की बहन की बेटी मुस्कान कुमारी भी घायल हुई, जिसका इलाज चल रहा है।

मुख्य आरोपी लोजपा (रामविलास) नेता का बेटा

इस मामले में सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि मुख्य आरोपी रंजन कुमार उर्फ सन्नी, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव और रफीगंज से विधानसभा चुनाव लड़ चुके मनोज सिंह का बेटा है। मनोज सिंह और उनके भाई विनोद सिंह भी इस मामले में सह आरोपी हैं। इसी कारण घटना ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया है और अब यह सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी लड़ाई का मुद्दा बन गया है।

राजद प्रतिनिधिमंडल ने जताई गहरी आशंका

पीडि़त परिवार से मुलाकात के बाद राजद के प्रतिनिधिमंडल के संयोजक डॉ. सुरेश पासवान ने कहा कि यह महज दुर्घटना नहीं लगती, बल्कि एक इरादतन हमला प्रतीत होता है। उन्होंने बताया कि घटना की शुरुआत एलजेपीआर नेता के घर की दीवार पर होली की कीचड़ पडऩे से हुई, जिसके बाद गाली-गलौज और फिर जानलेवा हमला हुआ। उन्होंने पुलिस से आरोपियों के मोबाइल का सीडीआर खंगालने और घटनास्थल की पूरी फॉरेंसिक जांच करने की मांग की। डॉ. पासवान ने कहा कि राजद इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से भी मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग करेगी। प्रतिनिधिमंडल में राजद के एससी-एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनील कुमार साधु, जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुशवाहा, प्रदेश महासचिव युसूफ आजाद अंसारी सहित कई नेता शामिल थे।

पूर्व सांसद ने की निष्पक्ष जांच की मांग

वहीं, औरंगाबाद के पूर्व सांसद व भाजपा नेता सुशील सिंह ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों के साथ हैं और निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक और जातीय भावनाओं को भडक़ाने वाली खबरों से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, जबकि एक व्यक्ति की गलती पूरे समाज पर थोपना उचित नहीं है।

एलजेपीआर नेताओं ने भी पीडि़त परिवार से की मुलाकात

घटना के बाद एलजेपीआर के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने भी पीडि़त परिवार से मिलकर सांत्वना दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी भी अपने स्तर से जांच कर रही है और पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

यूपी में 32 आईपीएस अधिकारी इधर से उधर

हेमंत कुटियाल को पुलिस उप महानिरीक्षक सेनानायक, विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा, के साथ-साथ अतिरिक्त प्रभार कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं मुख्यालय से पुलिस उपमहानिरीक्षक, एसएसएफ, की जिम्मेदारी मिली है
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस तंत्र में बड़ा फेरबदल किया गया है। मंगलवार को सुबह-सुबह 32 आईपीएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। शासन के निर्देश पर डीजीपी मुख्यालय ने 32 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। हेमंत कुटियाल को पुलिस उप महानिरीक्षक सेनानायक, विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा, लखनऊ के साथ-साथ अतिरिक्त प्रभार कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं मुख्यालय, लखनऊ से पुलिस उपमहानिरीक्षक, एसएसएफ, लखनऊ की जिम्मेदारी मिली है।
वहीं शालिनी को पुलिस उपमहानिरीक्षक/सेनानायक, 41वीं वाहिनी पीएसी, गाजियाबाद से पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी अनुभाग, मुरादाबाद बनाया गया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक सेनानायक, 49वीं वाहिनी पीएसी, गौतमबुद्धनगर में तैनात स्वप्निल ममगाई को पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीएसी अनुभाग, मेरठ बनाया गया है।
वहीं डी. प्रदीप कुमार को पुलिस उपमहानिरीक्षक सेनानायक, 48वीं वाहिनी पीएसी सोनभद्र से पुलिस उपमहानिरीक्षक/अतिरिक्त सचिव, उप्र पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड, लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है। अरुण कुमार श्रीवास्तव को पुलिस उपमहानिरीक्षक/ सेनानायक, 10थी याहिनी पीएसी बाराबंकी से पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीएसी अनुभाग, अयोध्या की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं सूर्यकांत त्रिपाठी को पुलिस उपमहानिरीक्षक पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट, वाराणसी से पुलिस उपमहानिरीक्षक, फायर सर्दिस मुख्यालय, लखनऊ भेजा गया है।
विकास कुमार वैद्य को पुलिस उपमहानिरीक्षक/सेनानायक, 39वीं वाहिनी पीएसी मिर्जापुर से पुलिस उपमहानिरीक्षक, स्थापना, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उप्र, लखनऊ भेजा गया है। इसके अलावा राजेश कुमार सक्सेना को पुलिस पुलिस उपमहानिरीक्षक सेनानायक, सेनानायक, 25वीं वाहिनी पीएसी रायबेरली से पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीटीएस सुल्तानपुर की जिम्मेदारी दी गई है।

सुनीता सिंह बनीं डीआईजी पीएसी मुख्यालय

सुनीता सिंह को पुलिस उपमहानिरीक्षक/सेनानायक, 37वीं वाहिनी पीएसी कानपुर से पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीएसी मुख्यालय, लखनऊ भेजा गया है। वहीं कमला प्रसाद यादव को पुलिस उपमहानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, उप्र, लखनऊ से पुलिस उपमहानिरीक्षक, भ्रनिसं, उप्र, लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है। तेज स्वरूप सिंह को पुलिस उपमहानिरीक्षक/पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट, लखनऊ से पुलिस उपमहानिरीक्षक, कार्मिक, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उप्र, लखनऊ भेजा गया है। हृदेश कुमार को पुलिस उपमहानिरीक्षक/पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट, वाराणसी से पुलिस उपमहानिरीक्षक, ईओडब्ल्यू मुख्यालय लखनऊ भेजा गया है।

प्रतीक्षारत पुलिस महानिरीक्षक डॉ. प्रीतिन्दर सिंह की भी तैनाती

प्रतीक्षारत पुलिस महानिरीक्षक डॉ प्रीतिन्दर सिंह को पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी, मध्य जोन, लखनऊ बनाया गया है। अपर्णा कुमार को पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी, मध्य जोन, लखनऊ से पुलिस महानिरीक्षक, मानवाधिकार, उप्र, लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं अशोक कुमार को पुलिस उपायुक्त/अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्धनगर से पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय अभिसूचना, गोरखपुर बनाया गया है।

ईडी ने लालू, राबड़ी और तेजप्रताप को किया तलब

जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने जमीन के बदले नौकरी धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजप्रताप यादव को तलब किया है। इस मामले में अब ईडी एक्शन मोड में आ गई है।
ये जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को साझा की है। 76 वर्षीय लालू प्रसाद यादव को बुधवार को पटना में संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है, जबकि उनके परिजनों को मंगलवार को पेश होने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि तीनों के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए जाने हैं। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हो सकते हैं। इस मामले में प्रसाद और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है।

पिछले साल ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था। जांच इस आरोप से संबंधित है कि प्रसाद ने केंद्र में यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के स्थानापन्नों की नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के अनुसार, उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करनेके लिए कहा गया था, ईडी ने पहले एक बयान में कहा था। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है।

दंगे और मस्जिद पर हमले आरएसएस व बीजेपी का काम : संजय राउत

बोले शिवसेना यूबीटी नेता- औरंगजेब की कब्र शौर्य का प्रतीक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। औरंगजेब की कब्र पर महाराष्ट्र में शुरू हुई सियासत के बीच नागपुर में हिंसा भडक़ी है। इसी बीच उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नेता संजय राउत के बयान पर सियासत गरमा गई है। संजय राउत ने कहा है कि औरंगजेब की कब्र को नहीं हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि नागपुर में दंगा हिंदुओं ने भडक़ाया। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस सरकार पर भी निशाना साधा। संजय राउत ने कहा कि आक्रमक महाराष्टï्र, छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा के ऊपर विजय प्राप्त नहीं कर पाए। उनकी कब्र महाराष्ट्र में बनानी पड़ी। यह इतिहास है और इतिहास वैसा ही रहना चाहिए। लेकिन कुछ लोग अब नए-नए हिंदुत्ववादी पैदा हुए हैं। नये लोगों को इतिहास का क्या पता? उन्होंने कहा कि उन्हें महंगाई पर, किसानों की आत्महत्या पर बोलना चाहिए। इन मुद्दों को लेकर आंदोलन करना चाहिए। संजय राउत ने कहा कि नागपुर हिंसा का कोई कारण नहीं है। नागपुर में क्रस्स् का मुख्यालय है। साथ ही, यह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का क्षेत्र भी है। इसका मतलब है कि हिंसा फैलाने की हिम्मत कौन कर सकता है? उन्होंने कहा कि एक नया पैटर्न दिख रहा है। यह पैटर्न हिंदुओं को डराने और एक ही समुदाय के लोगों को आपस में लड़ाने का है।
उनका कहना है कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिससे लोग डरें और आपस में झगड़ा करें। यह हिंदुओं को डराने का एक नया तरीका है, अपने ही लोगों से उन पर हमला करवाना और फिर उन्हें दंगों में भडक़ाना और शामिल करना। औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी हो रहा है वह लोगों के दिमाग में डर पैदा करने के लिए है। वे महाराष्ट्र और देश को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि औरंगजेब की कब्र को लेकर जो लोगों की भूमिका है, वही हमारी है। इस सवाल का जवाब देते हुए संजय राउत ने कहा कि लोगों की कोई भूमिका नहीं है। एकनाथ शिंदे की भी कोई भूमिका नहीं है। यह अमित शाह की भूमिका है और एकनाथ शिंदे बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शौर्य का प्रतीक कभी टूटना नहीं चाहिए, यह हमारी भूमिका है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से इतना बड़ा युद्ध किया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद भी 25 साल औरंगजेब महाराष्ट्र में लड़ता रहा, लेकिन विजय प्राप्त नहीं कर सका। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र है और यह आने वाली पीढय़िों को इतिहास दिखना चाहिए। चाहें अफजल खान की कब्र हो या औरंगजेब की कब्र हो। अगर इतिहास को कोई समझने को तैयार नहीं, तो वो इतिहास के दुश्मन हैं।

पीएम मोदी दें आधिकारिक आदेश

संजय राउत ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट के तहत मामले दर्ज करें। रूष्टह्रष्ट्र एक कानून है। उन्होंने कहा कि आप औरंगजेब की कब्र के बारे में बात करते हैं, इसे हटाने की बात क्यों करते हैं? क्या कारण है। जब हमने बाबरी (मस्जिद) के लिए कारसेवा (स्वैच्छिक सेवा) की तो कांग्रेस सरकार थी, लेकिन अब आपकी सरकार है तो क्या कारण है? उन्होंने कहा कि लोगों को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाना चाहिए। उन्हें औरंगजेब की कब्र को गिराने का आधिकारिक आदेश लेना चाहिए।संजय राउत ने कहा कि देश में नरेंद्र मोदी, आरएसएस की सरकार है तो आंदोलन करने की क्या जरूरत है? एक फरमान निकालो और औरंगजेब की कब्र को हटाओ, पीएम मोदी और फडणवीस को किसने रोका है। आंदोलन का नाटक बंद करो। इससे बाहर लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है।

 

सदन में विपक्ष का प्रहार, कांग्रेस व टीएमसी नेे घेरा

राज्यसभा में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे पर चर्चा की मांग, अनुमति नहीं मिलने पर विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट

पीएम मोदी ने कुंभ पर दिया लोस में बयान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। होली के बाद शुरू हुई संसद में फिर हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने कई मुद्दों को लेकर सदन में एनडीए सरकार को घेराद्घ उधर संसद की कार्यवाही में कांग्रेस-टीएमसी ने राज्यसभा में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। जिसकी अनुमति नहीं दी गई तो विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
बता दें संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। 10 मार्च से शुरू हुआ ये सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा. इस चरण में कुल 16 बैठकें होने वाली हैं। इस सत्र में सरकार वक्फ संशोधन समेत करीब 36 बिल पेश करेगी। उधर लोस में पीएम मोदी ने कहा, हमने डेढ़ महीने तक भारत में महाकुंभ का उत्साह देखा। उमंग को अनुभव किया। कैसे सुविधा-असुविधा की चिंता से ऊपर उठते हुए कोटि-कोटि श्रद्धा भाव से जुटे। ये हमारी बहुत बड़ी ताकत है। ये उमंग, ये उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। बीते हफ्ते मैं मॉरीशस में था। मैं त्रिवेणी से महाकुंभ का पावन जल लेकर गया था, जब उस पवित्र जल को मॉरीशस के गंगा तलाब में अर्पित किया गया तो वहां जो श्रद्धा, आस्था, उत्सव का माहौल था, वो देखते ही बनता था। ये दिखाता है कि आज हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कारों को आत्मसात करने की, उन्हें सेलिब्रेट करने की भावना कितनी प्रबल हो रही है।

अवधेश प्रसाद ने पीएम मोदी के भाषण पर उठाए सवाल

प्रधानमंत्री के भाषण के बाद विपक्ष ने अपनी बात रखने की मांग की, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला। विपक्ष ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने एकतरफा भाषण दिया और सदन में किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर नहीं दिया। समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि पीएम मोदी ने मृतकों का जिक्र नहीं किया जो उनके असंवेदनशील व्यवहार को दर्शाता है। इसी वजह से विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया।

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